इरफान सोलंकी की याचिका पर 10 दिनों में फैसला करे इलाहाबाद हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को इरफान सोलंकी की याचिका पर 10 दिनों में फैसला करने का निर्देश दिया। सोलंकी ने आगजनी के मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की याचिका दायर की है। उन्हें कानपुर में एक महिला के घर में आग लगाने के मामले में सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी। सोलंकी की पत्नी नसीम ने कहा कि इंसाफ की उम्मीद बढ़ गई है।
जागरण संवाददाता/एएनआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट को इरफान सोलंकी की याचिका पर 10 दिनों में फैसला करने का निर्देश दिया। इरफान ने आगजनी के एक मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की याचिका दायर की है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से सोलंकी की याचिका पर शीघ्र निर्णय लेने को कहा।
दरअसल, उत्तर प्रदेश की एक स्थानीय अदालत ने कानपुर में एक महिला के घर में आग लगाने के मामले में सोलंकी और अन्य को दोषी ठहराया था। कोर्ट ने उन्हें सात साल जेल की सजा सुनाई है। इस फैसले के खिलाफ सोलंकी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और मामले में अपनी दोषसिद्धि और सजा पर रोक लगाने की मांग की।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मामले को छह नवंबर के लिए स्थगित कर दिया। समाजवादी पार्टी के टिकट पर कानपुर जिले के सीसामऊ से 2022 का विधानसभा चुनाव जीतने वाले सोलंकी को सजा के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
इरफान सोलंकी के मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्देश चर्चा में
समाजवादी पार्टी खेमे में आज तेजी के साथ चर्चा हुई है कि सुप्रीम कोर्ट ने इरफान सोलंकी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट को पुनर्विचार याचिका पर 10 दिन के अंदर फैसला करने का निर्देश दिया है। इरफान सोलंकी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपनी दोष सिद्धि के विरोध में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर रखी है।
बताया जाता है सुप्रीम कोर्ट में इरफान सोलंकी के वकील अभिषेक सिंघवी कहा कि हाई कोर्ट उनके मामले में सुनवाई नहीं कर रहा है और टालमटोल किया जा रहा है। इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को 10 दिन में मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया है।
ऊपर वाले पर भरोसा, इंसाफ जरूर मिलेगा: नसीम सोलंकी
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम ने कहा कि ऊपर वाले का और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का शुक्रिया है। ऊपरवाला ही रहम कर रहा है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने में मदद की है। अदालत के आदेश से इंसाफ की उम्मीद बढ़ गई है।
एमपी-एमएलए कोर्ट सुनाई थी सात साल की सजा
एमपी-एमएलए कोर्ट ने सात जून को सपा विधायक इरफान सोलंकी, उसके भाई रिजवान, शौकत, शरीफ और इजरायल आटे वाले को आगजनी में सात साल कैद की सजा सुनाई थी। तीन जून को पांचों को अदालत ने बलवा, विस्फोटक पदार्थ या अग्नि से घर नष्ट करना, आर्थिक क्षति पहुंचाने, धमकाने और गाली गलौज का दोषी करार दिया था। सात साल की सजा होने के कारण इरफान की विधायकी चली गई थी।
ये था मामला
डिफेंस कालोनी जाजमऊ निवासी नजीर फातिमा ने आरोप लगाया था कि सात नवंबर 2022 को विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी व अन्य लोगों ने रात आठ बजे उसके प्लाट में आग लगा दी। प्लाट के एक हिस्से में अस्थाई निर्माण कर वह रहती थीं। आग से उनकी गृहस्थी जलकर राख हो गई।
मामले की रिपोर्ट आठ नवंबर 2022 को जाजमऊ थाने में दर्ज हुई थी। इरफान सोलंकी ने 22 दिसंबर 2022 को पुलिस के सामने समर्पण कर दिया था। इरफान, रिजवान, शौकत, शरीफ और इजरायल आटे वाले के खिलाफ 30 जनवरी 2023 को विचारण शुरू हुआ था। छह मार्च 2023 को आरोप तय हुए थे।
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