देश को हिला देने वाली घटनाओं में बीता कानपुर एसएसपी रहे दिनेश कुमार पी का 38 दिन का कार्यकाल
बसपा नेता की हत्या और बिकरू कांड के बाद संजीत अपहरण कांड जैसी वारदाते सरकार की फजीहत की वजह बनती रहीं।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Sun, 26 Jul 2020 01:40 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। एसएसपी दिनेश कुमार पी का कानपुर में कार्यकाल महज 38 दिन का ही रहा। उनके आते ही जिस तरह से शहर में बिकरू कांड, संजीत अपहरण-हत्याकांड और बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड जैसी वारदातें प्रदेश सरकार की फजीहत की वजह बनीं। एसएसपी रहे दिनेश कुमार पी के छोटे से कार्यकाल में हुईं देश को हिलाकर रख देने वाली घटनाओं को शहर जल्दी नहीं भूल पाएगा।
आइपीएस अनंत देव के स्थान पर शासन ने 16 जून को 2009 बैच के आइपीएस दिनेश कुमार पी को कानपुर का एसएसपी बनाया गया था। 18 जून को उन्होंने कार्यभार संभाला। अभी वह ठीक से अपने अफसरों और थानेदारों से मिल भी नहीं पाए थे कि 20 जून को बसपा नेता पिंटू सेंगर को दिनदहाड़े गोलियां से भून दिया गया। यह मामला खूब चर्चाओं में रहा। पुलिस लंबे समय तक पिंटू सेंगर के हत्यारों को तलाशती रही, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।एक जुलाई को पुलिस पिंटू सेंगर हत्याकांड के खुलासे के करीब पहुंच गई लेकिन दो जुलाई की रात बिकरू में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या ने कानपुर ही नहीं बल्कि पूरे देश में यूपी पुलिस की किरकिरी करा दी। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथियों के साथ पुलिस वालों के संबंधों का खुलासा हुआ तो सभी सन्न रह गए। इसके बाद पुलिस जिस तरह से विकास और उसके गिरोह से निपटी, उसे लेकर भी सवाल खड़े हो गए। बिकरू की मुठभेड़ कानपुर के इतिहास का काला अध्याय बन गया।
अभी बिकरू कांड की तपिश कम भी नहीं हुई थी कि 13 जुलाई को पैथोलॉजी कर्मी संजीत यादव अपहरण मामले में बर्रा पुलिस ने अपहर्ताओं को 30 लाख रुपये दिला दिए, लेकिन अपहृत को वापस नहीं ला सकी। इस प्रकरण में भी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे। इसीलिए शासन ने एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता सहित 11 पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए और अब एसएसपी का भी तबादला हो गया। माना जा रहा है कि इस घटना को लेकर उन पर कार्रवाई की गई है, हालांकि किसी भी मामले में एसएसपी पर सवाल नहीं उठे, लेकिन जिस तरह से हर मामले में पुलिस कटघरे में खड़ी हो रही थी, उससे उनकी नेतृत्व क्षमता पर जरूर सवाल उठ रहे थे।
11 साल में 21 तबादले
दिनेश कुमार पी के 11 साल के कार्यकाल में 21 तबादले हो चुके हैं। इनमें जौनपुर में तो वह महज छह दिन ही कार्यभार संभाल सके थे। उनके तबादले भले ही जल्दी-जल्दी हुए लेकिन झांसी दसवां जिला होगा जहां वह बतौर कप्तान जा रहे हैं।
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