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‘जवानी’ के नाम पर करोड़ों ठगने वाले राजीव-रश्मि का एक और कारनामा, हैरान कर देगी मॉडस ऑपरेंडी!

कानपुर में जवान बनाने वाली मशीन के नाम ठगी करने वाले राजीव द्विवेदी और पत्नी रश्मि का एक और कारनामा सामने आया है। उन्होंने एपेक्स क्वाइन ऐप से क्रिप्टो करेंसी और फर्जी मुद्रा एयू के नाम पर ठगी की है। पुलिस ने इस मामले में साइबर सेल की मदद से जांच शुरू की है। आरोपी दंपती पर चार्जशीट लगना तय है। ठगी के शिकार 100 से ज्यादा लोग हैं।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Sat, 26 Oct 2024 05:30 AM (IST)
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ठगी के आरोपी राजीव दुबे और उनकी पत्नी रश्मि दुबे। फोटो- सोशल मीडिया
जागरण संवाददाता, कानपुर। जवान बनाने वाली मशीन के नाम पर 35 करोड़ से ज्यादा की ठगी के आरोपी स्वरूप नगर के राजीव द्विवेदी और उनकी पत्नी ने एपेक्स क्वाइन ऐप नाम से क्रिप्टो करेंसी और डॉलर की जगह एयू नाम की मुद्रा फर्जी मुद्रा बनाई थी। इसके जरिए भी दोनों ने करोड़ों रुपये लोगों के हड़पे हैं।

फर्जीवाड़ा सामने आने पर ऐप ही डिलीट कर दिया था, लेकिन ऐप बनाने वाले झांसी के डेवलपर ने एसआईटी को दंपती की करतूतें बयां कर दी। पुलिस अब ऐप की आगे की सच्चाई जानने के लिए साइबर सेल की मदद भी ले रही है।

रश्मि द्विवेदी भी बराबर की आरोपी

एसआईटी ने बताया कि ठगी का मुख्य आरोपी राजीव द्विवेदी है, लेकिन उनकी पत्नी रश्मि द्विवेदी भी फर्म में साझीदार हैं, इसलिए वह भी बराबर की आरोपी हैं। जांच में पहले रिवाइवल वर्ल्ड कंपनी में ऑक्सीजन थेरेपी मशीन के नाम पर नेटवर्क मार्केट से ठगी का आरोप लगाने वाले अब तक 20 लोग तहरीर दे चुके हैं। 

मशीन बनाने वाले इंजीनियर, पीड़िता आरोपी दंपती समेत आठ-नौ लोगों के बयान लिए जा चुके हैं। इसके साथ ही इन सभी से कई साक्ष्य भी जुटाए गए थे।

जांच के दौरान सामने आया था एपेक्स ऐप का नाम

रिवाइवल वर्ल्ड कंपनी की जांच के दौरान एपेक्स ऐप का नाम भी सामने आया था, जिसे क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी होने की जानकारी मिली। इसके भी कई पीड़ितों ने तहरीर दिए थे, लेकिन ऐप डिलीट मिला।

ऐप बनाने वाले झांसी निवासी डेवलपर से संपर्क हुआ तो उसने फर्जीवाड़ा बताया। उसने बताया कि एपेक्स ऐप क्वाइन नाम से क्रिप्टो करेंसी और एयू नाम से डॉलर की जगह अपनी मुद्रा तैयार कराई गई थी। ऐप रिकवर करने की प्रक्रिया की जा रही है, लेकिन उनके पास 100 से ज्यादा लोग हैं, जो एपेक्स क्वाइन ऐप से जुड़े थे। 

एक एयू 90 रुपये का बताया

ऐप में लोगों ने 10 हजार से दो लाख रुपये तक लगाए थे। दंपती ने क्रिप्टो करेंसी एयू नाम से बनाई थी, जिसमें वह एक एयू 90 रुपये का बताया गया था। कम से कम 100 एयू लेने पर ही एक आईडी बनाती थी। एसआईटी के मुताबिक, काफी साक्ष्य ठगी करने के प्राप्त हो गए हैं। इससे अब आरोपी दंपती के खिलाफ चार्जशीट लगना तय है। 

दो वर्ष में रकम दोगुनी करने का झांसा

वहीं, एक पीड़ित किदवई नगर निवासी संजीव कुमार पाठक ने बताया कि एपेक्स क्वाइन नाम से क्रिप्टो करेंसी में उन्होंने पांच लाख रुपये लगाए थे। उन्हें बताया गया था कि 8.5 प्रतिशत प्रतिमाह ब्याज या दो वर्ष में रकम दोगुनी हो जाएगी। 

यही नहीं लखनऊ में उनका ब्लाकचेन का ऑफिस भी खुल रहा है, जिससे और भी ज्यादा मुनाफा होगा। एपेक्स क्वाइन की कीमत ज्यादा बढ़ जाएगी। वह इसी लालच में आ गए थे।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

न्यूयॉर्क के लीगल इंफॉर्मेशन संस्थान के अनुसार, मॉडस ऑपरेंडी एक लैटिन वाक्यांश है, जिसका का अर्थ ‘काम करने का तरीका’ होता है। आपराधिक मामलों में मॉडस ऑपरेंडी अपराध के तरीके की व्याख्या करता है, जिससे आरोपी या अपराधी के तौर-तरीके की पहचान होती है।