Kannauj में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर बड़ा हादसा, ट्रक में स्लीपर बस व दमकल गाड़ी से टकराई कार, तीन की मौत
कन्नौज में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बड़ा हादसा हो गया है। दिल्ली से बलिया जा रही एक स्लीपर बस की मिनी ट्रक से टक्कर हो गई। वहीं उसके बचाव के लिए आई दमकल को कार ने टक्कर मार दी। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। 30 से अधिक लोग घायल हो गए। दुर्घटना तिर्वा कोतवाली थाना क्षेत्र में हुई।

संवाद सहयोगी, जागरण, तिर्वा (कन्नौज)। कन्नौज में आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर बड़ा हादसा हो गया। रात में चालक को झपकी आने की वजह से स्लीपर बस आगे चल रहे मिनी ट्रक से टकरा गई। वहीं, उसके बचाव में आई दमकल की गाड़ी से कार टकरा गई। हादसे में तीन की मौत हो गई जबकि 33 लोग घायल हो गए। हादसा रात करीब 11:10 बजे का है। दुर्घटना बस चालक को झपकी लगने के कारण हुई।
दरअसल, चालक को झपकी आने से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर ट्रक में पीछे से स्लीपर बस टकरा गई। इससे बस परिचालक की घटनास्थल पर मौत हो गई। चालक को मेडिकल कालेज से आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई रेफर किया गया। वहां पर इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। घटनास्थल पर सुरक्षा को लेकर खड़ी दमकल की गाड़ी से कार टकरा गई। इससे कार चालक की मौत हो गई और साथी युवक जख्मी हो गया।
हादसे में 13 घायलों को तिर्वा स्थित राजकीय मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है। यह दुर्घटना शनिवार देर रात तिर्वा कोतवाली क्षेत्र में पचोर गांव के पास हुई। दुर्घटना के समय स्लीपर बस की रफ्तार करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटा थी, जबकि कार 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही थी।
राजकीय मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में घायल बस यात्री का हालचाल लेते डीएम, एसपी। जागरण
दिल्ली के कश्मीरी गेट से चली थी बस
शनिवार शाम पांच बजे दिल्ली के कश्मीरी गेट से स्लीपर बस के परिचालक अयोध्या के बरौली थाना क्षेत्र के उमरहल कस्बा निवासी 32 वर्षीय संजू पुत्र सुखीलाल चौरसिया ने करीब 55 सवारियां बैठा लीं। मैनपुरी के करहल थाना क्षेत्र के शाहपुर निवासी 29 वर्षीय चालक अंकित पुत्र रघुराज बस लेकर बलिया के लिए निकले थे। बस में कानपुर देहात के रनिया कस्बा निवासी 40 वर्षीय करन पुत्र रामबहादुर सहचालक भी थे। सह चालक व परिचालक साइड की सीट पर एक साथ बैठे थे।
बस की रफ्तार करीब 100 किमी प्रतिघंटा
रात करीब 11 बजे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के 187 किलोमीटर प्वाइंट पर तिर्वा के पचोर गांव के सामने पहुंचने पर चालक संजू को झपकी आ गई। बस की रफ्तार करीब 100 किमी प्रतिघंटा थी। इससे लखनऊ की ओर जा रहे आलू से लदे ट्रक में पीछे से बस टकरा गई। हादसे में चालक अंकित के सिर पर कांच घुस गई और गंभीर रूप से जख्मी हो गए। परिचालक संजू का आधा शरीर क्षतिग्रस्त बस दबने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई। बस में सवार 55 सवारियों में से 33 को चोटें आईं।
16 मिनट में पहुंचे यूपीडा के सुरक्षा अधिकारी
करीब 16 मिनट बाद यूपीडा के सुरक्षा अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। टीम ने बचाव के इंतजाम शुरू किए। दमकल की गाड़ी भी पहुंची। क्षतिग्रस्त बस से कुछ दूरी पर खड़ी हो गई। तभी तेज रफ्तार एक्सयूवी दमकल की गाड़ी में पीछे से से टकरा गई। कार चला रहे बिहार के पटना जिले के दानापुर सगुना, गांधी नगर वार्ड नं. 16 मूर्ति के पास निवासी 22 वर्षीय हर्ष आनंद पुत्र मनोज कुमार व साइड सीट पर बैठे दोस्त बिहार के चंपारण जिले के मोतिहारी कस्बा निवासी 25 वर्षीय राहुल पुत्र जयप्रकाश जख्मी हो गए। सीटबेल्ट लगी होने से कार से एयर बैग खुल गए। इससे राहुल को हल्की चोट आई, लेकिन हर्ष आनंद के सिर पर गहरी चोट लगी।
13 गंभीर घायलों को मेडिकल कालेज भेजा गया
एक्सप्रेसवे पर सीओ कुलवीर सिंह, प्रभारी निरीक्षक संजय शुक्ला व तालग्राम थानाध्यक्ष शशिकांत कनौजिया पहुंचे। एंबुलेंस से 13 गंभीर घायलों को राजकीय मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। परिचालक का शव मर्च्युरी में रखा दिया गया। अन्य यात्रियों को मामूली चोटें होने से मौके पर ही प्राथमिक उपचार देकर दूसरे वाहनों से लखनऊ तक भेज दिया गया। मेडिकल कालेज में सीएमएस डा. दिलीप सिंह 17 डाक्टरों के साथ इलाज में जुट गए। इसमें बस चालक अंकित को होश न होने से सैफई स्थित आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय रेफर कर दिया गया। सैफई में इलाज के दौरान अंकित की मौत हो गई। तभी मेडिकल कालेज में इलाज के दौरान कार चालक हर्ष आनंद ने भी दम तोड़ दिया।
रात 12 बजे डीएम भी पहुंचे
रात करीब 12 बजे मेडिकल कालेज में डीएम आशुतोष मोहन अग्निहोत्री, एसपी विनोद कुमार, एसडीएम राजेश कुमार व तहसीलदार अवनीश कुमार सिंह पहुंचे। घायलों से बातचीत की और सांत्वना दी। रविवार तड़के चार बजे हर्ष आनंद व संजू के स्वजन मेडिकल कालेज पहुंचे। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया और दोपहर बाद शव लेकर स्वजन घर चले गए। घायलों की हालत में सुधार होने से सभी यात्रियों को सुरक्षित सामान के साथ लखनऊ तक भेज दिया गया है।
बस में सवार यह लोग हुए जख्मी
कानपुर देहात के रनिया कस्बा निवासी 40 वर्षीय करन पुत्र रामबहादुर बस का सहचालक, आजमगढ़ के कंधरापुर थाना क्षेत्र के बर्जी गांव निवासी 30 वर्षीय आशा सरोज पत्नी राहुल सरोज, इनका तीन वर्षीय बेटा रुद्रेश सरोज, मुजफ्फरनगर के जानसठ थना क्षेत्र के चितौड़ा गांव निवासी 55 वर्षीय गोपाल पुत्र जोधा सिंह, मऊ जिले के घोसी थाना क्षेत्र के सरबसपुर निवासी 39 वर्षीय हंस कुमार शर्मा पुत्र रामसूरत, कन्नौज के इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के कठेला गांव निवासी 30 वर्षीय अखिलेश पुत्र दयाराम, बलिया के नागरा थाना व कस्बा निवासी 45 वर्षीय गोपाल पुत्र शंभु प्रसाद, बलिया के मनियर थाना क्षेत्र के बांसुरी जागीर निवासी 36 वर्षीय चंदन सिंह पुत्र सुरेंद्र सिंह, इनकी पत्नी 32 वर्षीय प्रियंका सिंह, बलिया के सदर कोतवाली के लोहाटा गांव निवासी 28 वर्षीय विमलेश कुमार पुत्र हरेंद्र, लखनऊ के तेली बाग, छोटा देवी खेड़ा निवासी 27 वर्षीय सुमित पुत्र रामपाल।
चार घंटे बाद यातायात हुआ बहाल
एक्सप्रेसवे पर हादसे को लेकर घायलों में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने तालग्राम क्षेत्र में वाहन रोकना शुरू कर दिया। करीब चार घंटे तक यातायात प्रभावित रहा। पुलिस ने क्षतिग्रस्त बस, ट्रक और कार को एक्सप्रेसवे के नीचे फगुआ भट्ठा में टोल प्लजा के पास खड़ा करा दिया। तड़के करीब तीन बजे यातायात बहाल हो सका।
यूपीडा के सुरक्षा इंतजाम काफूर, कार चालक की चली गई जान
एक्सप्रेसवे पर चलने के लिए यात्रियों को टोल टैक्स देना पड़ता है, लेकिन सुरक्षा के इंतजाम बदहाल हैं। यूपीडा ने हादसे के बाद वाहन रोकने के इंतजाम पुख्ता कर दिए होते, तो शायद कार हादसे की शिकार न होती। चालक की जान भी बच जाती। ओवर स्पीड पर ई-चालान हो रहे हैं, लेकिन कंट्रोल करने के इंतजाम नहीं हो पा रहे हैं।
रिफ्लेक्टर लगाने का काम पुख्ता नहीं किया
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर रात 11 बजे ट्रक में पीछे से स्लीपर बस टकराई तो सुरक्षा को लेकर रिफ्लेक्टर लगाने का काम पुख्ता नहीं किया गया। आग लगने की आशंका को लेकर दमकल की गाड़ी भी पहुंची थी और घटनास्थल के पास खड़ी थी। तभी दमकल की गाड़ी में पीछे से 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही कार भी टकरा गई। कार की स्पीड कंट्रोल और रोकने के लिए यूपीडा ने इंतजाम समय से नहीं किए। नतीजा, कार चालक हर्ष आनंद की भी जान चली गई। घटनास्थल पर रोशनी के इंतजाम भी बेहतर नहीं थे। हादसे की जगह मोबाइल हाईमास्क लगाई जाती, तो तेज रोशनी से भी दूसरा हादसा रोका जा सकता है।
स्लीपर बसों से आए दिन हादसे
एक्सप्रेसवे पर दिल्ली से बिहार के लिए शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक करीब 30 से 40 स्लीपर बसें निकलती हैं। इन बसों की रफ्तार भी तेज होती है। कारण, दिल्ली से बिहार का सफर करीब एक हजार किलोमीटर का है। इस सफर को 12 घंटे में तय करने के लिए रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक रहती है।
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