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कन्नौज लोकसभा सीट पर दिलचस्प होगा मुकाबला, परिणाम तय करेगा दल बदलुओं की साख

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सपा बसपा के नेताओं में भगदड़ सी मच गई। सबसे ज्यादा नेता इन्ही पार्टियों के हैं जिन्होंने भाजपा का दामन थामा है। अब नए दल में अपनी साख और कद बचाए रखना इनके लिए बड़ी चुनौती है। हालांकि चुनाव परिणाम ही इनकी साख तय करेगा। चुनाव परिणाम के आधार पर इन दल बदलुओं की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 24 Apr 2024 10:14 AM (IST)
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कन्नौज लोकसभा सीट पर दिलचस्प होगा मुकाबला, परिणाम तय करेगा दल बदलुओं की साख
जागरण संवाददाता, कन्नौज। (Lok Sabha Election 2024) लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सपा, बसपा के नेताओं में भगदड़ सी मच गई। सबसे ज्यादा नेता इन्ही पार्टियों के हैं, जिन्होंने भाजपा का दामन थामा है। अब नए दल में अपनी साख और कद बचाए रखना इनके लिए बड़ी चुनौती है। हालांकि, चुनाव परिणाम ही इनकी साख तय करेगा।

पूर्व जिला पंचायत शिल्पी कटियार के सपा नेता पति संजू कटियार, तालग्राम पूर्व चेयरमैन दिनेश कटियार, धर्मेंद्र यादव, बसपा प्रत्याशी अनुराग जाटव भाजपा में शामिल हुए हैं। संजू कटियार छात्र राजनीति के बाद लंबे समय से सपा में रहे हैं। वह अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं। पिछड़े वर्ग पर उनकी अच्छी पकड़ है।

दिनेश यादव का तालग्राम में है वर्चस्व

इसी तरह दिनेश यादव का भी तालग्राम में खासा वर्चस्व है। जबकि अनुराग जाटव का कन्नौज और फर्रुखाबाद में अच्छा दखल है। फिलहाल दल बदलकर भाजपा में शामिल हुए यह नेता अपनी साख बनाए रखने के लिए प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। नई पार्टी में कद बढ़ाने के लिए यह बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ वोट मांगकर माहौल तैयार कर रहे हैं।

पार्टी के शीर्ष नेताओं का मानना है कि 2024 लोकसभा चुनाव में परिणामों के आधार पर इन नेताओं की जिम्मेदारी तय की जाएगी। सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए संजू कटियार बताते हैं कि जिस मकसद से वह भाजपा में आए वह पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।

वहीं दिनेश यादव बताते हैं कि उनकी बदौलत ही सपा को तालग्राम में वोट मिलते थे। इस बार उनके प्रयास से बड़ी संख्या में लोग भाजपा के पक्ष में मतदान करेंगे।

भाजपा छोड़ने पर रामशंकर लोधी को सपा ने बनाया प्रदेश सचिव

चुनाव से पूर्व भाजपा नेता रामशंकर लोधी ने सपा का दामन थामा। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उन्हें सपा प्रदेश सचिव की जिम्मेदारी है। इसके अलावा रसूलाबाद निवासी पूर्व राज्यमंत्री शिवकुमार बेरिया भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए। अभी शिवकुमार को सपा में किसी तरह की जिम्मेदारी नहीं दी गई।

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