IIT Kanpur: आरोग्यम ने बनाई अनोखी डिवाइस, एआई आधारित तकनीक से टेलीमेडिसिन की राह सुगम, हाथों-हाथ मिलेगी रिपोर्ट
आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप आरोग्यम ने एआई आधारित तकनीक से टेलीमेडिसिन की राह सुगम की है। आरोग्यम ने एक उपकरण बनाया है जिसकी मदद से देश के दूरदराज क्षेत्रों में भी किसी भी व्यक्ति की 25 तरह की पैथोलॉजी जांच का परिणाम पांच से 20 मिनट में प्राप्त करना संभव हो गया है। पिछले दिनों में इसका प्रयोग जम्मू-कश्मीर के सरकारी अस्पताल में शुरू किया गया है।
अखिलेश तिवारी, कानपुर। टेलीमेडिसिन यानी दूर-दराज क्षेत्रों में विशेषज्ञ चिकित्सकों के उपचार की सुविधा के सपने को हकीकत बनाने में जुटे आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप आरोग्यम की डिवाइस हैमुरएक्स ने पैथोलॉजी जांच की दुनिया ही बदल दी है।
इस उपकरण की मदद से देश के दूरदराज क्षेत्रों में भी किसी भी व्यक्ति की 25 तरह की पैथोलॉजी जांच का परिणाम पांच से 20 मिनट में प्राप्त करना संभव हो गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक पर आधारित डिवाइस की जांच रिपोर्ट को तत्काल ही देश -दुनिया के किसी भी शहर में बैठे चिकित्सक तक भी पहुंचाया जा सकता है। पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में इस उपकरण का सरकारी चिकित्सालय में प्रयोग शुरू किया गया है।
आरोग्यम ने किया बाधाओं को दूर
विभिन्न स्वास्थ्य परीक्षणों के लिए अभी लोगों का शहरों में स्थित डायग्नोस्टिक सेंटरों पर पहुंचना मजबूरी है। कुछ जांचों के लिए रक्त नमूने जरूर घर से लिए जाते हैं लेकिन रिपोर्ट 24 घंटे से पहले नहीं मिल पाती है। इन सभी बाधाओं को आरोग्यम ने हमेशा के लिए दूर कर दिया है।हाथ में संभाली जाने वाली 200 से 300 ग्राम वजन वाली डिवाइस की मदद से अब लीवर व किडनी, हीमोग्लोबिन, कोलेस्ट्रॉल, मूत्र जांच समेत 25 तरह के स्वास्थ्य परीक्षण की रिपोर्ट अपने घर के दरवाजे पर पाई जा सकती है।
पांच से लेकर 25 रुपये तक शुल्क
पांच से लेकर 20 मिनट में मिलने वाली जांच के लिए शुल्क भी पांच से लेकर 25 रुपये तक ही चुकाना होता है। आरोग्यम के संस्थापक पार्थ चक्रवर्ती और राजीव मंडल ने आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की है।पार्थ बताते हैं कि दूर-दराज क्षेत्रों के गांव और छोटे कस्बों में स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा अभी तक सर्वसुलभ नहीं है। इससे चिकित्सकों को उपचार शुरू करने में देरी होती है। इसी समस्या को ध्यान में रखकर यह उपकरण तैयार किया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजीनियरिंग की मदद से इसे तैयार किया गया है। सरकारी स्वास्थ्य ढांचे में स्थित उप चिकित्सा केंद्रों पर इसका प्रभावी प्रयोग किया जा सकता है। जहां जांच करने के तुरंत बाद रिपोर्ट को जिला मुख्यालय या राजधानी में मौजूद बड़े चिकित्सकों तक तुरंत पहुंचाया जा सकता है। उनकी सलाह के अनुसार तत्काल रोगी का उपचार भी शुरू किया जा सकता है।
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यह डिवाइस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजीनियरिंग पर आधारित फोटोमीटर का प्रयोग करने वाली पोर्टेबल मशीन है,जिसे हाथ में संभालकर कहीं भी आसानी से लाया ले जाया जा सकता है। यह फोटोमीटर रोगियों के रक्त नमूने की रक्त आवृत्ति के आधार पर रीडिंग प्रदान करता है और पैथोलॉजी जांच के लिए जरूरी रसायन का प्रयोग कर रक्त के नमूने का विश्लेषण करने में सक्षम है। अलग-अलग जांच के लिए डिवाइस के साथ अलग रीजेंट (अभिकर्मक) का प्रयोग किया जाता है। इसे मोबाइल फोन के एप से भी जोड़ा गया है जिससे जांच रिपोर्ट को दूर बैठे उस चिकित्सक तक पहुंचाया जा सकता है जो आरोग्यम सॉफ्टवेयर के साथ जुड़ा है। इस डिवाइस की गुणवत्ता की जांच भारत सरकार के ड्रग कंट्रोलर कार्यालय ने भी की है और प्रमाण पत्र भी जारी किया है। पोर्टेबल डिवाइस को उन क्षेत्रों में भी आसानी से प्रयोग में लाया जा सकता है जहां बिजली आपूर्ति उपलब्ध नहीं है। इसे मोबाइल फोन के पावर बैंक से भी चलाया जा सकता है और सौर ऊर्जा से भी जोड़ा जा सकता है। इस डिवाइस की लागत 40 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक है।इन जांचों के लिए उपयोगी
- मूत्र संबंधी 11 जांच
- रक्त संबंधी जांच
- ब्रिल्यु्ब्रिन
- एसजीपीटी
- एसजीओटी
- कोलेस्ट्रॉल- एचडीएल
- एलडीएल
- ट्राइग्लिसराइड
- क्रेटनिन
- यूरिक एसिड
- हीमोग्लोबिन
- ग्लूकोज
- एनीमिया।