आतंकी हमले में मौत: 10 रु. में भरते थे सेब की पेटी, ठेकेदार ने हिसाब रोका तो नहीं लौट सके कन्नौज के दो मजदूर
कश्मीर में आतंकी हमले में मारे गए लोगों में कन्नौज के दो मजदूर भी थे। दन्नापुरवा गांव से सेब भराई के काम के लिए गए तीस मजदूरों में 23 लौट आए थे और बाकी श्रमिक हिसाब न होने की वजह से रुक गए थे।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Tue, 18 Oct 2022 12:57 PM (IST)
कन्नौज, जागरण संवाददाता। कश्मीर में आतंकी हमले में मारे गए कन्नौज के मजदूर एक माह पहले सेब के बागान में काम करने गए थे। उनकी मौत की सूचना के बाद घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। कोई बेटों को अच्छी पढ़ाई के लिए कमाने गया था तो कोई आर्थिक तंगी में परिवार के लिए दो जून की रोटी जुटाने के लिए गया था।
कश्मीर में आतंकी हमले में मारे गए लोगों में दो मजदूर कन्नौज के ठठिया थाना क्षेत्र के गांव दन्नापुरवा निवासी 50 साल के राम सागर और 30 साल के मुनेश कुमार भी थे। सितंबर माह में ठेकेदार पिंटू के साथ कश्मीर के शोपियां में बागान में पेटी में सेब भराई के काम के लिए सितंबर माह में गांव से 30 लोग गए थे। इसमें 23 लोग वापस आ गए थे, जबकि मजदूरी का हिसाब न होने के कारण सात लोग वहीं रुक गए थे। इनमें रामसागर और मुनेश भी थे।
मजदूर परिवारों की माली हालत ठीक नहीं
रामसागर और मुनेश कुमार के परिवारों की माली हालत ठीक नहीं है। रामसागर के पास एक बीघा खेत हैं और गांव में पत्नी व दो बेटों के साथ रह रहा था। बड़ी बेटी की शादी करने के बाद वह बेटों को अच्छी पढ़ाई कराना चाहता था। पति-पत्नी दोनों गांव में मजदूरी करके परिवार का पालन कर रहे थे। सितंबर माह में यहां खेतों में काम न मिलने की वजह से रामसागर ठेकेदार के साथ मजदूरी के लिए कश्मीर चले गए थे।इसी तरह मुनेश भी परिवार की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए कमाई के लिए कश्मीर गया था। उसकी पत्नी पुष्पा ने बताया कि पति के साथ जेठ रामबाबू भी गए थे। उनके पास एक बीघा खेती है और दो बिटिया व चार साल का बेटा है। बच्चों को बेहतर शिक्षा और परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए वह कश्मीर में सेब भराई का काम करने गए थे, उन्हें वहां पर प्रति पेटी सेब भराई का 10 रुपया मिलता था।
कश्मीर में आतंकी हमले में मजदूर राम सागर और मुनेश की मौत होने की सूचना के बाद डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने तिर्वां एसडीएम उमाकांत तिवारी को दन्नापुरवा गांव भेजा। डीएम ने बताया कि दोनों के शव विमान से लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट देर शाम तक पहुचेंगे, जहां से आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे से वाहन से गांव लाए जाएंगे। उन्होंने कहा है कि मजदूरों के स्वजन की हर संभव मदद की जाएगी।
30 मजदूरों में 23 लौट आए थे गांव
दन्नापुरवा गांव में रहने वाला पिंटू ठेकेदार गांव से 30 मजदूरों को कश्मीर ले गया था। इनमें से 23 लोग वापस आ गए हैं, जबकि सात लोग रुक गए थे। चाचा अशोक ने बताया कि सोमवार रात 11 बजे मुनेश से बात हुई थी। तब मुनेश ने बताया था कि ठेकेदार ने हिसाब नहीं किया था इसलिए नहीं आ पाए हैं। मंगलवार को गांव आने की बात कही थी। तड़के तीन बजे पिंटू ठेकेदार ने फोन पर आतंकी हमले में मुनेश और रामसागर की मौत हो जाने की खबर दी।
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