घर से बिना बताए गंगा आरती देखने निकली दो किशोरियां, ट्रेन में आ गई नींद, बनारस की जगह पहुंच गईं जौनपुर; फिर ऐसे पहुंची कोलकाता
दस मई की शाम जीआरपी थानाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सोनकर महिला कांस्टेबल पम्मी चौरसिया व आरपीएफ एएसआइ वीरेंद्र प्रताप सिंह के साथ प्लेट फार्म पर गश्त कर रहे थे। इसी दौरान 14 वर्षीय दो किशोरियां डरी-सहमी अवस्था में दिखीं। इनमें एक हावड़ा (बंगाल) के मोती घोष लेन निवासी दीपक जायसवाल की पुत्री वैष्णवी जायसवाल व दूसरी गणेश शर्मा की पुत्री रिया शर्मा थीं।
संवाद सहयोगी, जौनपुर। कोलकाता से घर वालों को बिना बताए गंगा आरती देखने निकलीं दो किशोरियां ट्रेन में नींद लग जाने से जौनपुर जंक्शन (भंडारी स्टेशन) पहुंच गईं। संयोग से राजकीय रेलवे पुलिस ने उन्हें अभिरक्षा में ले लिया। पूछताछ के बाद सूचना दिए जाने पर शनिवार को स्वजन आए और दोनों को घर ले गए। स्वजन ने रेलवे पुलिस के प्रति आभार जताया।
दस मई की शाम जीआरपी थानाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सोनकर महिला कांस्टेबल पम्मी चौरसिया व आरपीएफ एएसआइ वीरेंद्र प्रताप सिंह के साथ प्लेट फार्म पर गश्त कर रहे थे। इसी दौरान 14 वर्षीय दो किशोरियां डरी-सहमी अवस्था में दिखीं। इनमें एक हावड़ा (बंगाल) के मोती घोष लेन निवासी दीपक जायसवाल की पुत्री वैष्णवी जायसवाल व दूसरी गणेश शर्मा की पुत्री रिया शर्मा थीं। पूछने पर बताया कि दोनों सहेली हैं।
नींद लगने से बनारस की बजाय जौनपुर पहुंच गई किशोरी
बीते नौ मई को घर वालों को बिना बताए वाराणसी में गंगा आरती देखने के लिए दो जोड़ी कपड़े लेकर दून एक्सप्रेस पर सवार हो गईं। यात्रा के दौरान नींद लग जाने के कारण बनारस की बजाय जौनपुर स्टेशन आ गईं। पूछताछ के बाद थानाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सोनकर ने मोबाइल पर संपर्क कर स्वजन को सूचना दी।पिता व अन्य स्वजन शनिवार को जीआरपी थाना पहुंचे। किशोरियों को उनके स्वजन को सौंप दिया गया। रेलवे पुलिस के प्रति आभार जताते हुए स्वजन किशोरियों को लेकर घर चले गए।
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