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कानपुर में भी है कांच का मंदिर, 150 साल प्राचीन मंदिर में है राजस्थानी और ईरानी वास्तुकला का बेजोड़ संगम

कानपुर के कमला टॉवर स्थित मंदिर में 15वें तीर्थंकर धर्मनाथ स्वामी और 7वें तीर्थंकर सुपाश्र्वनाथ की प्रतिमा स्थापित है। 25 फरवरी को 150 वर्ष पूरे होने पर मंदिर में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Wed, 17 Feb 2021 08:57 AM (IST)
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कानपुर में आकर्षित करता है कांच का मंदिर।

कानपुर, [अंकुश शुक्ल]। यूपी में वृंदावन और मध्य प्रदेश में इंदौर ही नहीं कानपुर शहर में भी कांच का मंदिर बेहद आकर्षित करने वाला है। 150 वर्ष पूरे करने जा रहा यह मंदिर वास्तुकला व स्थापत्य कला में शहर के जैन मंदिरों का अद्वितीय इतिहास एक और पड़ाव तक पहुंचने वाला है। कांच के मंदिर के नाम से पहचाना जाने वाला कमला टावर स्थित श्री धर्मनाथ स्वामी जैन श्वेतांबर मंदिर 25 फरवरी को 150 साल का हो जाएगा। इस दिन यहां पर मंदिर प्रबंधन द्वारा ध्वजारोहण, विशेष अभिषेक व स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया जाएगा।

मंदिर समिति के अध्यक्ष संजय भंडारी ने बताया कि कांच से बने इस मंदिर की बेजोड़ कारीगरी अकल्पित है। इसमें 15वें तीर्थंकर धर्मनाथ स्वामी और सातवें तीर्थंकर सुपाश्र्वनाथ भगवान की प्रतिमा स्थापित है। पूरा मंदिर कांच से बना हुआ है। कांच की दीवारों पर राजस्थानी व ईरानी शैली की अद्भुत कला दिखाई देती है। दीवारों पर बिहार के सम्मेद शिखर (जहां 20 तीर्थंकर को मोक्ष प्राप्त हुआ) की कलाकृति को उकेरा गया है।

कोलकाता के मंदिर की तर्ज पर हुआ निर्माण

मंदिर का निर्माण रघुनाथ प्रसाद भंडारी ने कोलकाता के बड़ा बाजार स्थित मंदिर की तर्ज पर कराया था। समिति के अध्यक्ष ने बताया कि कांच के टुकड़ों को तराशकर उसमें चित्रकारी की गई। मंदिर के बीच में एक बगीचा भी है, जो इसे रमणीय रूप देता है।

150वीं वर्षगांठ पर होंगे यह आयोजन

मंदिर के 150 साल पूरे होने पर 23 फरवरी को 18 प्रकार का अभिषेक पूजन किया जाएगा। इसके बाद गांवसाझी, महिला संगीत, भक्ति संध्या होगी। 24 को श्री सिद्ध चक्र पूजन, मंदिर का इतिहास दर्शन तथा 108 दीपों की आरती और 25 फरवरी को ध्वजारोहण, सत्तरभेजी पूजा का आयोजन किया जाएगा।

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