CSJMU में AI और वकालत का मुद्दा छाया, अब एआइ से तैयारी होंगी केस फाइलें; जिरह करेंगे वकील
सीएसजेएमयू में आयोजित राष्ट्रीय मूट कोर्ट में पहले दिन एआइ और वकालत पर चर्चा हुई। वक्ताओं ने कहा कि चैट जीपीटी से मुकदमों की फाइलें तैयार हो सकती हैं लेकिन जिरह के लिए वकीलों की तर्कशक्ति ही कारगर होगी। मूट कोर्ट में भारत सरकार द्वारा लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों पर भी चर्चा होगी। वहीं कुछ का कहना है कि एआइ के पास सोचने की क्षमता नहीं है।
जागरण संवाददाता, कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज की ओर से विश्वविद्यालय के सीनेट हाल में शुक्रवार से शुरू हुए राष्ट्रीय मूट कोर्ट में पहले दिन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और वकालत का मुद्दा छाया रहा।
वक्ताओं ने कहा कि चैट जीपीटी की मदद से मुकदमों की फाइल तो तैयार हो जाएगी, लेकिन जिरह करने के लिए अधिवक्ता की तर्कशीलता ही काम आएगी।
बढ़ रहा प्रौद्योगिकी का प्रयोग
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि विधिक क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का प्रयोग बढ़ रहा है। यह न्यायिक प्रक्रिया पर एक प्रकार का स्वयं द्वारा दिया हुआ घाव है जो कि निश्चित रूप से जिला स्तर पर कार्यरत न्यायाधीशों के विकास में बाधा उत्पन्न करता है। मूट कोर्ट की समस्याओं में संवैधानिक व अन्तरराष्ट्रीय समस्याओं के साथ साथ आपराधिक समस्याओं को भी शामिल करना चाहिए।एआइ के पास सोचने की नहीं क्षमता
विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के आयोजन सचिव श्रीहरि बोरिकर ने कहा कि जो कार्य अधिवक्ता स्वयं कर सकता है वह चैट जीपीटी नहीं कर सकता। एआइ के पास सोचने की क्षमता नहीं है। कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने प्राचीन न्यायिक प्रणालियों में धर्म की भूमिका पर प्रकाश डाला और साइबर अपराध और पेटेंट विवादों को हल करने के लिए एआइ के बढ़ते महत्व की चर्चा की।
प्रतियोगिता में भारत के विभिन्न हिस्सों से 34 टीमों के 100 से अधिक प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। त्रिदिवसीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता के दौरान भारत सरकार द्वारा वर्तमान में लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों पर चर्चा की जाएगी।
40 छात्र-छात्राओं को मिला साढ़े तीन लाख का पैकेज
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, के सेवायोजन प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सन शेपर एनर्जी ने 40 छात्र-छात्राओं का चयन किया है। प्लेसमेंट ड्राइव में बीबीए, बीसीए, और बीटेक (मैकेनिकल) विभागों के अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को 3.5 लाख वार्षिक पैकेज पर अवसर मिला है। वि.
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