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ट्रेनों की स़फाई को नापतौल से मिलेगा पानी

- पानी की बर्बादी रोकने के लिए रेलवे ने लागू की वॉटर पॉलिसी - मीटर से होगी सप्लाई, ऑटोमैटिक वॉल्व

By JagranEdited By: Updated: Mon, 26 Nov 2018 01:23 AM (IST)
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ट्रेनों की स़फाई को नापतौल से मिलेगा पानी

- पानी की बर्बादी रोकने के लिए रेलवे ने लागू की वॉटर पॉलिसी

- मीटर से होगी सप्लाई, ऑटोमैटिक वॉल्व भी लगेंगे

झाँसी : ट्रैक पर खुले पड़े पानी के नल, फैलता पानी बीते दिनों की बात होने वाली है - सम्बन्धित विभाग को अब इस पानी का हिसाब देना होगा। बर्बादी दिखी, तो कार्यवाही का सामना भी करना पड़ेगा। रेलवे को उम्मीद है कि अधिक खपत वाली जगहों पर मीटर्ड सप्लाई करने से स्थिति में सुधार आएगा।

पिट लाइन्स, ट्रेनों की धुलाई, रेलवे स्टेशन की स़फाई में पानी की खूब खपत होती है। रेलवे पानी का बहुत बड़ा खपतकर्ता है, पर कर्मचारियों की लापरवाही से स्टेशनों पर पानी की बड़े पैमाने पर बर्बादी अब आम बात हो चुकी है। कोई नल ख़्ाराब है, लीकेज है, तो पानी घण्टों तक फैलता रहता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि अब तक इस पानी का हिसाब नहीं होता था। पानी की बर्बादी रोकने के लिए रेलवे ने पिछले साल वॉटर पॉलिसी बनायी, पर इसका अनुपालन कहीं नहीं हुआ। इस पर नारा़ज रेलवे बोर्ड ने फौरन पॉलिसी लागू करने को कहा है। पॉलिसी में ऐसे कई प्राविधान हैं, जो पानी की बर्बादी को रोकने में कारगर साबित होंगे। पॉलिसी के तहत सबसे पहले अधिक खपत वाली जगहों को चिह्नित कर अनुमान लगाया जाएगा कि वहाँ कितनी सप्लाई से काम चल सकता है। ऐसी सभी जगहों की पानी की सप्लाई मीटर्ड कर दी जाएगी। इससे हर दिन यह देखा जा सकेगा कि कितना पानी वहाँ इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा रेलवे अब सभी पुराने नलों को बदलकर ऑटोमैटिक वॉल्व लगाएगा। ऐसा नहीं है कि इस पॉलिसी में सिर्फ पानी की बर्बादी रोकने का ही प्राविधान है। इससे यह भी तय होगा कि जहाँ पानी की ़जरूरत है, वहाँ पानी पहुँचा या नहीं। आये दिन रेलयात्री ट्रेन में पानी न होने को लेकर हंगामा करते रहते हैं। ऐसी शिकायतों पर बड़ी कार्यवाही इसलिए नहीं हो पाती, क्योंकि इसके पुख्ता सुबूत नहीं मिल पाते। जिन कर्मचारियों से जवाब माँगा जाता है, वे आरोपों से ही इन्कार कर देते हैं। व्यवस्था सालों से इसी ढर्रे पर चल रही है, इसलिए ट्रेन में पानी की फिलिंग की सप्लाई भी मीटर्ड की जा रही है। ट्रेन की टंकी से यह तय हो जाएगा कि सम्बन्धित जगह से अनुमानित कितना पानी ट्रेन में भरा गया। ऐसे में शिकायत पर कार्यवाही आसान हो जाएगी। इसके अलावा पॉलिसी में हर साल किसी एक यूनिट को वॉटर पॉ़िजटिव बनाने के निर्देश दिये गये हैं। पॉ़िजटिव यूनिट वह होगी, जिसमें उस साल खपत के बराबर या अधिक पानी री-साइकिल या रीचार्ज किया जाएगा। ऐसी यूनिट्स के मुखिया व कर्मचारियों को रेल अधिकारी सम्मानित करेंगे। निर्देश यह भी दिये गये हैं कि नियमित अभियान चलाकर अनाधिकृत ढंग से हो रहे पानी के उपयोग पर रोक लगायी जाए। इसके लिए कर्मचारी रेलवे पुलिस का सहयोग ले सकते हैं।

इन्होंने कहा

वॉटर पॉलिसी में पानी की सप्लाई को मीटर्ड करने का निर्देश मिला है। इससे खपत और उपयोग की मॉनिटरिंग हो सकेगी और कार्यवाही के डर से कर्मचारी गलतियाँ नहीं करेंगे।

- मनोज कुमार सिंह

जनसम्पर्क अधिकारी, मण्डल रेलवे (झाँसी)

फाइल : हिमांशु वर्मा

समय : 8.30 बजे

25 नवम्बर 2018

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