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हाई कोर्ट को शुक्रिया... लेकिन SC जाने की तैयारी, इरफान के मामले में क्या है सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी की रणनीति?

इरफान सोलंकी की पत्नी और समाजवादी पार्टी की सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी नसीम सोलंकी को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। हाई कोर्ट ने जमानत का फैसला देते हुए कहा कि उनके पति बेगुनाह हैं। नसीम सोलंकी ने कहा कि वह सजा पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाएंगी। बता दें नसीम सीसामऊ सीट से सपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं।

By akhilesh tiwari Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 14 Nov 2024 03:13 PM (IST)
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सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी व पूर्व विधायक इरफान सोलंकी
जागरण संवाददाता, कानपुर। इरफान सोलंकी की पत्नी और समाजवादी पार्टी की सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने जमानत का फैसला देकर साफ कर दिया है कि मेरे पति बेगुनाह है। सजा पर रोक लगवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाएंगे।

उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट का फैसला पूरी तरह से स्वीकार है। सजा पर स्टे का अनुरोध किया था लेकिन अदालत ने उसे नहीं माना है अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे फिर भी हाईकोर्ट की शुक्रगुजार हूं । अदालत ने जमानत का फैसला देकर इंसाफ की उम्मीद बढ़ा दी है। आज बहुत अच्छे समय पर यह फैसला आया है।

मेरे पति बेगुनाह...: नसीम सोलंकी

चुनाव जनसंपर्क के लिए जब मैं घर से बाहर निकल कर गली-गली लोगों से मिल रही हूं तो सभी मतदाता कह रहे हैं कि मेरे पति बेगुनाह है। जनता की अदालत में भी फैसला होने वाला है । उससे पहले हाई कोर्ट का फैसला आया है। इतने सालों में जो दुख और पीड़ा सही है उसे पर यह फैसला मरहम की तरह है। ऊपर वाले पर और अदालत पर भरोसा है। सुप्रीम कोर्ट से भी उम्मीद है कि हम सभी के हक में फैसला होगा।

नसीम सोलंकी के पति इरफान सोलंकी को एमपी एमएलए कोर्ट ने आगजनी मामले में दोषी मानते हुए सजा सुनाई है। वह जेल में बंद है और उनकी विधायक की रद्द होने के बाद सीसामऊ सीट पर उपचुनाव हो रहा है।

इरफान सोलंकी की सजा पर रोक लगाने से हाई इन्कार

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कानपुर के पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी को आगजनी मामले में एमपी एमएलए कोर्ट से सुनाई गई सात साल की सजा पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने जमानत मंजूर कर दी है । पूर्व विधायक इस समय महाराजगंज जेल में बंद हैं। न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह निर्णय सुनाया है।

कोर्ट ने सजा बढ़ाने के लिए दायर राज्य सरकार की अपील चार हफ्ते बाद सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। सरकार ने उम्र कैद की सजा दिए जाने की मांग की है । सजा पर रोक नहीं लगाए जाने से इरफान की विधायकी बहाल नहीं हो सकेगी।

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