शिवपुरी में राशन वितरण घोटाला, उपभोक्ताओं को गुमराह कर लगवाया फिंगर; जब राशन मांगने पहुंचे तो दिखाया अंगूठा
शिवपुरी जिले के बारोद गांव में राशन वितरण प्रणाली में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। उपभोक्ताओं को राशन देने के नाम पर ठगा जा रहा है। सहरिया क्रांति के नेतृत्व में गांव के आदिवासी जिला मुख्यालय पर जुटे और खाद्य अधिकारी कार्यालय के सामने राशन ठगी के खिलाफ आवेदन सौंपते हुए जमकर नारेबाजी की। जिस पर अधिकारियों ने तत्काल कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
जागरण संवाददाता, शिवपुरी। जिले के बारोद गांव में खाद्य वितरण प्रणाली का एक नया कारनामा सामने आया है, जिसमें उपभोक्ताओं को राशन देने के नाम पर ठगने का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है।
सहरिया क्रांति के नेतृत्व में गांव के आदिवासी आज जिला मुख्यालय पर जुटे और खाद्य अधिकारी कार्यालय के सामने राशन ठगी के खिलाफ आवेदन सौंपते हुए जमकर नारेबाजी की।उन्होंने जिला कार्यालय पर लिखित शिकायत भी दर्ज कारवाई है। जिस पर अधिकारियों ने तत्काल कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
खाद्यान्न वितरण प्रणाली में भारी भ्रष्टाचार व कालाबाजारी का आरोप
बारोद पंचायत के अनुसूचित जनजाति वर्ग के गरीब उपभोक्ताओं ने खाद्यान्न वितरण प्रणाली में भारी भ्रष्टाचार और कालाबाजारी का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उन्हें निर्धारित खाद्यान्न सामग्री नहीं मिल रही है और विक्रेता उनकी समस्याओं की अनदेखी कर रहे हैं। हाल ही उनसे गुमराह करके फिंगर लगवा ली और राशन दिये बिना ही विक्रेता चंपत हो गया । आदिवासी खाली थैला पकड़े ही रह गए ।
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत बारोद में राशन वितरण की जिम्मेदारी हरवीर सिंह और सहायक विक्रेता रीतेश यादव के पास है।
उपभोक्ताओं से फिंगरप्रिंट के बदले नहीं देते कोई पर्ची
उपभोक्ताओं के अनुसार, ये विक्रेता नियमित रूप से अपनी दुकान बंद रखते हैं और जब दुकान खुलती भी है, तो उपभोक्ताओं को पूरा राशन नहीं दिया जाता। इसके बजाय, विक्रेता उपभोक्ताओं से फिंगरप्रिंट लेकर कोई पर्ची नहीं देते। अक्सर, विक्रेता की मशीन खराब होने का बहाना बनाया जाता है या फिर पेपर खत्म होने का झूठा दावा किया जाता है।
3 सितंबर 2024 की रात को दुकानदार ने राशन का वितरण न करके उसे कालाबाजारी के लिए बेच दिया, ऐसा आरोप है। उपभोक्ताओं का कहना है कि खाद्यान्न की निर्धारित मात्रा भी उन्हें नहीं दी जाती और जब वे इसका विरोध करते हैं, तो विक्रेता और सहायक विक्रेता अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं और मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं।
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