झांसी NICU अग्निकांड में बड़ा खुलासा, प्रतिबंधित एल्युमिनियम तारों से की गई थी मेडिकल कॉलेज में वायरिंग
झांसी के एनआईसीयू अग्निकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि मेडिकल कॉलेज में प्रतिबंधित एल्युमिनियम तारों से वायरिंग की गई थी। विद्युत सुरक्षा निदेशालय और अग्निशमन विभाग ने जून में ही मेडिकल कॉलेज का सर्वे किया था और वायरिंग फिटिंग और इंस्टालेशन मानकों के विपरीत होने की रिपोर्ट दी थी। जांच टीम गठित कर मेडिकल कॉलेज प्रशासन से चार वर्ष की ऑडिट रिपोर्ट मांगी है।
जागरण संवादददाता, झांसी। 12 नवजात बच्चों की जान लेने वाले अग्निकांड में अब मेडिकल कालेज प्रशासन की बड़ी चूक सामने आई है। जून माह में विद्युत सुरक्षा निदेशालय और अग्निशमन विभाग की संयुक्त टीम ने मेडिकल कालेज का सर्वे किया था, जिसमें वायरिंग, फिटिंग व इंस्टालेशन मानकों के विपरीत होने की रिपोर्ट दी गई थी।
जांच में सामने आया था कि मेडिकल कालेज में प्रतिबंधित एल्युमिनियम के तारों का इस्तेमाल किया गया है। शासन से आई जांच टीम ने विद्युत सुरक्षा विभाग से चार वर्ष की ऑडिट व सुधार कार्यों की रिपोर्ट तलब की है। साथ ही विद्युत उपकरणों की कंपनी व खरीद संबंधी दस्तावेज भी तलब किए गए हैं।
12 नवजातों की हुई थी मौत
मेडिकल कॉलेज के एनआइसीसीयू वार्ड (बच्चा वार्ड) में 15-16 नवंबर की मध्यरात्रि आग लग गई थी जिसमें अब तक 12 नवजात की मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के निर्देश दिए थे।मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे व डीआइजी कलानिधि नैथानी ने शुरुआती जांच में शार्ट सर्किट को घटना की वजह बताया गया। इसके बाद शासन ने महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण किंजल सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम को झांसी भेजा। पिछले दो दिन से मेडिकल कालेज में घटना की वजह और साक्ष्य खंगाल रही इस टीम ने भी शुरुआती जांच में शार्ट सर्किट को ही घटना की वजह बताया।
इस पूरे मामले का दोषी जांच पूरी होने के बाद तय हो जाएगा, लेकिन इस घटनाक्रम में मेडिकल कालेज प्रशासन से भी बड़ी चूक हुई है। दरअसल, शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी ने जून माह में मेडिकल कालेज का सर्वे कराया था।
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