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जनहित में हटेगा अनवरगंज-मंधना रेलवे ट्रैक, राज्य सरकार से लिया जाएगा सहयोग

उत्तर मध्य रेलवे के डीआरएम अमिताभ कुमार ने कहा, रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया, टीम करेगी सर्वे।

By JagranEdited By: Updated: Sat, 01 Sep 2018 06:20 PM (IST)
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जनहित में हटेगा अनवरगंज-मंधना रेलवे ट्रैक, राज्य सरकार से लिया जाएगा सहयोग

जेएनएन, कानपुर : अनवरगंज-मंधना रेलवे ट्रैक हटाने के लिए प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है। जनहित को ध्यान में रखते हुए रेलवे बोर्ड की टीम सर्वे करेगी। जनहित के आधार पर रेलवे ट्रैक हटाने की सहमति बनी तो इसपर काम शुरू कराया जाएगा। यह बात शनिवार को सेंट्रल स्टेशन पर एक प्रेस वार्ता में उत्तर मध्य रेलवे के डीआरएम अमिताभ कुमार ने कही।

उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड की टीम के सर्वे के बाद यदि जनहित में रेलवे ट्रैक हटाने की बात सामने आती है, उसे हटाया जाएगा। अनवरगंज से मंधना तक रेलवे ट्रैक हटाने से मंधना से पनकी तक नया ट्रैक बिछाने में भूमि अधिग्रहण आदि मुद्दों पर राज्य सरकार से वार्ता कर सहयोग लिया जाएगा और प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर-2 व तीन का विस्तार कराना बड़ा काम है। इसके लिए अगले सप्ताह मुंबई में मुख्य संरक्षा आयुक्त के साथ इंजीनियरों की बैठक होगी, जिसमें तय होगा कि काम कब से शुरू किया जाए। गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन पर महिला शौचालयों के न होने के बारे में प्रश्न पर डीआरएम ने कहा कि इसकी रूपरेखा तैयार हो चुकी है और एक एनजीओ से करार हो गया है। विभिन्न छोटे स्टेशनों पर शौचालय बनवाने के लिए रेलवे भूमि उपलब्ध कराएगी और एनजीओ द्वारा शौचालय बनवाने के साथ देखरेख की जिम्मेदारी होगी। उन्होंने बताया कि पनकी में इंटरलॉकिंग का काम 25 सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद ट्रेनों का संचालन बेहतर हो सकेगा। कानपुर सेंट्रल और पनकी स्टेशन के बीच ट्रेनों के फंसने की समस्या दूर जाएगी। - - - - - - - - - - - - - - -

गुमशुदा बोगियों की तलाश करेगा रेलवे

कानपुर: दर्जनों गायब कोचों की तलाश के लिए रेलवे ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्तर पर कोच मानीट¨रग अभियान चलाया। यह अभियान सात साल बाद चलाया जा रहा है।

रेलवे के पास लाखों कोच और वैगन हैं। कौन सा कोच या वैगन कहां है, इसका डाटा रेलवे के पास है, लेकिन यह डाटा पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके बावजूद रेलवे के कई कोच और वैगन लापता हैं। इनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। ऐसे गुमशुदा कोचों को तलाशने के लिए रेलवे ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया। इसके तहत प्रमुख रेलवे स्टेशनों से गुजरने वाली प्रत्येक ट्रेन के हर एक कोच की उसके कोच नंबर के साथ गणना की गई। इसके लिए सभी रेल मंडलों को वाट्सएप के जरिये जोड़ा गया। इसके अलावा डिपो में खड़े कोच के नंबर भी कंट्रोल रूम को दिए गए। इस कवायद का मकसद यह है कि जो कोच या वैगन रिकार्ड से बाहर हैं, उन्हें रिकार्ड में शामिल किया जा सके।

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