Ram-Ravan Fight : जब रामलीला मंचन में आपस में भिड़ गए भगवान श्रीराम और रावण, लोगों को कराना पड़ा बीच बचाव
UP News in Hindi रात करीब 1130 बजे इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुए वीडियो में गांव सलेमपुर गोसाई में रामलीला मंचन के दौरान श्री राम व रावण का किरदार निभाने वाले कलाकार धक्का देने के ऊपर आपस में भिड़ गए। माहौल बिगड़ता देख भीड़ में खड़े ग्रामीण भी तुरंत मंच पर पहुंचे और दोनों कलाकार के बीच में बीच बचाव कराकर मामला शांत कराया।
जागरण संवाददाता, गजरौला। क्षेत्र के गांव सलेमपुर गोसाई में हो रही रामलीला के दौरान कलाकार बने श्रीराम व रावण धक्का देने के ऊपर भिड़ गए। इस दौरान ग्रामीणों की भीड़ जुट गई और बीच बचाव कराकर मामला शांत कराया। इस प्रकरण से जुड़ा वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ है।
धक्का देने पर हो गई लड़ाई
रविवार की रात करीब 11:30 बजे इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुए वीडियो में गांव सलेमपुर गोसाई में रामलीला मंचन के दौरान श्री राम व रावण का किरदार निभाने वाले कलाकार धक्का देने के ऊपर आपस में भिड़ गए। माहौल बिगड़ता देख भीड़ में खड़े ग्रामीण भी तुरंत मंच पर पहुंचे और दोनों कलाकार के बीच में बीच बचाव कराकर मामला शांत कराया। इस दौरान कुछ देर तक रामलीला का मंचन भी रुका रहा।
पुलिस बोली- हमें जानकारी नहीं, प्रधान ने कहा- मामला निपटा दिया
बताते हैं कि राम का किरदार निभाने वाले कलाकार अपना मेकअप आदि उतार कर वापस चले गए। हालांकि पुलिस इस मामले की जानकारी से इनकार कर रही है लेकिन, गांव के प्रधान ओमकार सैनी का कहना है कि किसी बात को लेकर मामूली सी कहासुनी हो गई थी। इसके बाद मामला निपटा दिया गया था।बाद में रावण दहन का मंचन किया गया। यह मामला शनिवार की रात का है। बता दें कि इस गांव में अभी भी गांव के लगी आपस में मिलकर रामलीला का मंचन करते हैं। जिन कलाकारों के बीच धक्का देने के ऊपर कहासुनी हुई है। वह दोनों कलाकार भी गांव के ही रहने वाले हैं।
ढवारसी में लंका दहन की लीला का हुआ मंचन
ढवारसी। आदर्श रामलीला कमेटी के तत्वावधान में आयोजित रामलीला में लंका दहन की लीला का मंचन किया गया। इस दौरान पूरा मैदान हनुमान जी के जयकारों से गूंज उठा। ढवारसी में चल रही रामलीला में शनिवार को रामेश्वर स्थापना एवं लंका दहन की लीला का मंचन किया गया।जब श्रीराम की सेना समुद्र किनारे पहुंचती है तो प्रभु श्रीराम हनुमान जी को रावण को चेतावनी देने और सीता का हाल जानने के लिए भेजते हैं। हनुमान जी लंका की एक कुटिया में रामनाम की धुन सुनकर कुटिया के अंदर जाते हैं और वहां विभीषण को पाते हैं। अशोक वाटिका में हनुमान जी ने माता सीता से मिलकर भगवान श्रीराम का संदेश दिया। भूख लगने पर माता सीता से आज्ञा पाकर हनुमान जी अशोक वाटिका में पेड़ पर लगे फल तोड़कर अपनी भूख मिटाते हैं।
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