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Jhansi News: रफ्तार से भाग रही राप्तीसागर एक्सप्रेस पलटने से बची, बाल-बाल बचे सभी यात्री; ये था कारण

बुधवार रात राप्तीसागर एक्सप्रेस बड़े हादसे का शिकार होने से बच गयी। ललितपुर में जाँच के दौरान कोच की दोनों स्प्रिंग टूटी पाई गईं जिसके बाद कोच की पुन जाँच के बाद ट्रेन को धीमी गति से झाँसी स्टेशन लाकर जाँच करायी गयी। सुबह झाँसी में कोच बदलने के बाद ट्रेन को आगे के लिये रवाना किया गया। ट्रेन वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी स्टेशन पर खड़ी रही।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 14 Jun 2024 06:55 AM (IST)
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रफ्तार से भाग रही राप्तीसागर एक्सप्रेस पलटने से बची

 जागरण संवाददाता, झाँसी। बुधवार रात राप्तीसागर एक्सप्रेस बड़े हादसे का शिकार होने से बच गयी। भोपाल स्टेशन से ट्रेन के निकलते ही ए -2 कोच की स्प्रिंग टूट जाने से हड़कम्प मच गया। चालक को अहसास होते ही इसकी जानकारी कण्ट्रोल रूम में देकर ट्रेन को धीमी गति से ललितपुर स्टेशन तक लाया गया।

ललितपुर में जाँच के दौरान कोच की दोनों स्प्रिंग टूटी पाई गईं, जिसके बाद कोच की पुन: जाँच के बाद ट्रेन को धीमी गति से झाँसी स्टेशन लाकर जाँच करायी गयी। सुबह झाँसी में कोच बदलने के बाद ट्रेन को आगे के लिये रवाना किया गया। इस दौरान करीब 1 घण्टे तक ट्रेन वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी स्टेशन पर खड़ी रही। सावधानी के मद्देनजर आगे के स्टेशनों पर भी कोच की जांच कराई जाती रही।

कोचुवेली से चलकर गोरखपुर जाने वाली राप्तीसागर एक्सप्रेस (12512) रानी कमलापति स्टेशन से निकलकर बुधवार की रात लगभग 12 बजे भोपाल स्टेशन पर प्रवेश कर रही थी, तभी चालक को तेज झटका महसूस हुआ। चालक ने इसकी जानकारी कण्ट्रोल रूम को दी। जहाँ ट्रेन के भोपाल स्टेशन पहुँचते ही जाँच की गयी।

जाँच दौरान एक स्प्रिंग टूटना सामने आया। पूरी जाँच होने के बाद रात लगभग 12.30 बजे ट्रेन को धीमी गति से ललितपुर के लिये रवाना किया गया। यहाँ से ट्रेन धीमी गति से निकलकर ललितपुर के लिये बढ़ी, तभी चालक को फिर गड़बड़ी महसूस होने लगी। जिस पर पुन: रेलवे कण्ट्रोल रूम को जानकारी दी गयी।

ललितपुर में सुबह लगभग 4.30 बजे ट्रेन के पहुँचने पर इसकी दोबारा जाँच की गयी, जहाँ कोच की दोनों स्प्रिंग टूटी पायी गयीं। यह देखकर रेलकर्मियों में हड़कम्प मच गया। यहाँ स्प्रिंग में सुधार के बाद 5.15 बजे के आसपास ट्रेन को धीमी गति से झाँसी स्टेशन के लिये रवाना किया गया। ट्रेन सुबह लगभग 8 बजे वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन पर पहुँची, जिसके बाद यहाँ फिर जाँच की गयी। कोच को बदलना तय किया गया।

बताया गया कि दोनों स्प्रिंग टूट जाने के बाद ट्रेन चलने की स्थिति में नहीं थी और फिर हादसा हो सकता था, जिसके चलते झाँसी स्टेशन पर कोच को हटाकर दूसरा लगाया गया। इस दौरान करीब 1 घण्टे तक ट्रेन स्टेशन पर खड़ी रही। कोच बदल जाने के बाद यात्री उसमें सवार हुये और सुबह लगभग 9.15 बजे ट्रेन आगे के लिये रवाना हुयी।

भोपाल से 8 घण्टे में झाँसी पहुँची थी राप्तीसागर एक्सप्रेस

स्प्रिंग टूटने के बाद राप्तीसागर एक्सप्रेस को पूरी एहतियात के साथ चलाया गया था। भोपाल से ही खतरे को महसूस करने के बाद धीमी गति से चलाकर झाँसी लाया गया। भोपाल से झाँसी तक का सफर ट्रेन ने 8 घण्टे में पूरा किया। ललितपुर से लेकर झाँसी में ए-2 कोच को भले ही हटा दिया गया था, लेकिन पूरी ट्रेन की जाँच के बाद ही इसे रवाना किया गया। अधिकारियों की टीम भी स्टेशन पर पहुँच गयी थी।

भोपाल से ही खतरे को भाँपने के बाद ट्रेन को 95 की स्पीड से चलाकर ललितपुर लाया गया था। इसके बाद ललितपुर में जाँच पूरी होने के बाद इसकी स्पीड घटा दी गयी थी। ललितपुर से झाँसी तक ट्रेन 50 की स्पीड में चलायी गयी। इसमें चालक की सूझबूझ भी काम आयी। झटका लगने पर चालक ने तुरन्त खतरा भाँप लिया था। उसकी सूचना के बाद ही ट्रेन की जाँच होने के बाद बड़ी खामी पकड़ में आ गयी थी। यदि यह कमी पकड़ में नहीं आती तो बड़े हादसे से इन्कार भी नहीं किया जा सकता था।

ललितपुर में करीब 55 मिनट तक ट्रेन खड़ी रही थी। ट्रेन के झाँसी पहुँचते ही जहाँ टेक्निकल स्टाफ पूरी तरह मुस्तैदी के साथ डटा था तो वहीं अफसरों की टीम भी डेरा डाले रही थी। यहाँ भले ही ए-2 कोच को हटा दिया गया था, लेकिन ट्रेन के कोचों की भी जाँच करायी गयी थी। सब कुछ सामान्य मिलने के बाद ही ट्रेन को हरी झण्डी मिली थी।