Jaunpur train bombing: आतंकियों ने सुबूत मिटाने के लिए घर को बम से उड़ा दिया था, 52 लोगों की हुई थी मौत
28 जुलाई 2005 को श्रमजीवी एक्सप्रेस में हुए विस्फोट मामले में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार राय ने बुधवार को नफीकुल विश्वास व हिलालुद्दीन उर्फ हिलाल को फांसी की सजा सुनाई। बांग्लादेश के राजशाही में शरीफ उर्फ कंचन व डाक्टर सईद सहित सात आतंकियों ने भारत में ट्रेन में विस्फोट का षडयंत्र रचा। सबूत मिटाने के लिए आतंकियों ने दो मंजिले मकान को बम से उड़ा दिया था।
जागरण संवाददाता, जौनपुर। 28 जुलाई 2005 को श्रमजीवी एक्सप्रेस में हुए विस्फोट मामले में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार राय ने बुधवार को नफीकुल विश्वास व हिलालुद्दीन उर्फ हिलाल को फांसी की सजा सुनाई।
बांग्लादेश के राजशाही में शरीफ उर्फ कंचन व डाक्टर सईद सहित सात आतंकियों ने भारत में ट्रेन में विस्फोट (2005 Jaunpur train bombing) का षडयंत्र रचा। श्रमजीवी विस्फोट कांड के बाद सुबूत मिटाने के लिए आतंकियों ने 15 सितंबर 2005 को हकीम मियां के दो मंजिला मकान व दुकान म धमाके से उड़ा दिया था। उस घटना में 52 लोगों की मौत हुई थी।
जांच में खुला था आंतकी कनेक्शन का राज
तत्कालीन डीजीपी ने शुरुआत में इसे आतंकी घटना मानने से इन्कार करते हुए हादसा बताया था। बाद में जांच में सामने आया कि धमाका श्रमजीवी विस्फोट कांड के आतंकियों द्वारा कराया गया था। मकान की राख विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजी गई तो उसमें मिले विस्फोटक श्रमजीवी विस्फोट कांड में इस्तेमाल विस्फोटक से मेल खाते थे।आतंकी संगठन हूजी के हिलालुद्दीन उर्फ हिलाल, रोनी उर्फ आलमगीर तथा लश्कर-ए-तैयबा के ओबैदुर्रहमान व याहिया पद्मा नदी पार कर बंगाल के रास्ते भारत में घुसे।
अटैची रखते देखा था
घायल राजेश व रणजीत ने विस्फोट में घायल गवाह राजेश व रणजीत ने कोर्ट में बयान दिया था कि पटना में दो व्यक्ति विस्फोट वाले डिब्बे में सीट के नीचे अटैची रखे थे। यात्रा के दौरान बार-बार उसे देख भी रहे थे। बाद में हरिहरपुर के पास इस अटैची में विस्फोट हुआ। दोनों युवकों ने चेन पुलिंग का प्रयास किया था।ट्रेन न रुकने पर दोनों चलती ट्रेन से कूद गए थे, बाद में राजेश व रणजीत ने कोर्ट में गवाही के दौरान हिलाल व रोनी को देखकर कहा था कि बिल्कुल ऐसे ही व्यक्ति ट्रेन में सीट के नीचे अटैची रखे थे।
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