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Kannauj Lok Sabha Chunav Result: कन्नौज में अखिलेश यादव ने 170076 से दर्ज की जीत, पढ़ें इस सीट का पूरा इतिहास

Kannauj Lok Sabha Election Result उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में एक कन्नौज लोकसभा (Kannauj Lok Sabha Seat) सीट पर मुकाबला काफी रोचक चल रहा है। इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। वहीं भाजपा से सुब्रत पाठक तो बसपा से मोहम्मद इमरान बिन जफर हैं। सुब्रत पाठक और अखिलेश में काफी करीबी मुकाबला है। ताजा जानकारी के लिए रिफ्रेश करें...

By Abhishek Pandey Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 04 Jun 2024 03:57 PM (IST)
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कन्नौज में अखिलेश और सुब्रत पाठक में कांटे की टक्कर, किसे मिलेगी जीत?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। (Kannauj Lok Sabha chunav Result 2024) देश में हाट सीट में शामिल कन्नौज लोकसभा सीट से सपा मुखिया अखिलेश यादव ने जीत दर्ज की। भाजपा से मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक को उन्होंने 170076 मतों से पराजित कर दिया। पहले चरण से ही सपा ने बढ़त बनाई। अंतिम चरण तक यह सिलसिला बना रहा। परिणाम घोषित होते ही सपाइयों में उत्साह की लहर दौड़ गई और जमकर जश्न मनाया।

कन्नौज लोकसभा सीट से इस बार मैदान में सपा मुखिया अखिलेश यादव खुद मैदान में थे। उनका मुकाबला सपा के मौजूदा सुब्रत पाठक से हुआ। वहीं बसपा से इमरान बिन जफर ने चुनाव लड़ा। 2019 में बसपा से गठबंधन कर अखिलेश यादव की पत्नी को मोदी लहर में भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने पराजित किया था। इस सीट सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने 1999 में चुनाव जीता था। इसके बाद 2000 से 2009 तक लगातार तीन बार अखिलेश यादव सांसद निर्वाचित हुए।

सपा का गढ़ मानी जाने वाली सीट पर पार्टी का अस्तित्व बचाने और पत्नी डिंपल की हार का बदला लेने के लिए सपा मुखिया स्वयं सियासती मैदान में सुब्रत पाठक के खिलाफ ताल ठोंकी। मंगलवार को शुरू हुई मतगणना के पहले चरण में ही अखिलेश को 3955 मत मिले। वहीं सुब्रत को 2707 मत और बसपा के इमरान बिन जफर को 673 मत मिले। पहले ही चरण में अखिलेश ने 1248 मतों से बढ़त बनाई। शाम आठ बजे 37वें अंतिम चरण बढ़त पर कायम रहे।

अखिलेश यादव को कुल 640207 मत मिले। सुब्रत पाठक को कुल 470131 और बसपा के इमरान बिन जफर को 81471 मत मिले। इससे अखिलेश यादव ने सुब्रत को कुल 170076 मतों से पराजित किया। मैदान में कुल 15 प्रत्याशी थे। सपा और भाजपा प्रत्याशी के अलावा अन्य सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई। अखिलेश यादव की जीत की मुख्य वजह वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री रहते हुए कराए गए कई विकास कार्य और जातीय समीकरण रहा। भाजपा की हार की सबसे बड़ी वजह मौजूदा सांसद की जनता से दूरी बनाए रखना रहा है।

ये हैं प्रत्याशी - चुनाव चिह्न - दल (Kannauj Lok Sabha Candidate List)

क्रमांक -- प्रत्याशी का नाम -- -- -- -- -- -पार्टी का नाम -- -- -- -- -- -- -- चुनाव चिन्ह

1: -- -- -अखिलेश यादव -- -- -- -- -- - समाजवादी पार्टी -- -- -- -- -- -साइकिल

2: -- -- -सुब्रत पाठक -- -- -- -- -- -- - भारतीय जनता पार्टी -- -- -- -- -- -कमल

3: -- -- -मोहम्मद इमरान बिन जफर -- - बहुजन समाज पार्टी -- -- -- -- -- - हाथी

4: -- -- -आलोक कुमार वर्मा -- -- -- -- राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी -- -- -- -- गन्ना किसान

-- -प्रमोद कुमार यादव -- -- -- -- भारतीय कृषक दल -- -- -- -- -- -चारपाई

6. -- -- शैलेंद्र कुमार -- -- -- -- -- -- - भारतीय किसान परिवर्तन पार्टी -- -- केतली

7. -- -- -सुनील -- -- -- -- -- -- -- -- - भारतीय शक्ति चेतना पार्टी -- -- -- -बांसुरी

8 -- -- सुभाष चंद्र -- -- -- -- -- -- -- आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक -- -- -- -- -- -शेर

9 -- - इरफान अली -- -- -- -- -- -- निर्दलीय -- -- -- -- -- -- -- -- एयरकंडीस्नर

10 -- -- पुरुषोत्तम -- -- -- -- -- -- -- निर्दलीय -- -- -- -- -- -- -- -- अलमारी

11 -- -- भानु प्रताप सिंह -- -- -- -- - निर्दलीय -- -- -- -- -- -आटो रिक्शा

12. -- यादवेंद्र किशोर -- -- -- -- -- - निर्दलीय -- -- -- -- -- -सेब

13- -- राज कठेरिया -- -- -- -- -- -- निर्दलीय -- -- -- -- -- -बेबी बाकर

14 -- -- ललित कुमारी -- -- -- -- -- -- राष्ट्रीय क्रांति पार्टी -- -- -- -- -- -स्टैथोस्कोप

15. -- -सिनोद कुमार -- -- -- -- -- - निर्दलीय -- -- -- -- -- -कैंची

कन्नौज लोकसभा सीट पर कुल मतदाता (Kannauj Lok Sabha Voters)

कन्नौज लोकसभा में पांच विधानसभा आतीं हैं। कानपुर देहात की रसूलाबाद, औरैया की बिधूना, कन्नौज में छिबरामऊ, सदर और तिर्वा विधानसभा है। कन्नौज लोकसभा में 19,88,925 मतदाता है।

पुरुष 10,64,886 व 9,23,944 महिला मतदाता है। 28313 युवा पहली बार मतदान करेंगे।

कन्नौज लोकसभा सीट का इतिहास (Kannauj Lok Sabha History)

लोकसभा सीट कन्नौज पर वर्ष 1998 से 2014 तक समाजवादियों का कब्जा रहा। 1998 में सपा से प्रदीप यादव ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1999 में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी। उनके इस्तीफा देने पर 2000 उप चुनाव में यहां से अखिलेश यादव ने पहली बार लोकसभा चुनाव जीता। इसके बाद लगातार 2009 तक अखिलेश यादव तीसरी बार सांसद बने।

मुख्यमंत्री बनने पर अखिलेश ने जब इस्तीफा दिया, तो पत्नी डिंपल यादव 2012 में निर्विरोध सांसद बनाया। इसके बाद 2014 में भी डिंपल ने जीत दर्ज की, लेकिन 2019 में सपा-बसपा गठबंधन से चुनाव मैदान में उतरीं डिंपल यादव को भाजपा के सु्ब्रत पाठक ने पराजित किया। इससे पांच साल से सपा इस सीट पर वनवास में है।

अब 2024 में सपा मुखिया अखिलेश यादव के चुनाव मैदान में होने से यह सीट देश-प्रदेश में चर्चित है। सपा नेताओं का मानना है कि डिंपल की हार का बदला लेने के लिए सपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार रखने के लिए सुब्रत पाठक ने हर संभव सियासी दांव खेला।

मुलायम सिंह की कर्मभूमि रही कन्नौज सीट

कन्नौज संसदीय सीट डा. राम मनोहर लोहिया के साथ समाजवाद के नारे संग आगे बढ़े मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि रही। वर्ष 2000 में मुलायम ने बेटे अखिलेश को यहीं से राजनीति में उतारा। वो 2012 तक सांसद रहे। उनके मुख्यमंत्री बनने पर फिर उनकी पत्नी डिंपल यादव जीतीं।

2019 में भाजपा के सुब्रत पाठक सपा से ये सीट छीनकर राजनीतिक क्षितिज में चमके। कन्नौज में सभी विधानसभा क्षेत्रों में भी भगवा परचम लहराया। उसी इत्र नगरी की सियासत लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद नया करवट लेगी।

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