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10 हजार की रिश्वत ले रहा था सरकारी कर्मचारी, एंटी करप्शन की टीम ने रंगे हाथ किया गिरफ्तार

भ्रष्टाचार निरोधक संगठन ने बुधवार को किदवई नगर संजय वन के पास वन विभाग के अधिष्ठापन लिपिक को सेवानिवृत्त वन दारोगा से 10 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ दबोच लिया। एंटी करप्शन कानपुर मंडल के प्रभारी निरीक्षक ने आरोपित के खिलाफ किदवई नगर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया।इसके बाद टीम उसे पूछताछ व आगे की कार्रवाई के लिए अपने साथ लखनऊ कार्यालय ले गई।

By ankur Shrivastava Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 30 May 2024 09:02 AM (IST)
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भ्रष्टाचार निरोधक संगठन ने वन विभाग के अधिष्ठान लिपिक 10 हजार घूस लेते दबोचा

जागरण संवाददाता, कानपुर। भ्रष्टाचार निरोधक संगठन ने बुधवार को किदवई नगर संजय वन के पास वन विभाग के अधिष्ठापन लिपिक को सेवानिवृत्त वन दारोगा से 10 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ दबोच लिया। एंटी करप्शन कानपुर मंडल के प्रभारी निरीक्षक ने आरोपित के खिलाफ किदवई नगर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया।इसके बाद टीम उसे पूछताछ व आगे की कार्रवाई के लिए अपने साथ लखनऊ कार्यालय ले गई।

भ्रष्टाचार निरोधक संगठन के प्रभारी निरीक्षक जटाशंकर सिंह के मुताबिक, बर्रा दो निवासी धीरेन्द्र कुमार बाजपेई वन दारोगा के पद से 30 अप्रैल 2023 को सेवानिवृत्त हुए थे। उनका सेवानिवृत्त के बाद ग्रेच्युटी धनराशि, पेंशन निर्धारण, सामूहिक बीमा व अन्य समय-समय पर जारी लंबित देय का भुगतान नहीं हुआ है। इसकी शिकायत उन्होंने तहसील दिवस पर की थी, जिसमें विभाग द्वारा कहा गया कि उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही होने के कारण वंचित रखा गया है।

सिर्फ जीपीएफ और अवकाश नकदीकरण का भुगतान हुआ है। धीरेन्द्र के अनुसार अनुशासनिक कार्यवाही मुख्य वन संरक्षक कानपुर मंडल के आदेश पर 13 मार्च 2024 को समाप्त की जा चुकी है।उन्होंने 15 मई को पुन: पत्र वन विभाग को दिया। इसके बाद 22 मई को विभाग के अधिष्ठापन लिपिक व अतिरिक्त पद सम्प्रति अपर सांखिकीय अधिकारी बृजेन्द्र सिंह से मिलने पहुंचे थे, जहां उनसे 20 हजार रुपये मांगे गए।

काफी आग्रह करने पर 15 हजार रुपये में वह कार्य करने के लिए तैयार हुए थे। उसने एडवांस 10 हजार रुपये मांगे। धीरेन्द्र उसे घूस नहीं देना चाहते थे। उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक संगठन कार्यालय पहुंचकर शिकायत की। जटाशंकर के मुताबिक,उच्चाधिकारियों के आदेश पर उन्होंने टीम गठित की गई। इसके बाद जिलाधिकारी से दो लोकसेवक गवाह के लिए मांगे गए।

उन्होंने जिला विकास कार्यालय के सहायक लेखाकार ऋषभ शर्मा और जिला कृषि अधिकारी कार्यालय के लेखाधिकारी धवन सोनकर को नामित किया। इसके बाद धीरेन्द्र द्वारा बृजेंद्र को रुपयों के लिए बुलवाया गया। बुधवार को उसने किदवई नगर संजय वन के पास बुलाया था। इस पर धीरेन्द्र को घूस देने वाले 10 हजार में 500 रुपये के 20 नोट को एक सफेद कागज में फिनाफ्थलीन पाउडर लगाकर दे दिया।

बृजेंद्र बुधवार को वहां पहुंचकर धीरेन्द्र को फोन पर जानकारी दी। कुछ ही देर में धीरेन्द्र भी पहुंच गए। कागज में लिपटे नोटों को देने पर जैसे ही उसने जेब में रखा। उनकी टीम ने उसे रंगेहाथ दबोच लिया। बृजेंद्र ने बताया कि वह मृलरूप से झांसी के प्रेमनगर महावीरनपुरा निवासी है। मामले में प्रभारी निरीक्षक जटा शंकर ने बताया कि किदवई नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया, जिसके बाद टीम उसे लखनऊ ले गई, जहां उसके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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