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छात्र राजनीति से मिनी मुख्यमंत्री के नाम से 'नवाब' ने कायम किया रसूक, कन्नौज दुष्कर्म के आरोपित का पूरा कच्चा-चिट्ठा

कन्नौज में नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास के आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद आरोपित सपा नेता नवाब सिंह यादव काफी सुर्खियों में है। उसे अखिलेश और डिंपल यादव का काफी करीबी भी माना जाता है। कन्नौज में छात्र राजनीति से कदम रखकर मिनी मुख्यमंत्री के नाम से वर्चस्व कायम करने वाले नवाब का पूरा कच्चा-चिट्ठा...

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 13 Aug 2024 12:51 PM (IST)
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अखिलेश यादव, डिंपल यादव व नवाब सिंह यादव (बीच में)
जागरण संवाददाता, कन्नौज। नाबालिक से दुष्कर्म के प्रयास से सुर्खियों में आए सपा नेता नवाब सिंह यादव ने छात्र संघ की राजनीति से सियासती पारी शुरू की। इसके बाद कम समय में ब्लाक प्रमुख से लेकर सपा सरकार में मिनी मुख्यमंत्री के नाम से रसूक कायम किया।

अखिलेश यादव के बेहद खास माने जाने वाले नवाब सिंह डिंपल यादव का प्रतिनिधि भी रहा है। सदर कोतवाली की कटरी के अड़ंगापुर गांव निवासी नवाब सिंह यादव ने छात्र राजनीति सियासत में कदम रखा।

वर्ष 1995 में शहर के पीएसएम डिग्री कालेज में दाखिला लेने के बाद कुश्ती प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज कर नवाब सिंह कॉलेज में अपने शिष्य तैयार किए। इसके बाद वर्ष 1996 में छात्र संघ अध्यक्ष पद का चुनाव जीता।

नवाब ने अखिलेश के लिए संभाली थी चुनाव की कमान

वर्ष 1997 में समाजवादी लोहिया वाहिनी का जिलाध्यक्ष बनाया गया। सपा सरकार में वर्ष 2006 में नवाब सिंह को निर्विरोध सदर ब्लॉक प्रमुख चुना गया। वर्ष 2000 में अखिलेश यादव ने जब कन्नौज से चुनाव लड़ा , तो नवाब ने चुनाव प्रसार की कमान संभाली। चुनाव जीतने के बाद कन्नौज से जुड़े हर मामलों में अखिलेश यादव नवाब से राय लेने लगे।

वर्ष 2012 में जब सपा सरकार बनी, तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बने। अखिलेश के बेहद करीबी माने जाने के कारण नवाब को प्रदेश में लोग मिनी मुख्यमंत्री से संबोधित करने लगे। वर्ष 2012 में डिंपल यादव के निर्विरोध सांसद बनाने में भी नवाब का अहम रोल रहा।

2017 से अखिलेश ने बनाई दूरी

वर्ष 2017 में नवाब सिंह ने अखिलेश यादव ने तिर्वा विधानसभा से टिकट देने की मांग की। इससे अखिलेश ने मना करते हुए विजय बहादुर पाल पर भरोसा जताया था। इसके बाद वर्ष 2019 में डिंपल यादव को हार का सामना करना पड़ता।

पार्टी के नेताओं ने हार का ठीकरा नवाब के सिर फोड़ा। इससे अखिलेश यादव ने भी नवाब सिंह से दूरियां बना लीं। हाल में हुए चुनाव में अखिलेश यादव ने नवाब सिंह से नाराजगी जताई थी।

2007 से अबतक अपहरण समेत दर्ज हुए 16 आपराधिक मामले

आरोपित नवाब सिंह यादव के खिलाफ जघन्य आपराधिक मामले दर्ज हैं। वर्ष 2007 से अबतक उस पर 16 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें अपहरण, गुंडा एक्ट, मारपीट और महामारी अधिनियम के मामले शामिल हैं। 

अगर सपा की सरकार आई, तो क्या होगी हालत

पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि अभी तो सरकार भी नहीं है। अगर सपा की सरकार आ गई तो क्या होगा। बहू बेटियां सुरक्षित नहीं रहेंगी। क्या इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने के लिए ही सपा के लोग कालेज और अस्पताल बनाते हैं।

पीड़िता ने मेडिकल परीक्षण कराने से इनकार

कड़ी सुरक्षा में पुलिस पीड़िता को सुबह 10 बजे कोतवाली से मेडिकल परीक्षण कराने के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंची। यहां पीड़िता ने मेडिकल परीक्षण कराने से इनकार कर दिया। पीड़िता का कहना है कि उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया गया है।

गिरफ्तारी के समय कमरे का प्रचलित हुआ वीडियो

पूर्व ब्लाक प्रमुख की गिरफ्तारी का वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर प्रचलित हो रहा है। इसमें पीड़िता बगैर टाप के कालेज के गेट पर खड़ी है। वीडियों में पीड़िता के साथ पुलिस अंदर कमरे में पहुंचती है। कमरे के अंदर बेड पर नवाब सिंह लेटा हुआ है। जबकि पीड़िता की बुआ पास में कुर्सी पर बैठी हैं।\

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