घाटमपुर थर्मल पावर प्लांट में 20 लाख का घोटाला, किसान को चार लाख की जगह किया गया 24 लाख का भुगतान
भूमि अधिग्रहण में छूटी जमीन की हुई थी खरीद ऑडिट में सामने आ गया मामला।
कानपुर, जेएनएन। घाटमपुर के यमुना तटवर्ती इलाके में निर्माणाधीन थर्मल पावर प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान छूटी जमीन की खरीद में एक और घोटाला सामने आया है। भूखंड के छठवें हिस्से के किसान को चार लाख के बजाय पूरी भूमि का 24 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। पता न चले, इसलिए किसान के अन्य साझीदारों से उनके हिस्से की अलग रजिस्ट्री कराई गई, लेकिन आडिट में मामला खुल गया।
जमीन के छठे अंशधारक को कर दिया पूरी भूमि का भुगतान
पावर प्लांट के लिए 2011 में अधिग्रहीत 775.04 हेक्टेयर भूमि के बीच 52.33 हेक्टेयर भूमि छूट गई गई थी। अधिग्रहण से छूटी भूमि (पाकेट लैंड) किसानों से सीधे मोलभाव करके खरीदने के निर्देश एनयूपीपीएल (नेयवेली उप्र पावर लिमिटेड) को दिए गए थे। भूमि खरीद में जुटे कंपनी के अफसरों ने परियोजना प्रभावित गांव सिधौल के एक किसान की 0.4 हेक्टेयर जमीन का सौदा किया था। छठे अंश के धारक किसान को कंपनी अधिकारियों ने वर्ष 2018 में उसको पूरी भूमि के कुल मूल्य 24 लाख का भुगतान कर दिया, जबकि छठे अंश का धारक होने के नाते उसे सिर्फ चार लाख रुपये मिलने चाहिए थे।
अधिकारियों ने भूमि के अन्य अंशधारकों को उनके हिस्से के मुताबिक भुगतान करके रजिस्ट्री कराई। कंपनी के आडिट में सच सामने आने पर छानबीन शुरू हुई तो 24 लाख पाने वाले किसान ने शेष धन कंपनी के अफसरों द्वारा वापस लेने की जानकारी दी। ऐसे में 20 लाख रुपये गबन का मामला सामने आया। कंपनी प्रबंधन ने सजेती थाना में तहरीर देकर एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई का अनुरोध किया है। थानाध्यक्ष अमित मिश्र ने एनयूपीपीएल की ओर से तहरीर मिलने की बात स्वीकार करते हुए बताया कि जांच के बाद मुकदमा दर्ज कर दोषियों के खिलाफ शिकंजा कसा जाएगा।
अभियंता ने लगाया था 8.53 लाख का चूना
पाकेट लैंड की खरीद में कंपनी के अधिशासी अभियंता राकेश रोशन ने गांव रामपुर निवासी किसान का हमनाम होने का फायदा उठाकर उसके नाम जारी 8.53 लाख की चेक खुद के खाते में जमा करा ली थी। कंपनी प्रबंधन ने राकेश रोशन के खिलाफ सजेती थाने में 22 मई को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। राकेश डीएम द्वारा पाकेट लैंड की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय कमेटी में एसडीएम व तहसीलदार के साथ सदस्य भी था।