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वीएसएसडी कॉलेज के 43 शिक्षकों ने दिया प्रशासनिक पदों से इस्तीफा

वीएसएसडी डिग्री कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य अशोक कुमार तिवारी के नियमों के खिलाफ शिक्षकों ने प्रशासनिक पदों से इस्तीफा दे दिया है।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 10 Mar 2021 01:28 AM (IST)
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वीएसएसडी कॉलेज के 43 शिक्षकों ने दिया प्रशासनिक पदों से इस्तीफा

जागरण संवाददाता, कानपुर : वीएसएसडी डिग्री कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य अशोक कुमार तिवारी के नियम शिक्षकों के गले नहीं उतर रहे हैं। इन नियमों का गुपचुप विरोध करने वाले शिक्षक सोमवार को खुलकर सामने आ गए। 43 शिक्षकों ने एक साथ बायोमेट्रिक अटेंडेंस के अलावा प्राचार्य कक्ष में जाकर रखे रजिस्टर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के नियम का विरोध करते हुए चीफ प्रॉक्टर व डीएसडब्ल्यू समेत अन्य प्रशासनिक पदों से इस्तीफा दे दिया।

कॉलेज के शिक्षक संघ के अध्यक्ष व वरिष्ठ कूटा उपाध्यक्ष पीएन त्रिवेदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि शिक्षकों की बात नहीं सुनी गई तो प्रशासनिक पदों के बाद, विभागाध्यक्ष के पदों से भी इस्तीफा दे देंगे। शिक्षकों का कहना है कि उच्च शिक्षा निदेशालय ने अशासकीय महाविद्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य नहीं रखा है। जबरन यह नियम उन पर थोपा जा रहा है। असिस्टेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर अगर प्राचार्य कक्ष में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं तो विभागाध्यक्ष के पद का क्या औचित्य रह जाएगा। इसके अलावा कोरोना काल में बायोमेट्रिक उपस्थिति से संक्रमण की आशंका बनी रहेगी। शिक्षकों ने यह भी आरोप लगाया कि मानकों को ताख पर रखकर कार्यवाहक प्राचार्य बनाए गए हैं। उनसे वरिष्ठ 19 शिक्षक कॉलेज में और हैं। शिक्षक संघ के महामंत्री डॉ. राम मनोहर यादव ने बताया कि प्रोक्टोरियल बोर्ड, पूर्व छात्र परिषद, रितंभरा पत्रिका के संपादक मंडल व अभिभावक संघ समेत विभिन्न प्रशासनिक पदों पर कोई भी शिक्षक तब तक जिम्मेदारी नहीं निभाएगा जब तक प्राचार्य का आदेश निरस्त नहीं हो जाता। इस बीच पठन पाठन जारी रहेगा। छात्र हित में वह नियमित रूप से पहले की तरह कक्षाएं ले रहे हैं और आगे भी लेते रहेंगे।

प्रबंध तंत्र ने दिया आश्वासन

शिक्षक संघ के साथ हुई प्रबंध तंत्र की बैठक में शिक्षकों को यह आश्वासन दिया गया कि मामले को हल कर लिया जाएगा। यह महाविद्यालय का आंतरिक मामला है, जिसे सुलझाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

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बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य है। इसके लिए 31 मार्च तक शिक्षकों को छूट दी गई है। उसके बाद शिक्षकों को यह उपस्थिति दर्ज करानी होगी। इसके लिए दो मशीनें रहेंगी। वह चाहें तो प्राचार्य कक्ष में उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं। एक मशीन कक्ष से बाहर भी रहेगी। जहां तक उनकी वरिष्ठता का प्रश्न है तो विश्वविद्यालय व कॉलेज की सूची में वह वरिष्ठ हैं जिसके चलते उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।

- डॉ. अशोक कुमार तिवारी, कार्यवाहक प्राचार्य, वीएसएसडी डिग्री कॉलेज

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