UP News: यूपी के इस जिले में प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, आठ करोड़ रुपये की भूमि को कराया गया अतिक्रमण मुक्त
सतहरिया औद्योगिक क्षेत्र में रविवार को प्रशासन की ओर से बड़ी कार्रवाई करते हुए आठ करोड़ रुपये की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया। रोड संख्या तीन पर दो दशक से किए गए कब्जे को बुलडोजर से ढहा दिया गया। अतिक्रमण किए लोगों को कई बार नोटिस दिया गया था। बावजूद इसके कब्जा नहीं हटाया जा रहा था। इससे आठ औद्योगिक भूखंडों की आवंटन प्रक्रिया भी लंबे समय से रूकी थी।
संवाद सूत्र, मुंंगराबादशाहपुर (जौनपुर)। सतहरिया औद्योगिक क्षेत्र में रविवार को प्रशासन की ओर से बड़ी कार्रवाई करते हुए आठ करोड़ रुपये की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया। रोड संख्या तीन पर दो दशक से किए गए कब्जे को बुलडोजर से ढहा दिया गया। अतिक्रमण किए लोगों को कई बार नोटिस दिया गया था। बावजूद इसके कब्जा नहीं हटाया जा रहा था। इससे आठ औद्योगिक भूखंडों की आवंटन प्रक्रिया भी लंबे समय से रूकी थी। भारी पुलिस फोर्स के आगे कोई विरोध नहीं कर सका।
सीडा के दक्षिणी सेक्टर स्थित प्राधिकरण की भूमि पर पांच लोगों ने अतिक्रमण किया था। बसंतलाल, देवराज मौर्य, रामचन्दर यादव, राम जियावन मौर्य एवं रामराज मौर्य ने बीस हजार वर्गमीटर की भूमि पर कब्जा किया था, जिसका मूल्य आठ करोड़ रुपये है।
कब्जा खाली करने के लिए कई बार दिया गया नोटिस
कब्जा खाली किए जाने को लेकर सीडा प्रशासन द्वारा कई बार नोटिस दी गई, लेकिन कोई नहीं हटा। प्रेमा देवी द्वारा सीडा के विरूद्ध हाईकोर्ट में वाद दाखिल किया गया था, जिसे न्यायालय द्वारा लंबी सुनवाई के बाद वर्ष 2018 को खारिज कर दिया। इसके बाद भी अतिक्रमणकारियों ने कब्जा नहीं हटाया।
सीडा प्रशासन एवं जिला प्रशासन के सहयोग से एक वर्ष पूर्व पट्टा भी आवंटित कर दिया गया था, लेकिन भूमि खाली नहीं की गई।
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कार्रवाई के दौरान बिलखने लगी महिलाएं
अपना आशियाना ढहते देख महिलाएं बिलखने लगी।बच्चे रोने-चिल्लाने लगे लेकिन, प्रशासनिक अधिकारी अपनी मजबूरी बताकर उन्हें समझाते रहे कार्रवाई चलती रही।
भारी फोर्स के साथ मौजूद रही स्वास्थ्य टीम
हर स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक टीम ने पूरी व्यवस्था कर रखी थी। कार्रवाई शुरू होने के पूर्व सभी घरों की बिजली काट दी गई। रसोई गैस सिलेंडर सहित घरेलू सामान बाहर निकल दिया गया। किसी की तबीयत बिगड़े तो उसे उपचार देने स्वास्थ्य कर्मी भी मौके पर एम्बुलेंस के साथ डटे रहे।
अतिक्रमणकारियों को खुद से कब्जा हटाने के लिए लंबा समय दिया गया। इसके लिए बार-बार नोटिस भी दी गई, लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। आवासीय पट्टा देने के बाद भी कब्जा खाली नहीं किया जा रहा था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। अतिक्रमण की वजह से औद्योगिक भूखंड भी आवंटित नहीं हो पा रहे थे।
हर्ष प्रताप सिंह, उपायुक्त उद्योग।