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'आपकी ID से मलेशि‍या जा रहा था एक पैकेज...', Digital Arrest एक और हैरान करने वाला मामला; ठगे 51 लाख रुपये

कानपुर के एक व्‍यापारी को साइबर ठगों ने ठग ल‍िया। दो दिन डिजिटल अरेस्ट रखा और 53 लाख रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए। इस दौरान उन्होंने पत्नी से भी उन्हें बात नहीं करने दी। व्यापारी को जब ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने साइबर थाने में तहरीर दी। साइबर टीम इस मामले में खातों को फ्रीज करने की कार्रवाई कर रही है।

By Jagran NewsEdited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 24 Oct 2024 10:33 AM (IST)
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कानपुर के व्‍यापारी से लाखों की ठगी।- सांकेत‍िक तस्‍वीर
जागरण संवाददाता, कानपुर। साइबर ठगों ने शहर के एक व्यापारी को दो दिन डिजिटल अरेस्ट रखा और 53 लाख रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए। इस दौरान उन्होंने पत्नी से भी उन्हें बात नहीं करने दी। व्यापारी को जब ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने साइबर थाने में तहरीर दी। साइबर टीम इस मामले में खातों को फ्रीज करने की कार्रवाई कर रही है।

सर्वोदय नगर के आरएसपुरम निवासी राम औतार वर्मा के पास सात अक्टूबर को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट नई दिल्ली के टर्मिनल नंबर तीन से कस्टम अधिकारी सुमित मिश्रा का फोन आया। उसने बताया की आपके आधार कार्ड की आईडी से 26 सितंबर 2024 को एक पैकेज मलेशिया जा रहा था, जिसमें 16 फर्जी पासपोर्ट, 58 एटीएम कार्ड और 140 ग्राम एमजीएमए (सिंथेटिक ड्रग्स) है।

इसके बाद उनसे दिल्ली पुलिस से शिकायत करने के लिए मोबाइल नंबर दिया गया। उन्होंने फोन किया तो बताया गया कि दिल्ली पुलिस के अधिकारी अनिल यादव आपको बचाएंगे। यह मानव तस्करी का मामला है। इसमें पुलिस, बैंक अधिकारी शामिल हैं। संजय सिंह सरगना है जो मुंबई में रहता है। उसी ने आपकी आईडी से खाता खुलवाकर मानव तस्करी का पैसा लिया है। इस मामले में सात साल कैद और पांच लाख रुपये तक जुर्माने की सजा है। आपकी संपत्ति सीज हो सकती है। यह सुनकर राम औतार वर्मा डर गए।

इसके बाद उन्हें वॉट्सऐप पर वारंट समेत तीन पत्र भेजे गए। इसके साथ ही खातों का विवरण मांगा गया जो उन्होंने दे दिया। खातों का विवरण लेने के बाद उन्हें वीडियो कॉल की गई और डिजिटल अरेस्ट करते हुए आठ अक्टूबर को एलके इंटरप्राइज के नाम से एसबीआई नागिनमोरा में 19 लाख रुपये का भुगतान कराया गया। फिर उसने बैंक आफ बड़ौदा जाने को कहा गया। उन्होंने मना किया तो कहा गया कि तीन दिनों में जांच पूरी करनी है। आपने सहयोग नहीं किया तो 90 दिन सीबीआई कार्यालय में रहना होगा।

इसके बाद उसी दिन मणिपुरम फाइनेंस एक्सिस बैंक त्रिशूर में 2.05 लाख रुपये जमा कराए गए। विश्वास बढ़ाने के लिए यह पैसा वापस कर दिया गया। काफी समय होने के कारण राम औतार घर चले आए। साइबर ठगों ने उन्हें किसी दोस्त या फिर पत्नी से बात न करने की भी चेतावनी दी। दूसरे दिन नौ अक्टूबर को पांच-पांच लाख रुपये की तीन एफडी तुड़वाई।

आरके ट्रेडर्स बंधन बैंक लुधियाना के खाते में 32 लाख रुपये जमा कराए गए। इस तरह उनसे 51 लाख रुपये की ठगी की गई। इसके बाद उन्हें भेजे गए रुपयों की नोटरी रसीद वॉट्सऐप पर भेज दी, जिससे उन्हें ठगी का शक हुआ। साइबर थाना प्रभारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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