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Sawan 2024: भोलेनाथ का प्रिय माह सावन शुरू, पहले सोमवार पर शिवालयों में उमड़े शिवभक्त; 72 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग

आज से देवों के देव महादेव का सबसे प्रिय मास सावन का आरंभ हो गया है। पूरे महीने मंदिर व शिवालय भोलेनाथ के जयकार से गूंजेंगे। सावन मास के शुरुआत के साथ ही कांवड़ यात्रा का भी आरंभ हो गया है। इस बार सावन माह में पांच सोमवार पड़ रहे हैं। ऐसा सालों बाद देखा जा रहा है। सावन मास में क्या करें क्या नहीं पढ़ें यहां...

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Updated: Mon, 22 Jul 2024 02:11 PM (IST)
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सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में लगी भक्तों की कतार

जागरण संवाददाता, टेहरका(निवाड़ी)। भगवान महादेव का प्रिय महीना सावन आज से प्रारम्भ हो गया हैं। हिन्दू धर्म में श्रावण मास का विशेष खास महत्व हैं। इसे साल का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस बार श्रावण मास सोमवार से प्रारम्भ हो गया हैं। इस बार पूरे श्रावण में 5 सोमवार होंगे।

देवों के देव महादेव का प्रिया माह श्रावण मास आज 22 जुलाई से प्रारम्भ हो गया हैं। भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवालयों में जाकर पूजा-अर्चना करेंगे। शास्त्रों में कहा गया है कि भोलेनाथ को अगर एक लोटा जल चढ़ा दें,तो वह अति प्रसन्न हो जाते हैं।

आषाढ़ पूर्णिमा के समापन के साथ ही शुरू हो जाता है सावन मास

आषाढ़ पूर्णिमा के समापन साथ ही श्रावण मास प्रारम्भ हो जाता है। श्रावण मास कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 जुलाई को दोपहर 3 बजकर 47 मिनट से आरंभ हो गया जो आज 22 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में श्रावण मास आरम्भ हो गया, जो 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ समाप्त होगा।

सावन में प्रथम सोमवार व्रत 22 को,दूसरा 29 को,तीसरा 5 अगस्त को,चौथा 12 को व 5वां सोमवार व्रत 19 अगस्त को हैं।

बन रहा दुर्लभ योग

शास्त्री संतोष कुमार पाठक के अनुसार, इस साल सावन माह में करीब 72 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा हे। श्रावण मास सोमवार यानि आज से आरम्भ हो गया है और इसी दिन समाप्त हो रहा है। इस बार सावन में कुल 5 सोमवार पड़ रहे हैं। इस दौरान सर्वार्थ सिद्धि योग,अमृत योग, रवि योग बन रहा है।

उन्होंने बताया कि इस पूरे माह में भगवान शिव की पूजा का विधान है। मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रख मां पार्वती की पूजा करने का विधान है। श्रावण में कांवड़ यात्रा भी निकाली जाती है। कांंवड़ यात्रा भी 22 जुलाई यानि आज से ही आरम्भ हो गई है। कांवड़ यात्रा के दौरान शिव भक्त पवित्र गंगाजल लेकर भगवान शिव को अर्पित करते हैं।

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