छोटे शहरों में स्लीपर सेल तैयार कर रहे आतंकी, एटीएस ने कानपुर में 27 संदिग्ध लोगों से की पूछताछ
अलकायदा के आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने पूछताछ के बाद अभी चमनगंज के हिस्ट्रीशीटर व दो साथियों को नहीं छोड़ा है। बताया जा है कि इन तीनों को बारूद व असलहा सप्लाई का ठेका दिया गया था।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Sun, 18 Jul 2021 09:41 AM (IST)
कानपुर, जेएनएन। अभी तक बड़े शहरों को टारगेट करने वाले आतंकवादी अब छोटे शहरों में भी स्लीपर सेल तैयार कर रहे हैं। अलकायदा आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बाद से एटीएस ने कानपुर में अब तक 27 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। इनमे से तीन को छोड़कर बाकी 24 को इस शर्त पर रिहा किया गया है कि जांच के दौरान वह शहर से बाहर नहीं जाएंगे। छोड़े गए लोगों की निगरानी सुरक्षा एजेंसियां व स्थानीय पुलिस करेगी।
संदिग्धों में विवि का प्रोफेसर और बिल्डर भी शामिलअलकायदा से जुड़े अंसार गजवातुल हिंद के पांच आतंकी एटीएस ने गिरफ्तार किए हैं। इनके कानपुर से करीबी रिश्ते सामने आए हैं। संगठन का राष्ट्रीय कमांडर उमर हलमंडी भी पूर्व में कानपुर का दौरा कर चुका है। पांचों आतंकियों से मिले इनपुट और मोबाइल फोन काल रिकार्ड के आधार पर कानपुर में 27 लोगों से पूछताछ की गई है। इसमें एक विवि का प्रोफेसर, बिल्डर व कुछ बड़े अपराधी भी शामिल हैं।
एटीएस सूत्रों के मुताबिक, चमनगंज के एक हिस्ट्रीशीटर और उसके दो साथियों को छोड़कर बाकी सभी को रिहा कर दिया गया है। इन तीनों को इसलिए रिहा नहीं किया गया, क्योंकि बताया जा रहा है कि तीनों मिनहाज अहमद व शकील के संपर्क में थे। असलहा व बारूद की सप्लाई का ठेका इन्हें ही दिया गया था। छोड़े गए लोगों के आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड आदि आवश्यक दस्तावेज अभी एटीएस के पास हैं। सूत्रों के मुताबिक, यह लोग जाजमऊ, चकेरी, लालबंगला, मछरिया, बेकनगंज और कल्याणपुर क्षेत्रों के रहने वाले हैं।
छोटे शहरों को कर रहे टारगेट
अभी तक बड़े शहरों को टारगेट करने वाले आतंकवादी अब छोटे शहरों में भी स्लीपर सेल तैयार कर रहे हैं। मतांतरण का मामला हो या आतंकवादियों की गिरफ्तारी, दोनों ही मामलों में मंडल के फतेहपुर और औरैया जिले तक आंच पहुंची। उन्नाव में भी आतंकी दस्तक की सूचना है। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, इसीलिए अब छोटे शहरों में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) और लोकल इंटेलीजेंस यूनिट (एलआइयू) को सतर्कता बढ़ाने के लिए कहा गया है। इसके बाद से छोटे शहरों में सक्रियता बढ़ाई गई है।
प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, मेरठ, बरेली, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, नोएडा, मुजफ्फरनगर जैसे बड़े शहरों में ही आतंकी घटनाएं या सक्रियता देखने को मिलती रहीं हैं। पिछले कुछ सालों में राष्ट्रविरोधी तत्व छोटे शहरों की ओर भी रुख कर रहे हैं। मतांतरण, लव जिहाद और अलकायदा आतंकवादियों की गिरफ्तारी के मामले इसकी बानगी हैं। लव जिहाद की जड़ लगभग हर छोटे-बड़े शहर में मिली। वहीं, मतांतरण के मामले में उमर गौतम को लेकर फतेहपुर का नाम भी चर्चा में है। अलकायदा आतंकवादियों की गतिविधियां कानपुर नगर के अलावा औरैया, फतेहपुर, कानपुर देहात तक मिली हैं।
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