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जानें- कायमगंज की इस अनामिका शुक्ला का सच, कैसे बीए पास सुप्रिया सिंह बन गई साइंस टीचर

anamika shukla update सुप्रिया के पिता ने मैनपुर के अध्यखपक को मास्टर माइंड बताया है और नौकरी लगवाने के लिए एडवांस पचास हजार रुपये के बाद बाकी वेतन से लेने की जानकारी दी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Sun, 07 Jun 2020 04:15 PM (IST)
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जानें- कायमगंज की इस अनामिका शुक्ला का सच, कैसे बीए पास सुप्रिया सिंह बन गई साइंस टीचर

फर्रुखाबाद, जेएनएन। यूपी में शिक्षा जगत में तहलका मचाने वाली अनामिका शुक्ला के नाम के फ्रॉड की परतें दर पर दर खुलती जा रही रही हैं। कायमगंज में भी अनामिका शुक्ला के नाम से बीए पास सुप्रिया साइंस टीचर बनकर पढ़ा रही थी। उसके घर पर ताला लगा है और परिवार वाले गायब हैं लेकिन किसी तरह सामने आए पिता ने धोखाधड़ी के संजाल की कई परतें उजागर की हैं।

कायमगंज के ब्लाक नवाबगंज के गांव रजपालपुर की रहने वाली सुप्रिया सिंह भी कासगंज में अनामिका शुक्ला के शैक्षिक अभिलेखों से साइंस टीचर की नौकरी कर रही थी। रविवार को उसका घर बंद मिला और आवाज देने पर भी दरवाजे नहीं खुले। पड़ोसियों से जानकारी पर कुछ दूरी पर एक पार्क में सुप्रिया के पिता महिपाल सिंह मिले। उन्होंने बताया कि दो पुत्रियां प्रतिभा और सुप्रिया हैं। बड़ी बेटी प्रतिभा हाई स्कूल करने के बाद पढ़ाई छोड़कर घर बैठी है।

छोटी बेटी सुप्रिया ने ग्राम भटासा के रामदर्शनी राजकीय इंटर कालेज से इंटरमीडिएट व कायमगंज के शकुंतला देवी कालेज से बीए किया है। पूछने पर महिपाल सिंह ने बताया कि सुप्रिया ने बीएससी या बीएड की पढ़ाई नहीं की है। बीए करने के बाद मैनपुरी के एक अध्यापक ने डेढ़ लाख रुपये तय किए थे और उसने ही सुप्रिया की कासगंज में साइंस टीचर की नौकरी लगवाई थी।

नीतू नाम का अध्यापक है मास्टर माइंड

महिपाल सिंह की बात पर विश्वास किया जाए तो मैनपुरी में रहने वाला अध्यापक नीतू उनके घर भी आया था, उसने ही कस्तूरबा स्कूल कासगंज में सुप्रिया की नौकरी लगवाने के लिए एडवांस में पचास हजार रुपये लिए थे। बाकी एक लाख रुपये सुप्रिया का वेतन मिलने पर ले रहा था। करीब एक वर्ष से सुप्रिया कासगंज में रह रही थी और लाॅकडाउन के समय गांव आ गई थी। जब नीतू की जालसाजी का पता लगा तो सुप्रिया शनिवार को अपने भाई संघरत्न के साथ इस्तीफा देने कासगंज गई थी, जहां उसे पकड़ लिया गया। महिपाल ने बताया कि फ्राड करने वाला नीतू खुद को कंपिल क्षेत्र के प्राइमरी स्कूल का अध्यापक बताता था।

हम तो ठगे गए

महिपाल ने बताया कि वह बहुत गरीब आदमी हैं, दो बीघा ही खेती है और जैसे तैसे बच्चों को पढ़ाया। उसकी बेटी दोषी नहीं है, वह तो शातिर नीतू के झांसे में आकर ठगी का शिकार हुई और उसके डेढ़ लाख रुपये ठगे गए। अनामिका शुक्ला ने नाम पर नौकरी के मामले से उन्होंने खुद को अनजान बताया।

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