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Kannauj Encounter: हिस्ट्रीशीटर के सामने 5 घंटे तक बेबस रही पुलिस, खिड़कियों से करता था फायरिंग; इस तरह किया गया एनकाउंटर

Kannauj Encounter Case Update बेटे के साथ हिस्ट्रीशीटर ने पांच घंटे तक पुलिस से डटकर मुकाबला किया। ताबड़तोड़ फायरिंग के आगे पुलिस बेबस दिखी। रात में कोहरे की धुंध और अंधेरे में पुलिस अचानक फायरिंग करते हुए मकान में दाखिल हुई। इसके बाद हिस्ट्रीशीटर और उसके बेटे को गोली मारकर गिरफ्तार किया। हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुन्ना बेहद शातिर है।

By amit kuswaha Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 26 Dec 2023 01:02 PM (IST)
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हिस्ट्रीशीटर के सामने 5 घंटे तक बेबस रही पुलिस, खिड़कियों से करता था फायरिंग; इस तरह किया गया एनकाउंटर

जागरण संवाददाता, कन्नौज। बेटे के साथ हिस्ट्रीशीटर ने पांच घंटे तक पुलिस से डटकर मुकाबला किया। ताबड़तोड़ फायरिंग के आगे पुलिस बेबस दिखी। रात में कोहरे की धुंध और अंधेरे में पुलिस अचानक फायरिंग करते हुए मकान में दाखिल हुई। इसके बाद हिस्ट्रीशीटर और उसके बेटे को गोली मारकर गिरफ्तार किया।

हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुन्ना बेहद शातिर है। वह और उसका बेटा टिंकू शाम चार बजे से रात आठ बजे तक पुलिस टीम पर रूक रूककर फायरिंग करते रहे। पुलिस अधिकारियों ने कई बार दोनों से आत्म समर्पण करने को कहा, लेकिन दोनों ने पुलिस की एक न सुनी।

पांच घंटे तक बेबस रही पुलिस

आसपास सरसों में खेतों में छिपकर जैसे पुलिस टीमें आगे बढ़ती थी कि घर की खिड़की और छत से दोनों फायरिंग शुरू कर देते थे। इससे पांच घंटे तक पुलिस बेबस बनकर खड़ी रही। रात करीब आठ बजे अंधेरा बढ़ने के साथ कोेहरे की धुंध छाने लगी। इससे हाईमास्ट की रोशनी कमजोर पड़ने लगी।

इस बीच पुलिस कर्मियों ने घर में घुसकर हिस्ट्रीशीटर और उसके बेटे के पैर में गोली मारकर घायल कर दिया। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

दो तमंचे और एक राइफल भी बरामद, अधिकारियों ने साधी चुप्पी

हिस्ट्रीशीटर अशोक उर्फ मुन्ना की जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों के बीच में अच्छी पैठ थी। पुलिस ने घर से दो तमंचा और एक लाइसेंसी राइफल बरामद की है। बताया जा रहा है कि बरामद राइफल का लाइसेंस धारक हिस्ट्रीशीटर अशोक उर्फ मुन्ना है।

अगर ऐसा है, तो टापटेन अपराधियों की सूची में शामिल 20 हजार के इनमा घोषित अपराधी के शस्त्र का सर्वे कर निरस्तीकरण क्यों नहीं कराया गया। फिलहाल अधिकारियों ने लाइसेंसी राइफल मिलने के बाद चुप्पी साध ली है।

अधिकारियों के बुलाने पर नहीं पहुंचा कोई ग्रामीण

घर की छत और खिड़कियों से जब आरोपित पुलिस टीम पर फायरिंग कर रहे थे, तभी एसपी और एएसपी ने ग्रामीणों को मौके पर बुलाकर आरोपितों को समझा कर सरेंडर कराने में मदद की अपील की, लेकिन कोई भी ग्रामीण मौके पर नहीं पहुंचा। गांव में पूरी तरह से सन्नाटा छाया। सिर्फ पुलिस गोलियों की आवाज और पुलिस के वाहनों के सायरन गूंजते रहे।

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