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कन्नौज में बढ़ सकती हैं भाजपा की मुश्किलें, सपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की बनाई तैयारी

कन्नौज लोकसभा सीट हारने के बाद भाजपा की मुसीबतें और बढ़ सकती हैं। समाजवादी पार्टी ने कन्नौज जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की पूरी तैयारी कर ली। सूत्रों के मुताबिक इसी सप्ताह सपा के जिला पंचायत सदस्त जिलाधिकारी शुभ्रान्त कुमार शुक्ल से मुलाकात कर अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए शपथ पत्र देंगे। बता दें कन्नौज जिला पंचायत सदन में कुल 28 सदस्य हैं।

By amit kuswaha Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 05 Aug 2024 04:05 PM (IST)
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव

जागरण संवाददाता, कन्नौज। लोकसभा सीट हारने के बाद अब जिले में भाजपा को एक और बड़ा झटका लगने वाला है। सपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की पूरी तैयारी कर ली। इसी सप्ताह सपा के जिला पंचायत सदस्य डीएम को अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए शपथ पत्र देंगे।

जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जिले में सियायत तेज हो गई। मौजूदा सदस्यों को अपने पाले में रखने के लिए भाजपा ने भी हर संभव कवायद तेज कर दी। तीन जुलाई 2021 को भाजपा से प्रिया शाक्य जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुईं थीं।

लोकसभा सीट से सपा मुखिया अखिलेश यादव के सांसद निर्वाचित होने के बाद से जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी हथियाने को लेकर कवायद शुरू हो गई थी।

शनिवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर 14 जिला पंचायत सदस्यों से मुलाकात की। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष प्रिया शाक्य के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए चर्चा की। सपा सूत्रों के मुताबिक इसी सप्ताह जिला पंचायत सदस्य डीएम शुभ्रान्त कुमार शुक्ल से मुलाकात कर जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए अपने-अपने शपथ पत्र सौंपेंगे।

सपा के पास सबसे अधिक सदस्य, भाजपा का नुकसान तय

जिला पंचायत सदन में कुल 28 सदस्य हैं। सपा का दावा है कि इनमें से 16 उनकी पार्टी के सदस्य हैं। भाजपा के पास कुल 10 और बसपा के दो सदस्य हैं। तीन जुलाई 2021 को जिला पंचायत अध्यक्ष पद भाजपा नेत्री प्रिया शाक्य निर्वाचित हुईं थी।

चुनाव में प्रिया शाक्य को कुल 15 और सपा प्रत्याशी श्याम सिंह यादव को 13 मत मिले थे। प्रिया शाक्य के निर्वाचित होने पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा पर सदस्यों को डरा धमका कर फर्जीवाड़ा कर चुनाव जीतने का आरोप लगाया था।

भाजपा सदस्यों ने भी बदला पाला, सियासत हुई तेज

सांसद निर्वाचित होने के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव स्वयं जिले की राजनीतिक गतिविधियों पर नजर बनाए हैं। कुछ भाजपा सदस्यों ने भी सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात कर पाला बदलने की बात कही। इससे अविश्वास प्रस्ताव की तैयार हुई हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में सपा के कुछ सदस्य भाजपा में शामिल हुए थे। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव ने इन सदस्यों को पार्टी में शामिल होने का मौका देते हुए शपथ पत्र देने की बात कही है।

2013 में सपा लाया था अविश्वास प्रस्ताव

1998 में फर्रुखाबाद से कन्नौज के विभाजित होने के बाद जिला पंचायत की कुर्सी पर सपा का वर्चस्व रहा। 2007 में बसपा सरकार बनने पर पहली बार बसपा से मुन्नी आंबेडकर जिला पंचायत सदस्या निर्वाचित हुईं थी, लेकिन 2012 में सपा सरकार बनने के बाद सपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था और मुन्नी आंबेडकर को हटाकर सपा से सुनीता दोहरे जिला पंचायत अध्यक्ष बनाई गईं थीं। 2021 में पहली बार भाजपा से प्रिया शाक्य जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं।

भाजपा जिलाध्यक्ष वीरसिंह भदौरिया ने कहा-

'मौजूदा समय भाजपा के पास जिला पंचायत सदस्य ज्यादा हैं। इससे सपा की कोई चाल नहीं चलेगी। भाजपा के पास जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी सुरक्षित है। अब समाजवादियों के धमकी में कोई आने वाला नहीं है।'

सपा जिलाध्यक्ष कलीम खान ने बताया-

'भाजपा ने गुंडागर्दी के दम पर 2021 में जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी पर कब्जा कर लिया था। सपा के पास सदस्यों की संख्या अधिक है। भाजपा से जुड़े सदस्यों ने भी जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में सहमति जताई है। इससे जल्द अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा।'

जिला पंचायत अध्यक्ष प्रिया शाक्य ने कहा-

' बीते दो साल सपा अविश्वास प्रस्ताव लाने का दावा कर रही है, लेकिन उनका प्रयास असफल होता है। सदस्य और जनता जानते हैं कि जिले में विकास और सम्मान भाजपा द्वारा ही होता है। अविश्वास प्रस्ताव सपा के लिए सिर्फ एक ख्वाब ही बनकर रहेगा।'

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