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    जौनपुर में मतदाताओं का नाम गलत ढंग से काटने की अख‍िलेश यादव ने की श‍िकायत, डीएम ने द‍िया यह जवाब

    जौनपुर में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पांच मतदाताओं के नाम काटने की शिकायत चुनाव आयोग से की थी। जिलाधिकारी की जांच में शिकायत गलत पाई गई। जांच में पता चला कि मतदाता 2022 में ही मृत घोषित किए गए थे जिसके बाद उनके नाम सूची से हटा दिए गए थे। जिलाधिकारी ने कहा कि शिकायत भ्रामक है।

    By Abhishek Sharma Edited By: Abhishek Sharma Updated: Wed, 20 Aug 2025 01:47 PM (IST)
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    अखि‍लेश यादव के आरोपों पर जौनपुर डीएम ने द‍िया जवाब।

    जागरण संवाददाता, जौनपुर। वोट चोरी की श‍िकायतों के मामले बढ़ने के बीच स‍ियासी आरोप प्रत्‍यारोप का दौर भी जारी है। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी मुख‍िया अख‍िलेश यादव ने जौनपुर ज‍िले में भी पांच वोटरों का नाम काटने की श‍िकायत की थी।

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    अब ज‍िला प्रशासन ने उस मामले में स्‍पष्‍टीकरण जारी क‍िया है जो खूब चर्चा में है। सदर विधानसभा क्षेत्र 366 के पांच मतदाताओं के नाम गलत तरीके से काटे जाने की शिकायत सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा चुनाव आयोग में की गई थी। इस मामले की जांच जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र ने कराई। जांच में पाया गया कि शिकायत में कोई तथ्य नहीं है और यह पूरी तरह से गलत व भ्रामक है।

    जिलाधिकारी ने बताया कि सदर विधानसभा क्षेत्र के पांच मतदाताओं के नाम काटने की शिकायत की गई थी। इस शिकायत की जांच ईआरओ द्वारा की गई। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि पांचों मतदाता अब जीवित नहीं हैं। नियमानुसार, उनके नाम वर्ष 2022 में ही मतदाता सूची से काटे जा चुके हैं। इस बात की पुष्टि मतदाताओं के परिवार के सदस्यों और स्थानीय सभासद ने भी की है।

    जिलाधिकारी ने कहा कि इस मामले में एक्स पर भी जानकारी साझा की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिकायत पूरी तरह से भ्रामक और निराधार है। नामों के काटने में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं की गई है। इस प्रकार, यह मामला एक राजनीतिक विवाद के रूप में उभरा है, जिसमें सपा अध्यक्ष ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया। हालांकि, जांच के परिणामों ने यह साबित कर दिया कि आरोप निराधार थे। यह घटना चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को दर्शाती है।

    जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी मतदाताओं से अपील की कि वे किसी भी प्रकार की गलत जानकारी या अफवाहों पर ध्यान न दें। इस मामले ने यह भी स्पष्ट किया है कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। मतदाता सूची में किसी भी प्रकार के परिवर्तन को उचित प्रक्रिया के तहत ही किया जाना चाहिए।

    जौनपुर सदर विधानसभा क्षेत्र में हुई इस घटना ने चुनावी प्रक्रिया की गंभीरता को उजागर किया है। इस मामले में जिलाधिकारी की जांच ने यह साबित कर दिया कि चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है और सभी प्रक्रियाएं नियमानुसार पूरी की गई हैं।