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जल्दी से कर लें तैयारियां, जुलाई में केवल छह दिन ही गूंजेंगी शहनाई; फिर नवंबर में ही शादी विवाह के शुभ मुहूर्त

जुलाई में शादी के शुभ मुहूर्त के चलते इन दिनों गोदी-फलदान के कार्यक्रम भी खूब आयोजित किये जा रहे है। इन रश्मों की खरीददारी को लेकर इन दिनों बाजारों में भीड़भाड़ भी देखी जा रही है। नेहरू महाविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश शास्त्री ने बताया कि बृहस्पति का उदय ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी 3 जून को हो गया है लेकिन शुक्र अस्त है।

By Amit Pandey Edited By: Riya Pandey Updated: Wed, 19 Jun 2024 02:07 PM (IST)
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जुलाई में मात्र 6 दिन ही गूंजेंगी शहनाई

ललितपुर ब्यूरो। अगले माह जुलाई में विवाह के मात्र 6 ही शुभ मुहूर्त है। इस माह 9 जुलाई से भड़ली नवमी 15 तक ही शहनाई गूंजेगी। आगामी 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी से शादी विवाह पर विराम लग जायेगा। इसके पश्चात नवम्बर में ही एक बार फिर शहनाई गूंजेगी।

जुलाई में शादी के शुभ मुहूर्त के चलते इन दिनों गोदी-फलदान के कार्यक्रम भी खूब आयोजित किये जा रहे है। इन रश्मों की खरीददारी को लेकर इन दिनों बाजारों में भीड़भाड़ भी देखी जा रही है।

नेहरू महाविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश शास्त्री ने बताया कि बृहस्पति का उदय ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी 3 जून को हो गया है, लेकिन शुक्र अस्त है। शुक्र ग्रह का उदय आषाढ कृष्ण सप्तमी 28 जून को शाम 5 बजकर 6 मिनट पर होगा। शुक्र का बालत्व 1 जुलाई को समाप्त होगा, उसके बाद 9 जुलाई से शुभ लग्न मुहूर्त प्रारम्भ होंगे।

17 जुलाई के बाद से चार माह के लिए मांगलिक कार्यक्रमों में विराम

इस प्रकार जुलाई में मात्र 6 दिन ही विवाह के शुभ मुहूर्त है। 15 जुलाई को भड़ली नवमी है। वहीं 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इसके पश्चात शादी-विवाह आदि मांगलिक कार्यक्रमों पर चार माह के लिये विराम लग जायेगा। इसी दिन से चातुर्मास भी प्रारम्भ होगा।

डॉ. शास्त्री ने बताया कि 4 माह पश्चात कार्तिक शुक्ल एकादशी पर 12 नवम्बर को चातुर्मास समाप्त होगा और मांगलिक कार्य एक बार फिर शुरू होंंगे। नवम्बर-दिसम्बर में 17 लग्र मुहूर्त के बाद 16 दिसम्बर को सूर्य देव वृश्चिक राशि से प्रात: 7 बजकर 39 मिनट पर धनु राशि में जायेंगे और खरमास लग जायेंगे।

इसका समापन अगले साल 14 जनवरी 2025 को सूर्य देव के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश के साथ होगा और 14 मार्च तक 40 शुभ लग्र की तिथियां मिलेंगी। मार्च में खरमास लगने के बाद नये संवत 2082 में विवाह आदि के कार्यक्रम होंगे।

विवाह के इन शुभ मुहूर्त में खूब गूंजेगी शइनाई

  • अप्रैल : 18,19, 20, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 2, 28
  • जुलाई : 9,10,11,12,13,14,15
  • नवम्बर : 17,18, 22, 23, 24, 25, 26
  • दिसम्बर : 2, 3, 4, 5, 9, 10,11,13,14,15
  • जनवरी : 16,17,18,19, 20, 21, 22, 23, 24, 25
  • फरवरी : 1, 2, 3, 6, , 8, 12, 13, 14, 15, 16, 17,18,19, 20, 21, 22, 23, 24, 25
  • मार्च : 1, 2, 3, 5, 6, 7, 11, 12, 13, 14

गोदी फलदान के चलते बाजारों में बढ़ी भीड़भाड़

अगले माह शादी विवाह के शुभ मुहुर्त के कारण इन दिनों गोदी-फलदान आदि के कार्यक्रम आयोजित हो रहे है। यहीं नहीं विवाह भी खूब हो रहे है। इस कारण बाजारों में भीड़भाड़ बढ़ गयी है। बीते एक सप्ताह से बाजार में लोग शादी-विवाह की जमकर खरीददारी कर रहे हैं।

वधु -पक्ष के लोग जहाँ दहेज के सामान के साथ-साथ अन्य वस्तुओं की खरीददारी कर रहे हैं। वहीं वर पक्ष के लोग भी जमकर खरीददारी में जुटे हैं। इन दिनों खासतौर पर कपडे, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक सामान, जेवर आदि की जमकर खरीददारी की जा रही है। इसको लेकर शहर के कटरा बाजार, घण्टाघर, सावरकर चौक आदि क्षेत्रों में जमकर भीड़भाड़ देखी जा रही है।

ग्रह अस्त होने का प्रभाव

डॉ.ओमप्रकाश शास्त्री ने बताया कि जब कोई ग्रह सूर्य के निकट आ जाता है, तो उसकी चमक फीकी पड़ जाती है। इस कारण वह आकाश में दिखाई नहीं देता। इसे उस ग्रह का अस्त होना कहते हैं। शुक्र भोग-विलास का नैसर्गिक कारक होने के कारण दाम्पत्य सुख का प्रतिनिधि होता है।

वहीं, गुरु कन्या के लिए पति कारक होता है। इन दोनों ग्रहों का अस्त होना दाम्पत्य के लिए अशुभ माना गया है। अत: गुरू-शुक्र के अस्त होने की स्थिति में विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं होते।