Shatabdi Express: शताब्दी एक्सप्रेस को नहीं मिल रहे यात्री, रोज लाखों का नुकसान उठा रहा रेलवे
कोहरे ने जहाँ ट्रेनों के संचालन पर ब्रेक लगाया तो वहीं रेलवे की आमदनी को भी झटका लगा है। झाँसी से गुजरने वाली शताब्दी एक्सप्रेस के कई घण्टे की देरी से चलने के कारण यात्री नहीं मिल पा रहे हैं। जिस कारण रेलवे को प्रतिदिन लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। 400 से 500 यात्री ही सफर कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, झाँसी। कोहरे ने जहाँ ट्रेनों के संचालन पर ब्रेक लगाया तो वहीं रेलवे की आमदनी को भी झटका लगा है। झाँसी से गुजरने वाली शताब्दी एक्सप्रेस के कई घण्टे की देरी से चलने के कारण यात्री नहीं मिल पा रहे हैं। जिस कारण रेलवे को प्रतिदिन लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सुबह की ट्रेन रात और रात की ट्रेन सुबह आने के कारण यात्रियों ने इससे दूरी बना ली है। लगातार टिकट भी निरस्त हो रहे हैं। ग्वालियर, आगरा व ललितपुर स्टेशन के लिये तो यात्री ही नहीं मिल रहे हैं। आलम यह है कि ट्रेन की आधी सीटें भी नहीं भर पा रही हैं।
झाँसी से नई दिल्ली जाने वाली (12001) शताब्दी एक्सप्रेस प्रतिदिन शाम को 6.40 बजे झाँसी से रवाना होकर रात 11.50 बजे दिल्ली स्टेशन पहुँचती है। इसी तरह, दिल्ली से हबीबगंज जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस प्रतिदिन (12002) दिल्ली से सुबह 6 बजे चलकर सुबह 10.45 बजे झाँसी आती है।
पिछले 10 दिन से कोहरे की मार इस ट्रेन पर पड़ रही है। जिस कारण ट्रेन का संचालन पटरी से उतरा हुआ है। यह प्रतिदिन कई घण्टे की देरी से चल रही है। लगातार लेटलतीफी की वजह से यात्रियों ने इस ट्रेन से दूरी बनानी शुरू कर दी है।
1204 यात्रियों की क्षमता वाली इस ट्रेन में महज 400 से 500 यात्री ही सफर कर रहे हैं। आधी से ज्यादा ट्रेन के खाली जाने के कारण रेलवे को चूना लग रहा है। रेलवे को प्रतिदिन लाखों का नुकसान हो रहा है।
शताब्दी में खाली सीट
चेयरकार : 14 कोच, हर कोच में 78 सीटेंएग्जिक्यूटिव : 2 कोच, हर कोच में 56 सीटेंकुल सीटें : 1,204 सीटें
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