Americans से करोड़ों ठगने के बाद कनाडा में बसने के लिए जसराज ने देखा था घर, कानपुर पुलिस ने खोले कई राज
कानपुर के काकादेव में फर्जी काल सेंटर संचालक मोहिंद्र शर्मा के साथी जसराज को पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद 20 जुलाई को जेल भेजा था। पुलिस ने अमेरिका के पेमेंट गेटवे और कनाडा की कंपनी की जांच के लिए दूतावास से संपर्क किया है।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Sat, 24 Jul 2021 01:57 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। अमेरिकी नागरिकों के कंप्यूटर पर मालवेयर वायरस भेजकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले काल सेंटर संचालक मोहिंद्र शर्मा के गिरोह का मास्टर माइंड जसराज सिंह कनाडा में बसने की तैयारी कर रहा था। उसने अपना पासपोर्ट एक एजेंट को दिया था, जो कनाडा का वीजा दिलाने में मदद कर रहा था। कनाडा भागने से पहले ही वह पकड़ा गया। अब पुलिस उसके अमेरिका निवासी दोस्त टाड एल. थामस की पेमेंट गेटवे कंपनी और कनाडा निवासी हर्ष बरार की कंपनी की जांच के लिए दूतावास से संपर्क कर रही है।
आठ दिन पहले पुलिस ने काकादेव के ओम चौराहे पर फर्जी अंतरराष्ट्रीय काल सेंटर का राजफाश किया था। संचालक मोहिंद्र शर्मा, उसके साथियों सूरज सुमन, संजीव गुप्ता, जिकरुल्ला को गिरफ्तार किया था। आरोपित अमेरिकी नागरिकों के कंप्यूटर पर विज्ञापन के रूप में मालवेयर वायरस भेजते थे और कंप्यूटर हैक करके डाटा चोरी कर लेते थे। इसके बाद तकनीकी सपोर्ट के नाम पर खातों में पैसा जमा कराते थे। पुलिस ने तीन दिन पूर्व मोहिंद्र के साथी नई दिल्ली निवासी जसराज सिंह उर्फ राज सिंहानिया को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वह अमेरिकी खातों में मौजूद रकम फर्जी नाम-पते पर खोली गईं अपनी कंपनियों के बैंक खातों में मंगवाता था। इसके लिए अमेरिकी दोस्त टाड एल. थामस की एमआइपीएल आनलाइन पेमेंट गेटवे कंपनी व कनाडा की कंपनी क्वार्की इंटरप्राइजेज के खाते का इस्तेमाल करता था।
क्राइम ब्रांच टीम ने बताया कि जसराज ने कनाडा में दोस्त हर्ष बरार से बात करके किराये का एक घर भी देखा था। उसके खाते में कुछ पैसे भी जमा किए थे, ताकि जरूरी सुविधाएं जुटाई जा सकें। उसे उम्मीद थी कि दिल्ली निवासी एजेंट उसे जल्द ही वीजा दिलवा देगा। कनाडा जाने के बाद उसकी कोशिश वहां की नागरिकता लेने की थी। एक बार अगर जसराज कनाडा चला जाता तो उसे पकड़ पाना और मुश्किल हो जाता।
काल सेंटर मामले की जांच क्राइम ब्रांच को
फर्जी काल सेंटर मामले में काकादेव में दर्ज हुए मुकदमे की जांच अब क्राइम ब्रांच स्थानांतरित कर दी गई है। इससे पूर्व स्वरूप नगर थाना प्रभारी अश्विनी कुमार पांडेय को जांच सौंपी गई थी। अश्विनी पांडेय ने ही नई दिल्ली के जनकपुरी निवासी जसराज को गिरफ्तार कर गिरोह का अमेरिका व कनाडा से कनेक्शन उजागर किया था।
दूतावास के माध्यम से पीडि़तों से किया संपर्कपिछले दिनों पुलिस ने अमेरिका में ठगी का शिकार हुए करीब डेढ़ सौ लोगों को ईमेल भेजकर घटना का ब्योरा मांगा था, लेकिन किसी ने भी जानकारी नहीं दी। सूत्रों के मुताबिक अब पुलिस अमेरिका में भारतीय दूतावास से संपर्क कर दोबारा ईमेल भेजेगी। सीबीआइ को भी मामले की जानकारी दी गई है, क्योंकि सीबीआइ ही इंटरपोल की मदद ले सकती है।
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