CM Yogi के आदेश नहीं मान रहे अफसर, यूपी के इस जिले में वाहनों पर नीली बत्ती लगाकर हनक दिखा रहे ये अधिकारी...
UP News in Hindi मुख्यमंत्री के कड़े तेवरों के बाद प्रमुख सचिव ने भी गाड़ियों पर अनाधिकृत तरीके से हूटर व नीली बत्ती का प्रयोग न करने संबंधी शासनादेश जारी किया है। पुलिस-प्रशासनिक अमले के अलावा अग्निशमन के वाहनों और प्रवर्तन से जुड़े अधिकारी ही नीली बत्ती का प्रयोग करने के लिए अधिकृत हैं। सीएम योगी के आदेश का भी इन अफसरों पर कोई असर नहीं हो रहा है।
जागरण संवाददाता, अमरोहा: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साहब लोगों को वीआइपी कल्चर से बाहर लाने को नित नये आदेश दे रहे हैं। कुछ श्रेणियों को छोड़कर गाड़ियों पर नीली बत्ती व हूटर लगाने पर सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं। इसके बावजूद साहब नीली बत्ती की हनक छोड़ ही नहीं पा रहे।
मुख्यमंत्री के कड़े तेवरों के बाद प्रमुख सचिव ने भी गाड़ियों पर अनाधिकृत तरीके से हूटर व नीली बत्ती का प्रयोग न करने संबंधी शासनादेश जारी किया है। पुलिस-प्रशासनिक अमले के अलावा अग्निशमन के वाहनों और प्रवर्तन से जुड़े अधिकारी ही नीली बत्ती का प्रयोग करने के लिए अधिकृत हैं। परंतु जिले में इस आदेश को कई अधिकारी ताक पर रख कर चल रहे हैं।
सरकारी वाहन पर नीली बत्ती लगाने के लिए अधिकृत न होने के बाद भी उनके वाहनों पर यह बत्ती टिमटिमा रही है। केवल सरकारी ही नहीं बल्कि निजी वाहनों पर भी बत्ती लगाकर चल रहे हैं।
चौराहों पर खड़े यातायात पुलिसकर्मियों की हिम्मत नहीं होती कि वह नीली बत्ती उतारना तो दूर इस संबंध में उनसे पूछताछ भी कर लें। एएसपी राजीव कुमार सिंह ने बताया कि इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्राचार किया गया है। जल्दी ही इस पर अमल कराया जाएगा। सभी के सहयोग से नीली बत्ती का अनाधिकृत चलन खत्म कराया जाएगा।
यह वाहन हैं नीली बत्ती लगाने के लिए अधिकृत
आपातकालीन सेवाओं में लगे वाहन जैसे एंबुलेंस, अग्निशमन वाहन, पायलेट के रूप में प्रयुक्त पुलिस के वाहन, कानून व्यवस्था में संचालित वाहन, निर्माण कार्यों में लगे वाहन, पुलिस अधिकारियों के वाहन, परिवहन विभाग के वाहन के साथ ही प्रवर्तन के कार्यों में लगे सभी अधिकारियों के वाहनों पर नीली बत्ती लगाई जा सकती है।वाहनों पर नीली बत्ती लगाए जाने के संबंध में प्राप्त शासनादेश को जिलाधिकारी कार्यालय में प्राप्त करा दिया गया है ताकि उस पर अमल कराया जा सके। जल्दी ही इस संबंध में सभी अधिकारियों से भी पत्राचार किया जाएगा।महेश शर्मा, एआरटीओ।
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