विभाग ने लाखों रुपए का ठेका कम्पनी को शत-प्रतिशत उपभोक्ताओं के बिल बनाने की शर्त पर दे रखा है। बिल बनाने का कार्य तो ऐन-केन-प्रकारेण पूर्ण कर दिया जा रहा है। लेकिन उपभोक्ता ओं की शिकायतें आती है कि या तो उन्हें समय से बिल नहीं मिलता मिलता है तो वह गलत दे दिया जाता। इस बात को विभाग खुद भी इसलिए नहीं झुठला सकता...
ललितपुर, ब्यूरो। Bijli Bill:
बिलों में गड़बड़ी अथवा समय से बिजली बिल न मिलने का खामियाजा विभाग को हर माह करोड़ों रुपए नुकसान के रूप में भुगतना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि जिले के 1 लाख 62 जार 880 उपभोक्ताओं में मात्र 28 हजार 498 बिलों का ही हर माह भुगतान हो रहा है, शेष औसतन 1 लाख 4 हजार 382 बिल जमा नहीं हो पा रहे हैं।
ऐसे में बकाया की राशि लगातार बढ़ती जा रही है और विभाग चाहकर भी उपभोक्ताओं से वसूली करने में अक्षम बना हुआ है।
विद्युत विभाग में स्टाफ की बेहद कमी है। इसे देखते हुए विभाग ने बिलिंग का कार्य प्राइवेट कम्पनी को दे रखा है।
हर माह सैकड़ों की संख्या में बिल के सुधार कार्य कार्यालय में किए जा रहे
विभाग ने लाखों रुपए का ठेका कम्पनी को शत-प्रतिशत उपभोक्ताओं के बिल बनाने की शर्त पर दे रखा है। बिल बनाने का कार्य तो ऐन-केन-प्रकारेण पूर्ण कर दिया जा रहा है। लेकिन उपभोक्ता ओं की शिकायतें आती है कि या तो उन्हें समय से बिल नहीं मिलता, मिलता है तो वह गलत दे दिया जाता। इस बात को विभाग खुद भी इसलिए नहीं झुठला सकता, क्योंकि हर माह सैकड़ों की संख्या में बिल के सुधार कार्य कार्यालय में किए जा रहे हैं।
अब यदि भुगतान के आंकड़े पर नजर डालें तो आप सुनकर शायद दंग रह जाएंगे, बिल प्राप्त करने वाले 1,62,880 उपभोक्ताओं में से मात्र 28,498 उपभोक्ता ही नियमित रूप से अपने बिल की अदायगी कर रहे हैं, शेष उपभोक्ता जमा न करने की पीछे विभाग के ऊपर ही दोष जड़ रहे हैं। अब ऐसे में विभाग को करोड़ों रुपए का नुकसान हर माह पहुंच रहा है।
खण्ड प्रथम की स्थिति
माह |
कुल उपभोक्ता |
जारी बिल |
जर्माकर्ता |
जनवरी |
80,527 |
79,056 |
6,641 |
फरवरी |
80,980 |
79,846 |
7,835 |
मार्च |
81,158 |
80,078 |
8,906 |
अप्रैल |
81,436 |
80,139 |
7,230 |
मई |
81,656 |
81,323 |
7,155 |
खण्ड द्वितीय की स्थिति
माह |
कुल उपभोक्ता |
जारी बिल |
जर्माकर्ता |
जनवरी |
80,373 |
76,775 |
19,846 |
फरवरी |
80,540 |
78,377 |
21,271 |
मार्च |
80,674 |
78,234 |
22,413 |
अप्रैल |
80,876 |
78,226 |
20,154 |
|
|
मई |
81,224 |
80,602 |
21,343 |
कुल |
1,62,880 |
1,61,925 |
128,498 |
पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष बढ़ गया 20 फीसद लोड
उपभोक्ताओं की संख्या में जिस तरह से वृद्धि की गयी है, उस लिहाज से सिस्टम को अपग्रेड नहीं किया गया है। भले ही तमाम योजनाएं संचालित हैं, ट्रांसफॉर्मरों की नई लाइनें और क्षमतावृद्धि कर जर्जर लाइनों को बदलने का कार्य किया जा रहा है लेकिन ओवरलोड की समस्या खत्म नहीं हो रही है। स्थिति है कि भीषण गर्मी में जैसे ही मोहल्लों में लोड बढ़ता है तो बिजलीघरों की सांसे फूलना शुरू हो जाती हैं।
बताया गया कि अप्रैल 2023 में 4.40 करोड़ यूनिट बिजली की खपत हुई थी, वहीं इस वर्ष अप्रैल माह में 5.30 करोड़ यूनिट बिजली खर्च हुई, जो पिछले वर्ष से 17 फीसद ज्यादा है। वहीं मई 2023 में 4.80 तो इस वर्ष 6.5 करोड़ के आसपास लोड बताया गया है।
गर्मी से फूली बिजली घरों की सांसे, जबरदस्त ओवरलोड
जनपद में बिजली घरों की संख्या 19 है। यहां की स्थिति पर नजर डालें तो यहां लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद भी वह बेहद खस्ताहाल में है। तपिश बढ़ने के साथ ही बिजली आपूर्ति का आंकड़ा भी बढ़ गया है। बिजली घरों में फाल्ट होने, जम्पर उड़ने, वीसीबी खराब होने, केबिल बक्शा फटने तक की घटनाएं आए दिन घटित हो रही हैं।
निगम अफसरों का कहना है कि गर्मी बढ़ने की वजह से बिजली घरों पर अतिरिक्त लोड बढ़ गया है, जिसकी वजह है बिजली ट्रिप कर रही है। फाल्ट भी अधिक हो रहे हैं। शासन से अतिरिक्त बिजली की डिमांड भी निगम अफसरों ने कर दी है। वहीं दूसरी ओर बिजली घर पर ओवरलोड से बढ़ रहे ट्रांस्फॉर्मर की हीटिंग को कम करने के लिए कूलर लगाकर ठण्डा किया जा रहा है।
ललितपुर विद्युत वितरण मण्डल अधीक्षण इंजी. संजय सिंह के अनुसार, यदि किसी को समय से बिल नहीं मिल रहा है, या बिल में गड़बड़ी की शिकायत है तो वह कार्यालय आकर बिल प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा सारा सिस्टम ऑनलाइन है, ऑनलाइन बिल भी वह देख सकता है। उपभोक्ता बिजली की डिमाण्ड तो करता है, लेकिन समय से अपने बिल की अदायगी नहीं करता है। उपभोक्ताओं को चाहिए कि वह किसी भी असुविधा से बचने के लिए अपने बिल समय से जमा करें।
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