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व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी मानिकपुर रेल लाइन

- भीमसेन-खैरार खण्ड के रास्ते झाँसी स्टेशन लाई जायेंगी मालगाड़ियाँ - मेण्टेनेंस ब्लॉक के लिए मिलेगा

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Jun 2019 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 08 Jun 2019 06:27 AM (IST)
व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी मानिकपुर रेल लाइन

- भीमसेन-खैरार खण्ड के रास्ते झाँसी स्टेशन लाई जायेंगी मालगाड़ियाँ

- मेण्टेनेंस ब्लॉक के लिए मिलेगा पर्याप्त समय

झाँसी : मानिकपुर रेललाइन पर चल रहे विद्युतीकरण का काम पूरा होते ही रेलवे इस लाइन का उपयोग मालभाड़ा के रूप में करने लगेगा। इससे व्यापारियों को काफी राहत मिलेगी। कानपुर से आने वाली मालगाड़ियों को भीमसेन-खैरार के रास्ते झाँसी स्टेशन तक लाये जाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस ट्रैक का विद्युतीकरण होने के बाद बुन्देलखण्ड के कई स्टेशनों पर व्यापारियों द्वारा दूसरों शहरों में माल भेजने की सुविधा तो बढ़ेगी ही, साथ ही मालगाड़ियों के बोझ से दबे कानपुर-झाँसी ट्रैक को भी राहत मिल जाएगी। इस व्यवस्था के बाद सवारी गाड़ियों को समय के साथ संचालित कराया जा सकेगा।

मण्डल के जनसम्पर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया है कि वर्तमान में झाँसी से मानिकपुर तक सिंगल ट्रैक है। विद्युतीकरण न होने के कारण यहाँ डी़जल इंजन से ट्रेन संचालित की जाती हैं। इस रूट पर अप और डाउन की दिशा में 25 सवारी और 25 मालगाड़ी प्रतिदिन चलाई जाती है। रेलवे बोर्ड ने इस ट्रैक की विद्युतीकरण करने की योजना तैयार की थी। इस योजना के तहत झाँसी, खैरार, मानिकपुर और भीमसेन-खैरार स्टेशन के बीच कुल 408 किलोमीटर का विद्युतीकरण कार्य पूरा कराया जाना है। वर्तमान में 300 किलोमीटर से अधिक विद्युतीकरण का काम पूरा करा लिया गया है। शेष कार्य अगस्त माह तक पूरा कर लिया जाएगा। अभी कानपुर से झाँसी की ओर जो मालगाड़ियाँ लाई जाती हैं, उसमें समय अधिक लगता है और सवारी गाड़ियाँ भी प्रभावित होती हैं। अगस्त माह तक विद्युतीकरण का कार्य पूरा होते ही मालगाड़ियों को भीमसेन से खैरार और खैरार से झाँसी लाया जाएगा।

विद्युतीकरण के बाद बढ़ेगी गति

झाँसी-मानिकपुर ट्रैक पर कुल 9 ट्रेन हैं। इसमें से 2 पैसिंजर (झाँसी-इलाहाबाद व झाँसी-मानिकपुर) ट्रेन, 1 समर स्पेशल ट्रेन (झाँसी-रीवा), 1 मेल/एक्सप्रेस ट्रेन (बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस) व 5 सुपरफास्ट ट्रेन (ग्वालियर-हावड़ा व मथुरा-हावड़ा चम्बल एक्सप्रेस, यूपी सम्पर्क क्रान्ति एक्सप्रेस, महाकौशल एक्सप्रेस एवं तुलसी एक्सप्रेस) हैं। सुपरफास्ट ट्रेन इस सफर को पूरा कराने में अमूमन 7 घण्टे लेती हैं, तो मेल/एक्सप्रेस ट्रेन 8 व पैसिंजर ट्रेन को 9 घण्टे तक का समय लग जाता है। कोई भी ट्रेन यहाँ 50 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार नहीं पकड़ पाती, जबकि कुछ सेक्शन ऐसे भी हैं, जहाँ अधिकतम गति 110 किलोमीटर प्रति घण्टे तक स्वीकृत है। रेलवे ने इस कमी को दूर करने के लिए इस टै्रक का विद्युतीकरण कराया है। पीआरओ ने बताया कि झाँसी से मानिकपुर लाइन को विद्युतीकरण कराने का मुख्य उद्देश्य वर्तमान में ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाना और झाँसी-कानपुर लाइन से मालगाड़ियों का बोझ कम करना है। इसको लेकर बोर्ड स्तर पर मन्थन चल रहा है।

बीच में बॉक्स

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ट्रेन की औसत स्पीड

ट्रेन : श्रेणी : गति

0 चम्बल एक्सप्रेस : सुपरफास्ट : 53 किलोमीटर प्रति घण्टा

0 तुलसी एक्सप्रेस : सुपरफास्ट : 47 किलोमीटर प्रति घण्टा

0 यूपी सम्पर्क क्रान्ति एक्सप्रेस : सुपरफास्ट : 47 किलोमीटर प्रति घण्टा

0 बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस : मेल/एक्सप्रेस : 48 किलोमीटर प्रति घण्टा

0 महाकौशल एक्सप्रेस : सुपरफास्ट : 51 किलोमीटर प्रति घण्टा

0 पैसिंजर : पैसिंजर : 35 किलोमीटर प्रति घण्टा

नरेन्द्र प्रताप सिंह

समय 8.45

7 जून 19


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