तीन दशक तक सफल पत्रकारिता के बाद रमेश अवस्थी की राजनीति में दस्तक, बीजेपी ने कानपुर से घोषित किया लोकसभा प्रत्याशी
दैनिक आज से सहारा समय तक लगभग तीन दशक से अधिक समय तक बतौर पत्रकार और एंकर रहने के बाद जनपद के अमृतपुर क्षेत्र के गांव नगला हूसा के निवासी रमेश अवस्थी ने अब राजनीति की दुनिया में मजबूत दस्तक दी है। उन्हें कानपुर से भाजपा का प्रत्याशी बनाया गया है। हालांकि छात्र जीवन से ही उनकी रुचि राजनीति में रही है।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। दैनिक आज से सहारा समय तक लगभग तीन दशक से अधिक समय तक बतौर पत्रकार और एंकर रहने के बाद जनपद के अमृतपुर क्षेत्र के गांव नगला हूसा के निवासी रमेश अवस्थी ने अब राजनीति की दुनिया में मजबूत दस्तक दी है। उन्हें कानपुर से भाजपा का प्रत्याशी बनाया गया है।
हालांकि छात्र जीवन से ही उनकी रुचि राजनीति में रही है। वह यहां बद्री विशाल डिग्री कालेज के छात्रसंघ अध्यक्ष भी रह चुके हैं। रमेश अवस्थी ने सहारा समय में फर्रुखाबाद के जिला प्रभारी से लेकर शीर्षस्थ पदों पर रहकर एक पत्रकार की हैसियत से अपना विशिष्ट स्थान बनाया। वह सहारा समय पर प्रसारित होने वाले टीवी-शो समय संवाद में बतौर एंकर मेजबानी करते रहे हैं।
इसके अलावा भारत सरकार की हिंदी राजभाषा सलाहकार समिति और उत्तर प्रदेश की स्वच्छता समिति के सदस्य हैं। राजनीतिक गलियारों में भी रमेश अवस्थी की मजबूत पकड़ है। रमेश अवस्थी कई वर्षों से भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में अटल काव्यंजलि का आयोजन करते है। इसका एक आयोजन फर्रुखाबाद में भी हो चुका है।
जनपद की अमृतपुर तहसील के गांव नगला हूसार में एक दिसंबर 1967 (आयु 56वर्ष) को जन्मे रमेश अवस्थी ने यहां बद्री विशाल डिग्री कालेज से एमए किया। इस दौरान वह कालेज के छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे। बाद में उन्होंने एलएलबी और एमफिल की डिग्री की हासिल की। शुरुआत में उन्होंने यहां दैनिक आज अखबार से पत्रकारिता का कैरियर शुरू किया। इसी दौरान उनका चयन सहारा समय में जिला प्रभारी (ब्यूरो चीफ) के तौर पर हो गया।
पत्रकारिता का शौक ऐसा लगा कि लेखपाल के पद चयन के बावजूद उन्होंने योगदान नहीं किया और अपने पत्रकारिता के कैरियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। नोएडा से कानपुर तक सफलताओं के परचम लहराने के बाद अब उन्होंने राजनीति के क्षेत्र में भी भाजपा का कानपुर से लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर टिकट हासिल कर एक मजबूत दस्तक दी। हालांकि इससे पूर्व वह दो बार बांदा से भी लोकसभा के टिकट पर दावेदारी करते रहे हैं। हालांकि इसी माह वह पत्रकारिता के सफर को विराम देते सहारा न्यूज नेटवर्क में ग्रुप एडिटर, एडमिनिस्ट्रेशन हेड व चैनल हेड के पदों से त्यागपत्र दे चुके हैं।