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Kanpur: मंत्री का भतीजा बता कारोबारी से 51 लाख रुपये की ठगी, वापस मांगने पर दी धमकी; अल्पसंख्यक आयोग से की शिकायत

Kanpur Crime News फजलगंज निवासी हरजीत सिंह के मुताबिक काकादेव निवासी पीयूष चौहान ने खुद को अजीत पाल सिंह का भतीजा बताकर उनके साथ व्यापार शुरू किया। पीयूष इंडस्ट्रियल फ्यूल उनसे खरीदकर औद्योगिक प्रतिष्ठानों को बेचता था। खरीदे माल के रुपये न देने पर धीरे-धीरे उस पर 31 लाख रुपये की उधारी हो गई। साथ ही अपनी पारिवारिक परेशानी बताकर पीयूष ने हरजीत से 20 लाख रुपये और ले लिए।

By janardan Mishra Edited By: riya.pandey Updated: Sun, 18 Feb 2024 02:31 PM (IST)
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मंत्री का भतीजा बता कारोबारी को लगाया 51 लाख रुपये की चपत
जागरण संवाददाता, कानपुर। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रानिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी के राज्यमंत्री अजीत पाल सिंह का भतीजा बताने वाले ने कारोबारी को 51 लाख रुपये की चपत लगाने का आरोप लगाया है। कारोबारी ने इसकी शिकायत राज्यमंत्री अजीत पाल सिंह और अल्पसंख्यक आयोग को पत्र लिखकर शिकायत की है।

अल्पसंख्यक आयोग ने पत्र का संज्ञान लेकर पुलिस आयुक्त को जांच करके 19 फरवरी तक रिपोर्ट देने को कहा है। पुलिस आयुक्त निखिल कुमार ने बताया कि जांच शुरू करा दी है।

फजलगंज निवासी हरजीत सिंह के मुताबिक काकादेव निवासी पीयूष चौहान ने खुद को अजीत पाल सिंह का भतीजा बताकर उनके साथ व्यापार शुरू किया। पीयूष इंडस्ट्रियल फ्यूल उनसे खरीदकर औद्योगिक प्रतिष्ठानों को बेचता था। खरीदे माल के रुपये न देने पर धीरे-धीरे उस पर 31 लाख रुपये की उधारी हो गई।

साथ ही अपनी पारिवारिक परेशानी बताकर पीयूष ने हरजीत से 20 लाख रुपये और ले लिए। कई माह बीतने के बाद जब रुपये मांगे तो उसने राज्यमंत्री का रौब दिखाकर मामले को दबाने की कोशिश की। उसने आरोप लगाया कि राज्यमंत्री के काकादेव स्थित घर पर बुलाकर भी उसे धमकाया।

आपबीती बताकर पुलिस से कार्रवाई की मांग

उनके मुताबिक एसीपी स्वरूप नगर शिखर ने उन्हें बयान देने के लिए बुलाया था लेकिन, जिले से बाहर होने के कारण वह पहुंच नहीं सके। 20 फरवरी को अपनी आपबीती पुलिस को बताकर आरोपित पर कार्रवाई करने की मांग करेंगे। वहीं आरोपित पीयूष चौहान ने बताया कि हमारे व्यापारिक रिश्ते थे। अब हरजीत गलत तरीके से आरोप लगा रहे हैं।

इस मामले में राज्यमंत्री अजीत पाल सिंह का कहना है कि आरोपित और पीड़ित दोनों से उनकी कोई पहचान नहीं है। कार्यकर्ता के रूप में आकर कई लोग फोटो खिंचा लेते हैं लेकिन, सबको जानना संभव नहीं है। इस प्रकरण के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है।

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