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सपा ने कन्नौज से बदला प्रत्याशी, तेज प्रताप की जगह अखिलेश खुद लड़ेंगे चुनाव, कल 12 बजे करेंगे नामांकन

Akhilesh Yadav समाजवादी पार्टी ने अब कन्नौज से अपना प्रत्याशी बदल दिया है। अब कन्नौज लोकसभा सीट से खुद सपा मुखिया अखिलेश यादव चुनाव लड़ेंगे। सपा ने अपने अधिकारिक एक्स अकाउंट से इस बात की जानकारी दी है। बता दें कि सपा ने तेज प्रताप यादव को यहां से प्रत्याशी बनाया था। इसी बीच लगातार अखिलेश यादव के यहां से चुनाव लड़ने की अटकलें तेज थीं।

By Swati Singh Edited By: Swati Singh Updated: Wed, 24 Apr 2024 07:11 PM (IST)
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सपा ने अब कन्नौज से बदला प्रत्याशी, तेज प्रताप की जगह अखिलेश खुद उतरेंगे मैदान में
डिजिटल डेस्क, कन्नौज। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने अब अपने भतीजे व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप सिंह यादव का टिकट काटकर खुद चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। अखिलेश नामांकन के अंतिम दिन गुरुवार को दोपहर 12 बजे पर्चा भरेंगे।

यादव कल दोपहर 12 बजे कन्नौज लोकसभा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। अखिलेश के कन्नौज से चुनाव लड़ने से चुनावी समीकरण दिलचस्प हो जाएगा। सपा ने दो दिन पहले 22 अप्रैल को कन्नौज सीट से पूर्व सांसद तेज प्रताप को टिकट दिया था। तेज प्रताप की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद से ही सपा की स्थानीय इकाई विरोध करने लगी थी।

तेज प्रताप को दिया गया था टिकट

बता दें कि सपा ने तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav SP) को यहां से प्रत्याशी बनाया था। इसी बीच लगातार अखिलेश यादव के यहां से चुनाव लड़ने की अटकलें तेज थीं। इतने दिनों से चल रही चर्चा पर अब सपा ने मुहर लगा दी है।

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नाराजगी भारी पड़ने की थी आशंका

सपा अध्यक्ष स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं को नाराज नहीं करना चाहते थे, उन्हें यह भी लग रहा था कि यदि स्थानीय नेता व कार्यकर्ता नाराज हो गए तो इसका असर कन्नौज लोकसभा सीट के चुनाव परिणाम पर पड़ सकता है। यही कारण है कि उन्होंने तेज प्रताप का टिकट काटकर खुद लड़ने का निर्णय ले लिया।

कन्नौज से अखिलेश को इसलिए भी लगाव है, क्योंकि उनकी राजनीतिक पारी की शुरुआत यहीं से हुई थी। वर्ष 1999 में यहां से मुलायम सिंह यादव जीते थे, उनके इस्तीफा देने के बाद हुए उपचुनाव में अखिलेश जीते थे। समाजवादी पार्टी का गढ़ रहे कन्नौज से पहले सांसद डा. राममनोहर लोहिया थे। वर्ष 1998 में 2014 तक लगातार यह सीट सपा के पास रही थी। वर्ष 2019 के चुनाव में डिंपल यादव भाजपा के सुब्रत पाठक से हार गईं थीं।

अब तक 10 सीटों पर प्रत्याशी बदल चुकी है सपा

सपा अब तक 10 लोकसभा सीटों के प्रत्याशी बदल चुकी है। कुछ सीटों पर तो चार बार प्रत्याशी बदले गए हैं। गौतम बुद्ध नगर से सपा ने पहले डा. महेंद्र नागर को टिकट दिया था, बाद में राहुल अवाना को टिकट मिला। तीसरी बार सपा ने फिर से डा. नागर को ही टिकट दे दिया। मुरादाबाद में पहले सांसद एसटी हसन को उम्मीदवार घोषित किया। एसटी हसन के नामांकन के बाद उनका टिकट काटकर रुचि वीरा को दे दिया। मेरठ से सपा ने पहले भानु प्रताप सिंह को टिकट दिया था, फिर उनकी जगह सरधना विधायक अतुल प्रधान को टिकट दिया गया। अंत में अतुल का टिकट काटकर पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया।

इसी तरह बदायूं सीट से पहले धर्मेंद्र यादव फिर शिवपाल सिंह यादव और अब उनके बेटे आदित्य यादव को प्रत्याशी बना दिया गया है। मिश्रिख सीट पर तो पहले रामपाल राजवंशी, फिर उनके बेटे मनोज राजवंशी और बाद में मनोज की पत्नी संगीता राजवंशी को टिकट दिया गया। अब सपा ने यहां पूर्व सांसद रामशंकर भार्गव को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। बिजनौर में पहले यशवीर सिंह को टिकट मिला बाद में दीपक सैनी मैदान में आ गए।

संभल में सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के निधन के बाद उनके पौत्र व कुंदरकी के विधायक जियाउर्रहमान बर्क को टिकट दिया गया। सुलतानपुर में पहले भीम निषाद को टिकट मिला बाद में रामभुआल निषाद को टिकट दे दिया गया। बागपत में पहले मनोज चौधरी को टिकट मिला बाद में उनका टिकट काटकर अमरपाल शर्मा को प्रत्याशी बना दिया गया।

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