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पहले बरसाई पुलिस पर गोलियां, अब खौंफ में हिस्ट्रीशीटर; बोला- ' मेरा हो सकता है एनकाउंटर', बेटे ने कहा था- 'एक और बिकरू...'

पुलिस टीम पर फायरिंग कर सिपाही की हत्या के आरोपित हिस्ट्रीशीटर को पुलिस ने रात को जेल भेजा। वहीं उसके नाबालिग बेटे को पुलिस बाल संप्रेक्षण गृह ले गई। जेल जाते समय मेडिकल कालेज में हिस्ट्रीशीटर ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ दिखाकर हत्या करने की आशंका जताई। हिस्ट्रीशीटर अशोक कुमार यादव उर्फ मुन्ना उसकी पत्नी पूर्व प्रधान श्यामा देवी और नाबालिग बेटे ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी थी।

By amit kuswaha Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 31 Dec 2023 11:57 AM (IST)
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पहले बरसाई पुलिस पर गोलियां, अब खौंफ में हिस्ट्रीशीटर; बोला- ' मेरा हो सकता है एनकाउंटर'

जागरण संवाददाता, कन्नौज। पुलिस टीम पर फायरिंग कर सिपाही की हत्या के आरोपित हिस्ट्रीशीटर को पुलिस ने रात को जेल भेजा। वहीं उसके नाबालिग बेटे को पुलिस बाल संप्रेक्षण गृह फर्रुखाबाद ले गई। जेल जाते समय मेडिकल कालेज में हिस्ट्रीशीटर ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ दिखाकर हत्या करने की आशंका जताई।

हिस्ट्रीशीटर अशोक कुमार यादव उर्फ मुन्ना, उसकी पत्नी पूर्व प्रधान श्यामा देवी और नाबालिग बेटे ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी थी। पुलिस की जवाबी गोली में मुठभेड़ के दौरान हिस्ट्रीशीटर और उसके बेटे को पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया था। दोनों का मेडिकल कालेज तिर्वा में उपचार चल रहा था।

शनिवार की सुबह करीब 10 बजे मेडिकल कालेज से दोनों को डिस्चार्ज कर दिया गया था। दोनों को रात में मेडिकल कालेज से निकालना चाहती थी। इससे रात करीब आठ बजकर 10 मिनट पर पुलिस ने दोबारा दोनों का फिर से डिस्चार्ज लेटर यहां बनवाया।

नाबालिग को भेजा गया बाल संप्रेक्षण गृह

तिर्वा कोतवाली प्रभारी निरीक्षक विजय सिंह और उप निरीक्षक संतोष यादव कड़ी सुरक्षा के बीच हिस्ट्रीशीटर को जिला कारागार अनौगी लेकर रात करीब नौ बजे पहुंचे। हिस्ट्रीशीटर को जेल में दाखिल कराने के बाद एक पुलिस टीम नाबालिग बेटे को लेकर बाल संप्रेक्षण गृह (जखा) याकूतगंज फर्रुखाबाद लेकर रवाना हुई।

जेल जाते समय हिस्ट्रीशीटर ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि फर्जी मुठभेड़ दिखाकर उसकी हत्या कर सकती है। एसपी अमित कुमार आनंद ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर को जेल भेज दिया गया है। मामले में जल्द चार्जशीट दाखिल की जाएगी।

चीख-चीख कर बोला हिस्ट्रीशीटर

मेडिकल कालेज से जेल जाते समय हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव चीख-चीख बोला कि जेल नाहीं जे लैइ जइयें, देख लियो। भगो भओ दिखइयें। भगो भओ दूबां को भगोड़ा है, मार दिया। 22 साल हो गईं एक जगह बैठे हमैं न्याय नाहीं मिल पाओ, जो न्याय चाहत हते वो नहीं मुझे मिल पाया। भैया कोई न्याय नाहीं है। अब गलती जो..... कैसे गोली लगी। किसनै मारी। कैमरा लगे हैं। वौ तौ सब सामने आए जइये, कैमरा लगे।

हमारी एक ही जगह लोकेशन है। 22 साल हो गईं। हमें एक जगह बैठे। 22 साल से कोई केस नाहीं। पहले हमारी लड़ाई थी। पहले हम लड़ाई लड़ते रहे। 22 साल से कोई केस नहीं। आए कै प्रधान भए। हमारी चार बार की प्रधानी जबरदस्ती छीन लई गई। पिता और भाई की हत्या हुई चुकी है। हमाओ तौ योगी से न्याओ है। हमैं न्याओ दओ जाए हमैं न्याय नाहीं मिल पाओ।

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