Pramod Yadav Murder: BJP नेता प्रमोद यादव के पिता की भी ऐसे ही हुई थी हत्या, 44 साल पुरानी यादें हुईं ताजा; परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
प्रमोद यादव के पिता राजबली यादव युवावस्था से ही जनसंघ से जुड़कर राजनीति करते रहे। मौजूदा समय में मल्हनी विधानसभा क्षेत्र का नाम तब रारी हुआ करता था। जनसंघ के टिकट पर राजबली यादव वर्ष 1977 व 1979 में रारी से चुनाव लड़े थे। वर्ष 1980 में वह गूलरघाट वाले मकान से देररात बाइक से गांव वाले घर जा रहे थे। रास्ते में राजबली की हत्या कर दी थी।
संवाद सूत्र, सिकरारा (जौनपुर)। भाजपा के जिला मंत्री प्रमोद यादव की गुरुवार की सुबह गोलियों से छलनी कर हत्या की वारदात ने करीब 44 वर्ष पूर्व इसी अंदाज में हुई उनके पिता राजबली यादव को मौत के घाट उतारने की वारदात की याद ताजा कर दी। गंवई राजनीति ही पिता के बाद पुत्र की भी हत्या का कारण बनी। रायबरेली-जौनपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बोधापुर गांव के मोड़ पर जहां प्रमोद यादव की हत्या जहां की गई वहीं से लगभग 500 मीटर की दूरी पर गांव के रास्ते पर ही उनके पिता की वर्ष 1980 में गोली मारकर हत्या की गई थी।
बोधापुर गांव निवासी राजबली यादव युवावस्था से ही जनसंघ से जुड़कर राजनीति करते रहे। उनका एक मकान शहर के गूलरघाट में भी है। मौजूदा समय में मल्हनी विधानसभा क्षेत्र का नाम तब रारी हुआ करता था। जनसंघ के टिकट पर राजबली यादव वर्ष 1977 व 1979 में रारी से चुनाव लड़े थे। हालांकि, दोनों ही बार उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था।
गांव के रास्ते पर ही हुई थी राजबली यादव की हत्या
वर्ष 1980 में वह गूलरघाट वाले मकान से देररात बाइक से गांव वाले घर जा रहे थे। मुख्य मार्ग से गांव के रास्ते पर मुरकुटा महावीर मंदिर के पास अज्ञात हमलावरों ने राजबली यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी। तब प्रमोद यादव की उम्र लगभग 14 वर्ष थी। युवावस्था में कदम रखने पर प्रमोद यादव का राजनीति करने का मन हुआ तो पिता की तरह जनसंघ की जगह अस्तित्व में आई भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। प्राइवेट बस का संचालन व खेती करते हुए राजनीति में भी पर्याप्त समय देते रहे।प्रमोद यादव सिकरारा ब्लॉक प्रमुख का भी चुनाव लड़ चुके थे। उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2012 में भाजपा ने मल्हनी विधानसभा सीट से प्रमोद यादव को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था। पर्चा निरस्त हो जाने के कारण वह चुनाव नहीं लड़ सके थे।भाजपा ने जिले की राजनीति में प्रमुख ओबीसी चेहरा दर्शाते हुए भाजपा किसान मोर्चा की जिला इकाई का अध्यक्ष बनाया था। कार्यकाल समाप्त होने पर सक्रियता व संगठन के प्रति समर्पण देखते हुए पार्टी की जिला इकाई में मंत्री पद का दायित्व दे रखा था। मृत प्रमोद यादव के भतीजे संजय यादव की तहरीर पर एक नामजद व तीन अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर पुलिस छानबीन में जुटी है।
बोधापुर गांव में पसरा सन्नाटा, स्वजन के नहीं थम रहे आंसू
पोस्टमार्टम के पश्चात प्रमोद यादव के पार्थिव शरीर को भाजपा के झंडे में लपेटा गया। स्वजन शव लेकर घर पहुंचे तो करुण क्रंदन होने लगा। सदमे की हालत में पत्नी कलावती देवी शव से लिपटकर रोने लगीं। पति के सामाजिक कार्यों का हवाला देते हुए बार-बार वह यही कह रही थीं कि आखिर किसने और क्यों मेरा सुहाग उजाड़ दिया। पांच भाइयों में दूसरे नंबर पर प्रमोद यादव समाजसेवा में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। बैंक में कार्यरत बड़ा बेटा सिद्धार्थ पिता की हत्या की खबर लगते ही जिला अस्पताल पहुंच गया। छोटा बेटा सिद्धांत यादव उर्फ बबलू एलएलबी की पढ़ाई व बेटी रूबी इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही है। प्रमोद के भाइयों का भी रो-रोकर बुरा हाल है।
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