अमित शाह ने यूपी में चौथे चरण की 13 लोकसभा सीटों के लिए दिया जीत का मंत्र, बोले- गुजरात मॉडल पर करें काम
कानपुर और अकबरपुर संसदीय क्षेत्र में टिकट का विरोध शांत होने के बाद भाजपा की 13 संसदीय सीटों की संगठनात्मक बैठक का फोकस मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर रहा। कानपुर-बुंदेलखंड और अवध क्षेत्र की इन सीटों पर गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा संयोजकों को प्रचार से मतदान तक का रोड मैप समझाया और एक-एक मतदाता के घर तीन-तीन बार जाने के लिए कहा।
जागरण संवाददाता, कानपुर। कानपुर और अकबरपुर संसदीय क्षेत्र में टिकट का विरोध शांत होने के बाद भाजपा की 13 संसदीय सीटों की संगठनात्मक बैठक का फोकस मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर रहा।
कानपुर-बुंदेलखंड और अवध क्षेत्र की इन सीटों पर गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा संयोजकों को प्रचार से मतदान तक का रोड मैप समझाया और एक-एक मतदाता के घर तीन-तीन बार जाने के लिए कहा। अहसास करने के लिए कहा कि कौन-कौन पार्टी को वोट देने जा रहा है।
हर लोकसभा क्षेत्र में कितने वोट मिलने जा रहे हैं, इसे वाट्सएप पर उन्हें और प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी को भेजने का निर्देश दिया। पदाधिकारियों के मन की बात भांपते हुए बोले कि आपको यही दुख है कि हम सपा, बसपा, कांग्रेस से नेता ले रहे हैं। पार्टी को इतना मजबूत बना दें कि हमें बाहर से नेताओं को लेने की जरूरत न रहे।
प्रकाश शर्मा ने किया था विरोध
बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक प्रकाश शर्मा ने नगर में रमेश अवस्थी को टिकट देने का विरोध किया था। वह भी नामांकन कराने जा रहे थे। बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा अकबरपुर क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र सिंह भोले के नामांकन जुलूस में शामिल नहीं हुए थे। इसकी शिकायत ऊपर तक गई थी।
माना जा रहा था कि शाह इस पर बात करेंगे। इससे पहले ही प्रकाश शर्मा मान गए और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सांगा को बुलाकर चुनाव में लगने के लिए कहा था। दोनों मामले शांत होने के बाद शाह की बैठक एक-एक मतदाता को मतदान के लिए घर से निकालने पर केंद्रित हो गई।
गृह मंत्री इटावा से हेलीकाप्टर से पुलिस लाइन पहुंचे। 5.20 बजे वह खलासी लाइन स्थित विजय इंटरकांटिनेंटल होटल गए और संगठनात्मक बैठक की। यहां कानपुर, अकबरपुर, इटावा, कन्नौज, फर्रुखाबाद और अवध क्षेत्र की शाहजहांपुर, खीरी, उन्नाव, हरदोई, मिश्रिख, धौरहरा, बहराइच, सीतापुर संसदीय सीटों के संयोजकों, प्रभारियों और जिलाध्यक्षों को बुलाया गया था।
शाह का फोकस एक-एक कार्यकर्ता को काम देने पर रहा। उन्होंने कहा कि चुनाव जनसभाओं और शोर शराबे से नहीं, मंडल और पन्ना प्रमुख स्तर पर बैठकें करने से जीता जाता है। जिस तरह गुजरात में भाजपा जीत रही है।लोकसभा संयोजकों को समझाया कि वे मंडल स्तर पर बैठकें करें। जो मंडल पदाधिकारी हैं, उन्हें शक्ति केंद्र प्रभारी बनाएं। वे बूथ अध्यक्षों की और बूथ अध्यक्ष पन्ना प्रमुखों की बैठक करें। पन्ना प्रमुख एक-एक घर में तीन-तीन बार जाएं। इससे अंदाजा होता है कि कौन पार्टी को वोट देने जा रहा है। जहां काम पूरा नहीं हुआ है वहां दो परिवार पर एक पन्ना प्रमुख लगाया जाए। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह ने की।
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