Spy कैमरा लगाकर देवर ने भाभी की बना ली वीडियो, महिला ने जब सास-ससुर को बताया तो बोले- तुम हम लोगों को...
थानाक्षेत्र के एक गांव में निवासी किसान ने अपनी बेटी की शादी मुरादाबाद के मझौला थानाक्षेत्र के गांव निवासी युवक के साथ की थी। दंपति के परिवार में तीन बच्चों ने जन्म लिया। 2023 में पति की मौत बीमारी के चलते हो गई थी। पति की मौत के बाद महिला अपने बच्चों के साथ ससुराल में ही रहती है। आरोप है कि उसका देवर विधवा पर गलत नजर रखता है।
जागरण संवाददाता, अमरोहा। पति की मौत के बाद देवर विधवा भाभी पर गलत नजर रखता है। उसने गुप्त कैमरे से भाभी की वीडियो बना लीं। कई बार छेड़छाड़ भी की। मामला खुला तो पीड़िता ने मायके वालों से शिकायत की। मायके वाले ससुराल पहुंचे तो उनके साथ मारपीट की गई।इस मामले में चार लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
2023 में पति की हो गई थी मौत
रजबपुर थानाक्षेत्र के एक गांव में निवासी किसान ने अपनी बेटी की शादी मुरादाबाद के मझौला थानाक्षेत्र के गांव निवासी युवक के साथ की थी। दंपति के परिवार में तीन बच्चों ने जन्म लिया।
2023 में पति की मौत बीमारी के चलते हो गई थी। पति की मौत के बाद महिला अपने बच्चों के साथ ससुराल में ही रहती है। आरोप है कि उसका देवर विधवा पर गलत नजर रखता है। आए दिन छेड़छाड़ करता है। विवाहिता इसे नजरअंदाज करती आ रही थी।
स्पाई कैमरे से बनाई भाभी की वीडियो
परंतु देवर ने घर में गुप्त कैमरे लगाकर महिला की वीडियो बना ली। इसकी जानकारी मिली तो पीड़ित ने ससुराल वालों से शिकायत की। आरोप है कि ससुराल वालों ने बेटे को कुछ कहने के बजाए विधवा के साथ मारपीट शुरू कर दी। ससुर, सास, देवर और ननद दहेज के लिए भी प्रताड़ित करने लगे। उस पर मायके से दो तोला सोना और महीने का खर्चा लाने का दबाव बनाने लगे। ससुराल पक्ष के लोगों ने कहा कि अब तुम्हें हम लोगों को सोना और पैसे देने होंगे।
जानकारी होने पर मायके वाले भी पहुंचे और शिकायत की तो उनके साथ मारपीट की गई। कई बार दोनों पक्षों के बीच पंचायत हुई लेकिन ससुराल वालों का रवैया नहीं सुधरा। प्रभारी निरीक्षक प्रेमपाल सिंह ने बताया कि इस मामले में पीड़ित की तहरीर पर ससुर, सास, देवर व ननद के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
सड़क हादसे में बालिका की मौत, नाना-नानी घायलगजरौला : बिना बैनामा किए ही 30 करोड़ का मुआवजा बांटने का मामला सामने आया तो प्रकरण में शामिल किसानों से भी बातचीत की गई। उनका कहना है कि वह 40 साल से यूपीसीडा से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट तक चल रहा है। उनके हक के मुताबिक मुआवजा नहीं मिला है। यही वजह है कि अब किसान भी जमीनों के बैनामे करवाने के लिए तैयार नहीं हैं।
नाईपुरा खादर व फाजलपुर गोसाई के रकबे में जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई थीं। उन किसानों की संख्या 100 से अधिक है। मुहल्ला नाईपुरा के रहने वाले इमामी खां का कहना है कि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) व क्षेत्र के किसानों का विवाद पिछले 40 साल से अधिक समय से चल रहा है।सन 1981 में यूपीसीडा में 100 से अधिक किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया था। उस समय मुआवजा मिला लेकिन, नियमानुसार गलत था। यानि जो, रुपया तय हुआ था। वो, नहीं मिले। सिर्फ दो ही किश्त किसानों के पास पहुंचीं। बाकी आखिरी की किश्त नहीं आई। फिर कुछ किसान यूपीसीडा के मुआवजे से खुश न होने की वह से कोर्ट चले गए।
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