उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में एक बार फिर अवैध निर्माण पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई। केसरकारी जमीन पर अवैध निर्माण को प्रशासन ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। निर्माणाधीन मकान के पिलर और दीवारें ढहा दी गईं। विरोध करने पर ग्रामीण को एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने की चेतावनी दी गई। इसके बाद ग्रामीण पीछे हट गए ।
संवाद सहयोगी, तिर्वा। सरकारी जमीन पर पक्के मकान का निर्माण होने से प्रशासन ने बुलडोजर चलाया। निर्माणाधीन मकान के पिलर व दीवारों को ध्वस्त कर दिया गया। विरोध करने पहुंचे ग्रामीण को पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर जेल भेजने की चेतावनी दी। तहसील क्षेत्र के बहसुइया गांव में रावेंद्र शुक्ला अपने मकान का पक्का निर्माण करा रहे थे। करीब पांच दिन से काम चल रहा था। निर्माण में रावेंद्र ने नीव भराई के साथ पिलर व दीवारें भी खड़ी कर दी थीं।
निर्माण की जानकारी तहसील प्रशासन को दी गई। इससे एसडीएम अशोक कुमार, तहसीलदार अवनीश कुमार सिंह व ठठिया थानाध्यक्ष अरुण कुमार चौधरी मौके पर पहुंचे। राजस्व टीम ने जमीन की पैमाइश की। जमीन सरकारी और खाद गड्ढे की होने की पुष्टि हुई। इसके बाद प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर पिलर व दीवारें ध्वस्त कर दीं। रावेंद्र ने कहा कि पैतृक कच्चे मकान को ध्वस्त कर पक्का निर्माण शुरू किया था।
अवैध कब्जा किया गया ध्वस्त
तहसील प्रशासन ने जबरन कार्रवाई कर दी। रावेंद्र ने विरोध किया तो पुलिस ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने पर मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दी। इससे रावेंद्र पीछे हट गए। प्रशासन ने अवैध कब्जा ध्वस्त कर दिया और सरकारी जमीन राजस्व टीम के सिपुर्द की गई।
सडीएम अशोक कुमार ने बताया कि मकान अवैध बन रहा था। इससे पक्का निर्माण बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया है।
नहीं दिया कोई नोटिस
रावेंद्र ने प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि जहां पर अवैध कब्जे हैं, उनका ध्वस्त नहीं कराया जा रहा। पैतृक जमीन पर काम चल रहा था, उसे गिराया गया। निर्माण कई दिनों से हो रहा था, लेकिन प्रशासन ने न तो कोई नोटिस दी और न ही कोई सूचना दी और निर्माण ध्वस्त करा दिया।
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