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यूपी लोकसभा चुनाव 2024: विकास से बदला बुंदेलखंड की पहचान, यहां विपक्ष को उम्‍मीदवार खड़ा करने में आ रहा पसीना

वर्षों तक पानी को तरसे। डकैतों ने कहर बरपाया। बेरोजगारी का दंश झेला। पलायन को मजबूर हुए। पहले यही बुंदेलखंड की पहचान थीं। अब बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर उड़ान भर रहा है। जाति बंधन से दूर शौर्य पर्यटन समृद्धि विकास और जय-जय श्रीराम के सुर गूंज रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में काफी बदलाव हुए। कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की 10 लोकसभा सीटें सूबे को राह दिखाएंगी। कानपुर से शिवा अवस्थी की रिपोर्ट...

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 14 Mar 2024 11:59 AM (IST)
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स्वाधीनता से पहले और बाद के वर्षों तक यह नाम जुबान पर आते ही लोग सिहर उठते थे।
बुंदेलखंड... स्वाधीनता से पहले और बाद के वर्षों तक यह नाम जुबान पर आते ही लोग सिहर उठते थे। पूर्ववर्ती सरकारों ने भले करोड़ों रुपये खर्च कर विकास का ढिंढोरा पीटा, लेकिन असल में दिल्ली से मालगाड़ी पर चित्रकूट के पाठा तक पानी भेजने की दुश्वारी से बुंदेले जूझते रहे। सूखी-बंजर धरती, आत्महत्या करते किसान, विकास के पैसे अपने व परिवार पर वारे-न्यारे करते डकैत घुन की तरह इसे खोखला करते रहे।

अब लोकसभा चुनाव 2024 की दुदुंभि फिर बजने वाली है। बुंदेलखंड के साथ कानपुर क्षेत्र की 10 सीटें प्रदेश की सियासत को राह दिखाएंगी। ये सीटें फिलहाल भाजपा के कब्जे में हैं। भाजपा ने अब तक नौ सीटों पर अपने पुराने धुरंधरों को मैदान में उतार दिया है। आइएनडीआइए के घटक दल कांग्रेस व सपा अपनी जमीन बनाने व बचाने के प्रयास में हैं।

कांग्रेस को कानपुर व झांसी लोकसभा सीट पर प्रत्याशी तय करने में पसीने छूट रहे। वहीं, सपा जालौन, हमीरपुर-महोबा, कन्नौज, इटावा, फर्रुखाबाद, अकबरपुर, बांदा व फतेहपुर में दम ठोकने की कोशिश में है। इससे इतर भाजपा के हौसले बुलंद हैं। इसके पीछे विकास से आई बदलाव की बयार है। कानपुर-सागर राजमार्ग से महोबा के खन्ना के पास बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर चढ़ते ही बुंदेलों की बदली हवा के झोंके साफ दिखते हैं।

टोल प्लाजा के पास खड़े जालौन के रमेश कहते हैं, एक्सप्रेसवे पहले भी बन सकता था पर नहीं बना, मोदी-योगी ने बनवाया। राम मंदिर बना है, अब प्रसाद मिलने की बारी है। वो स्वयं सवाल दागते हैं, जनता प्रसाद रूपी वोट देकर कृतज्ञता क्यूं नहीं जाहिर करे, आप ही बताइए।

एक्सप्रेसवे से नीचे उतर रहे हमीरपुर के मौदहा निवासी भोला बोले, अब घरे पानी आवत है। मोदी मोर घर पक्का बनवा दीन हैस। मै मोदी का काहे न वोट देब, तुमहू मोदी का बोट दया। नायकपुरवा के दुर्गा बोले, मोदी किसानन का पइसा देत हबै, अउर सबसे बढ़िया गल्ला फ्री है। पहिले चारि-छह घंटा बिजली मिलती, अब चौबीसो घंटा रहत ही। बस भी चला दीन हैस।

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महोबा के कबरई क्षेत्र के कैमाहा निवासी रमेश यादव कहते हैं, सांसद गांव नहीं आए पर वोट जय श्रीराम, मोदी और योगी को ही जाएगा। महोबा कोतवाली क्षेत्र के शिवराम कुशवाहा 2014 के बाद से गांवों में पक्के घर, हर घर गैस चूल्हा, शौचालय से बदलाव की वकालत करते हैं।

बांदा के जलग्राम जखनी निवासी पद्मश्री से सम्मानित उमाशंकर पांडेय कहते हैं, ये वही बुंदेलखंड है, जहां मालगाड़ी से पानी आता था। अब धान व गेहूं की रिकार्ड खरीद सरकार कर रही है। पर्यटन बढ़ा है, ऐतिहासिक किले संवर रहे हैं।

चित्रकूट के रामघाट में महंत राम जन्म दास व अरुण गुप्ता कहते हैं, मंदाकिनी की सफाई में कसर को लेकर थोड़ी कसक है, बाकी लेजर शो, गंगा आरती के साथ घाट चमक गए हैं। कर्वी के अजीत सिंह व बीपी पटेल देवांगना हवाई पट्टी पर विमान उतरने का सपना साकार होने से उत्साहित हैं।

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पाठा क्षेत्र में महर्षि वाल्मीकि आश्रम के महंत भरत दास, मार्कंडेय आश्रम के महंत दया दास कहते हैं, आश्रमों के कायाकल्प की पहल हुई है। लग रहा रामराज्य आ गया है। अमचुर नेरुआ के राजा गौतम बोले कि सड़कें चौड़ी हुईं। डकैत मारे गए। शबरी जल प्रपात से लेकर बेधक के जंगल तक अब बेखौफ घूमते हैं। यही मोदी-योगी सरकार है, जिनके काम जमीन पर दिख रहे हैं।

भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कहा कि भाजपा कानपुर-बुंदेलखंड की सभी 10 लोकसभा सीटें पिछली बार से अधिक मतों से जीतने की दिशा में बढ़ गई है। राम मंदिर, विकास कार्यों व बुंदेलखंड को मिली अलग पहचान से बुंदेले साथ खड़े हैं। परिणाम आने पर विपक्षियों को हकीकत पता चल जाएगी।

कांग्रेस प्रदेश महासचिव हर प्रकाश अग्निहोत्री ने कहा कि कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र कांग्रेस भले दो सीटों झांसी व कानपुर पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन सपा के साथ मिलकर सभी सीटों के लिए मजबूत तानाबाना बुना गया है। जनता समझदार है।

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