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झांसी NICU अग्निकांड पर मानवाधिकार आयोग भी सख्त, DGP व चीफ सेक्रेटरी से मांगा एक सप्ताह में जवाब

Jhansi Medical College Fire झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में लगी आग में 12 नवजातों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सख्त रुख अपनाया है। एनएचआरसी ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर लापरवाही पर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। आयोग ने इस घटना को मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन माना है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 18 Nov 2024 01:12 PM (IST)
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झांसी NICU अग्निकांड पर मानवाधिकार आयोग भी सख्त
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआइसीसीयू) वार्ड में हुए अग्निकांड में अब तक 12 नवजातों की मौत हो चुकी है। हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि दो नवजातों की मौत बर्न इंजरी से नहीं बल्कि बीमारि की वजह से हुई है।

वहीं इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सख्त रुख अपनाने के बाद अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी एक्शन लिया है।

एनएचआरसी ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी किया है, जिसमें एक सप्ताह के भीतर लापरवाही पर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।

10 बच्चों की मौके पर हो गई थी मौत

बता दें 15 नवंबर की रात को झांसी के एनआइसीसीयू वार्ड में आग लगने के कारण 10 नवजातों की मौत हो गई थी। जबकि 39 बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया था। उन्हें शिफ्ट कर अन्य वार्ड में रखा गया था। जहां पर उनका उपचार चल रहा है।

वहीं झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने रविवार को हुए बच्चे की मौत पर कहा- अग्निकांड में जिन भी बच्चों को रेस्क्यू किया गया था, वह पहले से ही गंभीर थे। उनमें से दो की मौत हो गई है। पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन को सौंप दिया गया है।

मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डॉ. नरेन्द्र सिंह सेंगर ने बताया

रविवार को जिस बच्चे की मौत हुई है, उसे जन्म के बाद बीमारी की हालत में एनआइसीसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था। आग लगने के बाद उसे सुरक्षित निकाल कर दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर उपचार किया जा रहा था।

एनएचआरसी ने झांसी की घटना को मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन माना है। आयोग की ओर से जारी बयान के अनुसार घटना में अस्पताल के जिम्मेदारों द्वारा लापरवाही का संकेत मिलता है। घटना के पीड़ित एक सरकारी संस्थान की देखरेख में थे, जो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहा।

आयोग ने आपदा के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों पर जवाबदेही और विस्तृत स्पष्टता की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया है। पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए अपनाए गए उपायों को अपनी रिपोर्ट में शामिल करने को कहा है।

नौ मृतकों के परिवार के खातों में भेजे गए पांच-पांच लाख रुपये

डीएम अविनाश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हादसे का संज्ञान लेते हुए मृत बच्चों के स्वजन को पांच-पांच लाख तथा घायल बच्चों के परिजन को 50-50 हजार की सहायता धनराशि की घोषणा की थी। अग्निकांड में जिन 10 बच्चों की मौत हुई है, उनमें से नौ के स्वजन के बैंक खातों में पांच-पांच लाख रुपये धनराशि भेजी जा चुकी है।

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