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शिवपुरी में राशन वितरण घोटाला, उपभोक्ताओं को गुमराह कर लगवाया फिंगर; जब राशन मांगने पहुंचे तो दिखाया अंगूठा

शिवपुरी जिले के बारोद गांव में राशन वितरण प्रणाली में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। उपभोक्ताओं को राशन देने के नाम पर ठगा जा रहा है। सहरिया क्रांति के नेतृत्व में गांव के आदिवासी जिला मुख्यालय पर जुटे और खाद्य अधिकारी कार्यालय के सामने राशन ठगी के खिलाफ आवेदन सौंपते हुए जमकर नारेबाजी की। जिस पर अधिकारियों ने तत्काल कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

By Sanjay Baichain Edited By: Riya Pandey Updated: Wed, 11 Sep 2024 02:06 PM (IST)
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उपभोक्ताओं को राशन देने के नाम पर ठगने का खेल (प्रतिकात्मक फोटो)

जागरण संवाददाता, शिवपुरी। जिले के बारोद गांव में खाद्य वितरण प्रणाली का एक नया कारनामा सामने आया है, जिसमें उपभोक्ताओं को राशन देने के नाम पर ठगने का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है।

सहरिया क्रांति के नेतृत्व में गांव के आदिवासी आज जिला मुख्यालय पर जुटे और खाद्य अधिकारी कार्यालय के सामने राशन ठगी के खिलाफ आवेदन सौंपते हुए जमकर नारेबाजी की।

उन्होंने जिला कार्यालय पर लिखित शिकायत भी दर्ज कारवाई है। जिस पर अधिकारियों ने तत्काल कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

खाद्यान्न वितरण प्रणाली में भारी भ्रष्टाचार व कालाबाजारी का आरोप

बारोद पंचायत के अनुसूचित जनजाति वर्ग के गरीब उपभोक्ताओं ने खाद्यान्न वितरण प्रणाली में भारी भ्रष्टाचार और कालाबाजारी का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उन्हें निर्धारित खाद्यान्न सामग्री नहीं मिल रही है और विक्रेता उनकी समस्याओं की अनदेखी कर रहे हैं। हाल ही उनसे गुमराह करके फिंगर लगवा ली और राशन दिये बिना ही विक्रेता चंपत हो गया । आदिवासी खाली थैला पकड़े ही रह गए ।

ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत बारोद में राशन वितरण की जिम्मेदारी हरवीर सिंह और सहायक विक्रेता रीतेश यादव के पास है।

उपभोक्ताओं से फिंगरप्रिंट के बदले नहीं देते कोई पर्ची

उपभोक्ताओं के अनुसार, ये विक्रेता नियमित रूप से अपनी दुकान बंद रखते हैं और जब दुकान खुलती भी है, तो उपभोक्ताओं को पूरा राशन नहीं दिया जाता। इसके बजाय, विक्रेता उपभोक्ताओं से फिंगरप्रिंट लेकर कोई पर्ची नहीं देते। अक्सर, विक्रेता की मशीन खराब होने का बहाना बनाया जाता है या फिर पेपर खत्म होने का झूठा दावा किया जाता है।

3 सितंबर 2024 की रात को दुकानदार ने राशन का वितरण न करके उसे कालाबाजारी के लिए बेच दिया, ऐसा आरोप है। उपभोक्ताओं का कहना है कि खाद्यान्न की निर्धारित मात्रा भी उन्हें नहीं दी जाती और जब वे इसका विरोध करते हैं, तो विक्रेता और सहायक विक्रेता अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं और मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं। 

विक्रेता व सहायक विक्रेता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

बारोद के ग्रामीणों ने खाद्य विभाग से मांग की है कि विक्रेता हरवीर सिंह और सहायक विक्रेता रीतेश यादव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

उन्होंने कहा कि खाद्यान्न वितरण की स्थिति की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और औचक निरीक्षण कर इस भ्रष्टाचार को उजागर किया जाना चाहिए।

ग्रामीणों ने यह भी कहा कि विक्रेता की दुकान को ग्राम की आबादी के मध्य स्थापित किया जाए और विक्रेता के स्थान पर किसी स्थानीय व्यक्ति को नियुक्त किया जाए, ताकि राशन वितरण में पारदर्शिता और ईमानदारी आ सके।

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कार्रवाई न होने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे ग्रामीण

सहरिया क्रांति के संजू आदिवासी ,अजय आदिवासी, जगत सिंह आदिवासी ने इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुये अधिकारियों से अपील की है कि इस मामले की तत्काल और निष्पक्ष जांच की जाए। यदि प्रशासन ने समय पर इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और विक्रेता के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए, तो ग्रामीण व्यापक विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो सकते हैं। यह स्थिति गरीब आदिवासी परिवारों के जीवन के लिए एक बड़ा संकट बन चुकी है।

राशन वितरण में हो रही अनियमितताओं के कारण उन्हें अपना काम छोड़कर राशन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। ऐसे में, प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह इस भ्रष्टाचार को खत्म कर इन गरीब परिवारों को उनका हक दिलाए।

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