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बंदियों की बढ़ती संख्या से सांसत में जेल प्रशासन

जागरण संवाददाता जौनपुर कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार बढ़ते खतरे के बीच जिला कारागार

By JagranEdited By: Updated: Mon, 26 Apr 2021 05:09 PM (IST)
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बंदियों की बढ़ती संख्या से सांसत में जेल प्रशासन

जागरण संवाददाता, जौनपुर: कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार बढ़ते खतरे के बीच जिला कारागार प्रशासन की जान सांसत में पड़ गई है। वजह यह है कि पिछले सप्ताह से कई दिन न्यायालय बंद रहने से बंदियों की संख्या बढ़ती जा रही है। पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार कर चालान कर रही है और जमानत न होने पर उन्हें जेल में दाखिल करा देती है। जेल प्रशासन को चिता इस बात की है कि यदि बंदियों में संक्रमण फैला तो जेल में स्थिति विस्फोट हो सकती है। फिलहाल जेल प्रशासन बंदियों को संक्रमित होने से बचाने को हर जतन कर रहा है।

डेढ़ सौ साल से अधिक पुराने जिला कारागार की बंदी क्षमता 320 बंदियों की है। पिछले लॉकडाउन में प्रभारी जेल अधीक्षक राज कुमार ने दो बैरकों के बरामदे को बैरक बनाकर क्षमता करीब चार सौ की कर दी है। सोमवार की सुबह बंदियों की संख्या 1059 अर्थात क्षमता से करीब तीन गुना अधिक रही। 21 अप्रैल को बंदियों की संख्या 1053 थी, जबकि तीन और नए आ गए और एक रिहा हुआ। 22 अप्रैल को तीन नए बंदियों के आने पर संख्या 1058 हो गई। 24 अप्रैल को एक बंदी आया जबकि छह रिहा हुए तो संख्या घटकर 1053 हुई, लेकिन 25 अप्रैल को छह नए बंदी आ गए। बंदियों की बढ़ती संख्या के बावजूद जेल प्रशासन संक्रमण से बचाव को हरसंभव उपाय कर रहा है। इसी कड़ी में अब क्वारंटाइन व्यवस्था तीन स्तरीय कर दी गई है। पहले एक क्वारंटाइन बैरक थी। इसमें नए बंदियों को 14 दिन रखा जाता था। अब एक क्वारंटाइन बैरक के अलावा एक और बैरक ऐसी बनाई गई जिसमें उन बंदियों को रखा जाता है, जिन्हें सर्दी, जुकाम या बुखार की शिकायत होती है। इलाज के बाद ठीक हो जाने पर ही उन्हें नए बंदियों के साथ रखा जाता है। नए बंदियों के 14 दिन पूरे कर लेने के बाद जांच के पश्चात मुख्य बैरक में भी रखा जाता है तो पहले से निरुद्ध बंदियों से अलग बैरक में।

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बंदी कोरोना संक्रमित न हों, इसके लिए हर प्रयास किए जा रहे हैं। 190 बंदियों का वैक्सीनेशन हो चुका है। अन्य के लिए स्वास्थ्य विभाग को लिखा जा रहा है। दूसरी पाली में नियमित इम्युनिटी बढ़ाने को काढ़ा दिया जा रहा है। बार-बार हाथ धुलने के लिए साबुन दिया जा रहा है।

-राज कुमार, प्रभारी जेल अधीक्षक।

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