UP Politics: ...तो इसलिए BJP को कई सीटों पर मिली शिकस्त? हाथी की चाल ने इस तरह बिगाड़े दूसरों के समीकरण
उत्तर प्रदेश की सियासत में कभी मजबूत पकड़ रखने वाली बसपा वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने दम पर चुनाव लड़कर कोई करिश्मा तो नहीं कर सकी। हाथी की मदमस्त चाल ने बुंदेलखंड कानपुर लखनऊ मंडल की उन्नाव और प्रयागराज मंडल की फतेहपुर सीट का समीकरण जरूर बिगाड़ दिया। इस वजह से अलग-अलग सीटों पर भाजपा और इंडी गठबंधन को नुकसान उठाना पड़ गया।
जागरण संवाददाता, कन्नौज। वर्ष 2019 में सपा का बसपा से गठबंधन था और कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारा था। तब सपा को हार और भाजपा को जीत हासिल हुई थी। इस बार बसपा ने अपना प्रत्याशी उतारा और 81,471 मत मिले। इससे भाजपा का समीकरण बिगड़ गया और भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा। वोट प्रतिशत बढ़ने से साइकिल की रफ्तार बढ़ गई और जीत कर परचम लहरा दिया।
लोकसभा चुनाव चौथे चरण में हुआ था। इसमें सपा से अखिलेश यादव, भाजपा से सुब्रत पाठक और बसपा से इमरान बिन जफर चुनाव मैदान में रहे। लोकसभा क्षेत्र में बसपा का एक लाख, 25 हजार मत मिलने का आंकलन किया जा रहा था, लेकिन प्रत्याशी को सिर्फ 81,471 मत ही मिले। भाजपा को 4,70,131 वोट मिल सके। सपा को 6,40,207 वोट मिले और सपा ने अपनी जीत हासिल कर ली।
लोगों का मानना है कि 2019 में गठबंधन होने के बावजूद सपा को बसपा का वोट 30 प्रतिशत ही मिल सका था और 70 प्रतिशत वोट भाजपा के खाते में चला गया था। इससे भाजपा को जीत और सपा को हार मिली थी। इस बार बसपा ने अपना चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारा तो भाजपा को बसपा का वोट नहीं मिल सका। कई बूथ ऐसे भी हैं, जहां पर बसपा का वोट सपा के खाते में भी गया है। वहां पर विकास के साथ संविधान व आरक्षण बचाने के मुद्दे पर बसपा का वोट सपा को मिला है।