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खून से लथपथ, कट गईं दोनों टांगें... धीमी गति से निकल रही थी ट्रेन, तभी हुआ कुछ ऐसा; नजारा देख कांप उठे यात्री

ग्वालियर स्टेशन पर मुख्य टिकट निरीक्षक (सीटीआइ) की बड़ी लापरवाही जिंदगी भर का गम दे गई। सीटीआइ ग्वालियर से झांसी आने के लिए ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहे थे। थिरुकुलर एक्सप्रेस का ग्वालियर स्टेशन पर ठहराव नहीं है। यहां वह धीमी गति से निकल रही थी। इस चलती ट्रेन में सवार होने के प्रयास में वह सन्तुलन खोकर बैठे और ट्रेन की चपेट में आ गये।

By Jagran News Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 15 Jun 2024 03:17 PM (IST)
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रात्री में ट्रेन में की प्रतीकात्मक तस्वीर

जागरण संवाददाता, झांसी। शनिवार सुबह ग्वालियर स्टेशन पर चलती ट्रेन में सवार होना मुख्य टिकट निरीक्षक (सीटीआइ) के लिये जिन्दगी भर के लिये मुसीबत बन गया। ग्वालियर स्टेशन पर थिरुकुलर एक्सप्रेस में सवार होने के प्रयास में गिरकर वह ट्रेन की चपेट में आ गये और कोच में फंसकर उनकी दोनों टांग कट गयीं। ट्रेन में मौजूद यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोकी और फिर रेलकर्मियों के सहयोग से स्टेशन पर मौजूद यात्रियों ने बाहर निकाला।

खून से लथपथ गम्भीर हालत में उपचार के लिये अस्पताल भेजा गया। यहां उनकी हालत नाजुक बनी हुयी है। हादसे की जानकारी मिलते ही झांसी के भी टिकट चेकिंग कर्मी ग्वालियर पहुंच गये। झांसी में तैनात राजेश द्विवेदी रेलवे में सीटीआइ हैं। वह रेलवे के टिकट चेकिंग ओपन डिटेल में काम करते हैं। शनिवार सुबह वह ट्रेन में बिना टिकट यात्रियों से जुर्माना वसूलने के लिये स्टेशन पहुंचे। यहां झांसी में मंगला एक्सप्रेस में सवार होकर टिकट चेक करते हुये वह ग्वालियर पहुंचे।

संतुलन बिगड़ने से हुआ हादसा

ग्वालियर से झांसी आने के लिये वह यहां ट्रेन की प्रतीक्षा में थे। निजामुद्दीन से कन्याकुमारी जाने वाली थिरुकुलर एक्सप्रेस (12642) का ग्वालियर स्टेशन पर ठहराव नहीं है। यहां वह धीमी गति से निकल रही थी। इस चलती ट्रेन में सवार होने के प्रयास में वह सन्तुलन खोकर बैठे और नीचे गिरकर ट्रेन की चपेट में आ गये। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस घटना से उनकी दोनों टांग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी थीं।

इधर, यह देखकर प्लैटफॉर्म पर मौजूद यात्री घबराकर चिल्लाने लगे। प्लैटफॉर्म पर हो रहे शोर-शराबे को सुनकर ट्रेन के अन्दर बैठे यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोक दी। मौके पर रेलकर्मियों व यात्रियों का हुजूम लग गया। कुछ रेलकर्मियों व यात्रियों ने पटरी पर उतरकर कड़ी मशक्कत के बाद उनको बाहर निकाला। वह खून से लथपथ थे। बाहर निकालकर उन्हें ऐम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया।